शिमला: नगर निगम शिमला ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 297 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. इस बार का बजट पिछले बजट से 58 करोड़ रुपये कम है. महापौर कुसुम सदरेट ने अपने बजट भाषण में शहर वासियों को कई नई योजनाएं समर्पित की हैं.
निगम ने बजट में घोषणा करते हुए कहा है कि निगम की परिधि में आने वाले सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं में प्रदेश स्तर पर जो छात्र टॉप करेंगे उसे नगर निगम की तरफ से लैपटॉप दिए जाएंगे. सड़कों, निगम के भवनों, पार्किंग, नाले-नालियों के निर्माण, जल वितरण और सीवरेज लाइन बिछाने, स्ट्रीट लाइट लगवाने, कार्यालय के लिए फर्नीचर व सामग्री खरीद के लिए 2390.50 लाख का बजट रखा गया है.
नगर निगम की आय 12174.41 लाख रुपये अनुमानित हैं. नगर निगम शिमला को ग्रीन फीस से 15 करोड़ की आय की संभावना है. इसी तरह से टूटीकंडी पार्किंग से 12 करोड़ की आय का अनुमान लगाया गया है.
नगर निगम अमृत मिशन में पूरी राशि को खर्च नहीं कर पाया. शहरी गरीबों को जो 300 घर देने थे वो भी निगम नहीं दे पाया है. नया टाउन हॉल बनाने की नगर निगम के बजट में बात कही गई है जबकि पुराना टाउन को बचाने में निगम विफल रहा है. नगर निगम और जल प्रबंधन निगम के अलग होने से इस बार बजट कम पेश हुआ है.
महापौर कुसुम सदरेट ने कहा कि नगर निगम के आए के स्त्रोत कम सीमित हैं इसलिए निगम अपने स्तर पर आय बढ़ाने का प्रयास करेगा. निगम की आय कम होने और व्यय में भी सुंतलन रहा है. चालू वित्तीय वर्ष में 31 दिसंबर 2018 तक निगम के आय स्त्रोतों से 3504.18 लाख रुपये और राज्य वित्त आयोग की सिफारिश के अनुरूप 2871. 21 लाख रुपये, शिमला वाटर सप्लाई व सीवरेज सर्कल को 1052.98 लाख रुपये सहित कुल राशि 7428. 37 लाख राजस्व आय, विभिन्न स्कीम्स के अंतर्गत अनुदान राशि 1948.49 लाख रुपये कुल 9376.86 लाख रूपये की प्राप्ति जबकि 31 दिसंबर 2018 तक कुल व्यय 10083.61 लाख रुपये हुआ है.
तहबाजारियों को मिलेगी जगह
निगम ने अपने बजट में तहबाजारियों के लिए प्रावधान किया है. जिसके अनुसार शहर में वेंडिंग जोन चिन्हित किए जाएंगे. इस साल 447 व्यक्तियों का चयन बायोमेट्रिक सर्वे में किया गया है. पुलिस वेरिफिकेशन के बाद उन्हें पहचान पत्र जारी कर दिए जायेंगे. जिसमें एक परिवार के एक सदस्य को ही रखा गया है. स्मार्ट सिटी के मद्देनजर बाकि बचे तहबाजरियो का जून 2019 के बाद सर्वे किया जाएगा.
नगर निगम में गायों के लिए काउशैड्स का निर्माण किया गया था. उसी के मद्देनजर वर्तमान में गाय के संरक्षण के लिए जहां उपलब्धता होगी वहां गऊ सरक्षण केंद्र का निर्माण किया जाएगा. साथ ही नगर निगम जनता व पर्यटकों की सुविधा के लिए पब्लिक सेवाएं जैसे सार्वजनिक शौचालय, पार्किंग, वाटर एटीएम, की क्यू आर करने की प्रस्तावना है. जिससे शहरवासियो और पर्यटकों को शहर की सुविधा के बारे में उपयुक्त जानकारी मिलेगी.
शहर में आने वाले गरीब स्तर के लोगों के लिए आईजीएमसी, केएनएच व डीडीयू में स्वयं सेवी संस्था द्वारा रोजाना भरपेट भोजन की व्यवस्था की जाएगी. जिसे निगम रसोई योजना का नाम दिया गया है.
बजट में प्रावधान है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जरिए नगर निगम स्वास्थ्य प्रयोगशाला शुरू करेगा. जिसमें शहरवासियों को विभिन्न प्रकार के टेस्ट (जैसे खून टेस्ट) की सुविधा उपलब्ध रहेगी. इस योजना में वरिष्ठ नागरिकों व महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर सुविधा प्राप्त होगी. प्रयोगशाला में सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर शुल्क लिया जाएगा.
इसके अलावा शहर में निधन होने पर शव वाहन ना मिलने से लोगो को परेशानी होती है. निगम ने बजट में प्रावधान किया है कि निगम शव वाहन चलाएगा और शव को गंतव्य तक पहुंचाना निशुल्क होगा. अगर शव पैतृक गांव ले जाया जाना हो तो ईंधन का खर्च देना होगा. इस योजना के लिए स्मार्ट सिटी के तहत धन खर्च किया जायेगा.
आधुनिकता के युग में नगर निगम शिमला की कार्यप्रणाली को हाईटेक किया जायेगा. बजट में ई विधान प्रणाली को शीघ्र अपनाने की प्रस्तावना लाई जा रही है. इस प्रणाली के तहत निगम को पेपरलेस करने की योजना है. जिसमें लेखन सामग्री पर भी खर्चा कम होगा. इसके पहले चरण में सदन की कार्यवाही को उच्च प्रौद्योगिक तरीके से शुरू किया जाएगा. जिसमें बैठक से संबंधित काम सूची और कार्यवृत ई मेल मोबाइल एप के साथ जोड़ा जाएगा. ई विधान से जुड़ने वाली देश की पहली नगर निगम होगी.
विकासात्मक गतिविधियों के लिए बजट
निर्माण कार्यों के लिए 2365.00 लाख रुपये, स्ट्रीट लाइट लगाने/रख-रखाव के लिए 160.00 लाख रुपये, भवनों आवासों के रख-रखाव/निर्माण व सब्जी मंडी शॉपिंग कॉम्पलैक्स के निर्माण के लिए 900.00 लाख रुपये, पार्किंगों के रख-रखाव व निर्माण के लिए 315.00 लाख रुपये, नालों की चैनलाइजेशन/मुरम्मत/निर्माण के लिए 200.00 लाख रुपये, शौचालय के रख-रखाव/निर्माण के लिए 250.00 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे.
इसके अलावा पार्क/प्लेग्राउंड विकसित करने के लिए 280.00 लाख रुपये, शहर में डंपिंग साइट (सेनेटरी लैंडफिल साईटों) को विकसित करने के लिए 100.00 लाख रुपये, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 720.00 लाख रुपये, बार्ड कमेटियों की अनुशंसा पर वार्डों में नागरिक सुविधाओं के रख-रखाव व निर्माण कार्यों के लिए 850.00 रुपये, सड़क विक्रेताओं के पुनर्वास के लिए 50.00 लाख रुपये, राजीव आवास योजना के अंतर्गत आवासों का निर्माण के लिए 250.00 लाख रुपये, प्रधानमंत्री आवास योजन के अंतर्गत प्राप्त अनुदान राशि 4.00 लाख रुपये, अमृत मिशन के अंतर्गत किए जाने वाले कार्य के लिए 15000.00 लाख रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है.