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हिमाचल में हरियाली बढ़ाने के लिए चलेगा 'मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन', 10 हजार हेक्टेयर भूमि पर होगा प्लांटेशन

हिमाचल प्रदेश में 10 हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपे जाएंगे. 'मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन' के तहत 15 वन मंडलों में लगभग 257 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण किया जाएगा. पढ़ें पूरी खबर... (Green Cover Mission in Himachal) (plantation in himachal) (mukhyamantri green cover mission in himachal)

plantation in himachal
हिमाचल प्रदेश में 10 हजार हेक्टेयर भूमि पर पौधे रोपे जाएंगे.
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Published : Jul 4, 2023, 8:13 PM IST

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की बजट घोषणा को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए 'मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन' चलाया जाएगा. इसके तहत मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान राज्य के 15 वन मंडलों में लगभग 257 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. प्रदेश के हरित आवरण को बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल के तहत 'मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन' की शुरूआत की गई है. इसके तहत राज्य में बंजर पहाड़ियों के बड़े हिस्से पर पौधारोपण के माध्यम से चयनित भूमि में पर्यावरण-अनुकूल प्रजातियों का पौधरोपण कर पूरी पहाड़ी को हरित आवरण प्रदान किया जाएगा.

वन विभाग द्वारा इस साल बरसात के दौरान मिशन के अंतर्गत पौधरोपण के लिए विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान की गई है. इनमें कुल्लू वन मंडल में 30 हेक्टेयर, नाहन और सोलन में 25-25 हेक्टेयर, पार्वती में 22 हेक्टेयर और किन्नौर वन मंडल में 20 हेक्टेयर भूमि पौधरोपण के लिए चिन्हित की गई है. इस मिशन का लक्ष्य हरित आवरण को बढ़ाने के साथ-साथ पहाड़ी चोटियों पर जंगली खरपतवारों को खत्म करना भी है. इस पहल से राज्य में पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा.

इसके अतिरिक्त वन विभाग को अन्य विभागीय योजनाओं के तहत लगभग 10,000 हेक्टेयर भूमि पर पौध लगाने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. राज्य सरकार ने चिन्हित क्षेत्रों में पर्यावरण-अनुकूल प्रजातियां लगाने की योजना बनाई है, ताकि प्रदेश में इस मिशन की सफलता सुनिश्चित की जा सके. सरकार ने वन अधिकारियों को पौधरोपण की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी है. सरकार के इस विस्तृत दृष्टिकोण से पर्यावरण संरक्षण को बल मिलने के साथ-साथ प्रदेश का विकास भी सुनिश्चित होगा.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश की पहचान यहां के विविध पारिस्थितिकीय तंत्रों से है. प्रदेश में शिवालिक, पश्चिमी हिमालय और ट्रांस-हिमालयी क्षेत्रों के साथ-साथ ट्रांस-हिमालयी और हिमालयी जैव-भौगोलिक क्षेत्र शामिल हैं. सरकार प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण और प्रदेश के हरित भू-भाग को बढ़ाने की दिशा में ठोस एवं अग्रगामी कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षित कर, उन्हें स्वच्छ प्राकृतिक विरासत देने में 'मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन' मील पत्थर साबित होगा.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार बरसात के दौरान पौधरोपण गतिविधियों के लिए आवंटित धन का प्रभावी उपयोग और इस योजना की सफलता सुनिश्चित करेगी. उन्होंने विश्वास जताया कि इन संगठित प्रयासों के फलस्वरूप हिमाचल अपने वन क्षेत्र को बढ़ाकर हरित भविष्य की परिकल्पना को साकार करते हुए अन्य राज्यों के समक्ष एक उदाहरण स्थापित करेगा.

ये भी पढ़ें- 24 किलो सेब की पैकिंग की सिलिंग हटाने की तैयारी, एक हफ्ते में ही सरकार अपना फैसला करेगी रिव्यू: बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी

शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की बजट घोषणा को जमीनी स्तर पर उतारने के लिए 'मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन' चलाया जाएगा. इसके तहत मौजूदा वित्त वर्ष के दौरान राज्य के 15 वन मंडलों में लगभग 257 हेक्टेयर भूमि पर पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. प्रदेश के हरित आवरण को बढ़ाने के लिए एक महत्वाकांक्षी पहल के तहत 'मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन' की शुरूआत की गई है. इसके तहत राज्य में बंजर पहाड़ियों के बड़े हिस्से पर पौधारोपण के माध्यम से चयनित भूमि में पर्यावरण-अनुकूल प्रजातियों का पौधरोपण कर पूरी पहाड़ी को हरित आवरण प्रदान किया जाएगा.

वन विभाग द्वारा इस साल बरसात के दौरान मिशन के अंतर्गत पौधरोपण के लिए विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान की गई है. इनमें कुल्लू वन मंडल में 30 हेक्टेयर, नाहन और सोलन में 25-25 हेक्टेयर, पार्वती में 22 हेक्टेयर और किन्नौर वन मंडल में 20 हेक्टेयर भूमि पौधरोपण के लिए चिन्हित की गई है. इस मिशन का लक्ष्य हरित आवरण को बढ़ाने के साथ-साथ पहाड़ी चोटियों पर जंगली खरपतवारों को खत्म करना भी है. इस पहल से राज्य में पर्यावरण संरक्षण को भी बल मिलेगा.

इसके अतिरिक्त वन विभाग को अन्य विभागीय योजनाओं के तहत लगभग 10,000 हेक्टेयर भूमि पर पौध लगाने के लिए एक कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. राज्य सरकार ने चिन्हित क्षेत्रों में पर्यावरण-अनुकूल प्रजातियां लगाने की योजना बनाई है, ताकि प्रदेश में इस मिशन की सफलता सुनिश्चित की जा सके. सरकार ने वन अधिकारियों को पौधरोपण की निगरानी करने की जिम्मेदारी सौंपी है. सरकार के इस विस्तृत दृष्टिकोण से पर्यावरण संरक्षण को बल मिलने के साथ-साथ प्रदेश का विकास भी सुनिश्चित होगा.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश की पहचान यहां के विविध पारिस्थितिकीय तंत्रों से है. प्रदेश में शिवालिक, पश्चिमी हिमालय और ट्रांस-हिमालयी क्षेत्रों के साथ-साथ ट्रांस-हिमालयी और हिमालयी जैव-भौगोलिक क्षेत्र शामिल हैं. सरकार प्रदेश की समृद्ध जैव विविधता के संरक्षण और प्रदेश के हरित भू-भाग को बढ़ाने की दिशा में ठोस एवं अग्रगामी कदम उठा रही है. उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों के लिए पर्यावरण संरक्षित कर, उन्हें स्वच्छ प्राकृतिक विरासत देने में 'मुख्यमंत्री ग्रीन कवर मिशन' मील पत्थर साबित होगा.

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार बरसात के दौरान पौधरोपण गतिविधियों के लिए आवंटित धन का प्रभावी उपयोग और इस योजना की सफलता सुनिश्चित करेगी. उन्होंने विश्वास जताया कि इन संगठित प्रयासों के फलस्वरूप हिमाचल अपने वन क्षेत्र को बढ़ाकर हरित भविष्य की परिकल्पना को साकार करते हुए अन्य राज्यों के समक्ष एक उदाहरण स्थापित करेगा.

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