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मानसून सत्र का पहला दिन: सदन में मुकेश अग्निहोत्री का जुबानी हमला, बोले: कंफ्यूजन में सरकार

विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विपक्ष को नियम 67 के तहत चर्चा की अनुमति दी. सदन के सदस्यों की सहमती से आज के काम कल किए जाएंगे और आज इस विषय पर चर्चा की जा सकती है. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को प्रस्ताव पर उत्तर देने का अनुमति दी.

assembly session of himachal
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Published : Sep 7, 2020, 7:46 PM IST

शिमला: विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विपक्ष को नियम 67 के तहत चर्चा की अनुमति दी. प्रस्ताव पर सदन में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में प्रस्ताव रखा. इस पर बोलते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि आज 12:42 पर नेता प्रतिपक्ष ने सदस्यों के साथ नियम सटासट के तहत कोरोना वैश्विक महामारी के प्रबंधन और इसमें हुए व्यापक भ्रष्टाचार से संबंधित है. इस संबंध में विपक्ष के सदस्य से भी अलग-अलग प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इसके अलावा नियम 120 के तहत भी विपक्ष के सदस्यों की तरफ से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिन पर विचार करने के बाद नियम 130 के तहत चर्चा के लिए स्वीकृति प्रदान की है.

कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा देश

विपिन सिंह परमार ने सदस्यों को नियम के तहत चर्चा में भाग लेने का आग्रह किया और कहा कि अगर सदन के सदस्य सहमत हो तो आज के काम कल किए जा सकेंगे और आज इस विषय पर चर्चा की जा सकती है. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को प्रस्ताव पर उत्तर देने का अनुमति दी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 23 वर्षों से वह इस सदन में सदस्य के रूप में आ रहा है और आज देश कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र शुरू होने पर स्वाभाविक रूप से इस विषय पर चर्चा होना बनता है और सदस्यों की ओर से भिन्न-भिन्न नियमों के तहत चर्चा के लिए प्रस्ताव दिए गए हैं.

चर्चा के लिए तैयार सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि नियम 67 के तहत उस वक्त चर्चा की मांग की गई, जब हम यहां पहुंच चुके थे. कोरोना विषय पर अन्य नियमों के तहत भी चर्चा की जा सकती थी, लेकिन विपक्ष ने 67 के तहत चर्चा की मांग की गई. आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की गई हो, लेकिन विपक्ष में 67 के तहत चर्चा की मांग रखी और स्थगन प्रस्ताव की मांग की. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चर्चा से नहीं डरती. सरकार ने कुछ गलत नहीं किया है. सरकार चर्चा के लिए तैयार हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे गंभीर विषय पर प्रस्ताव सत्ता पक्ष की तरफ से आया है और पक्ष की तरफ से इस पर चर्चा होनी चाहिए. मुख्यमंत्री के उत्तर के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने फिर से नारेबाजी शुरू की.

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद शामिल मंत्रियों का हुआ परिचय

विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों को शांत करते हुए कहा कि नियम 67 के तहत नेता प्रतिपक्ष और सदस्यों ने जो नोटिस दिया था वह बिल्कुल सही है. सरकार ने भी इस प्रस्ताव को स्वीकार किया. इस पर नेता प्रतिपक्ष चर्चा शुरू करें. इसी बीच मंत्रिमंडल विस्तार के बाद शामिल किए गए तीन मंत्रियों का परिचय करवाते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, वन मंत्री राकेश पठानिया और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेंद्र नगर का परिचय सदन के सदस्यों से करवाया.

प्रस्ताव पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि नियम 67 के तहत हमने सरकार को मजबूर किया. विपक्ष ने आज इतिहास बना दिया है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम बहुत देर से मांग कर रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विशेष सत्र बुलाने की मांग से लगातार कतरा रहे थे, जब विपक्ष के सदस्यों ने सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ विधानसभा अध्यक्ष को विशेष सत्र में बुलाने की मांग रखी तो उस समय बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने उन सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे.

कंफ्यूजन में सरकार

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आज से 6 महीने पहले 8 मार्च को जब पिछला सत्र जारी था उस वक्त हमने कोविड पर चर्चा की मांग रखी थी, लेकिन उस वक्त मुख्यमंत्री ने चर्चा करने की मांग को टाल दिया था. अगर उस वक्त चर्चा की मांग स्वीकार कर ली जाती तो आज प्रदेश की यह स्थिति ना होती. उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर उस वक्त हिमाचल को कोरोना अफेक्टेड घोषित करने की तैयारी में लगे हुए थे. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री और इस कैबिनेट ने प्रदेश की जनता को खून के आंसू पिलाए हैं. प्रदेश में प्रशासन पूरी तरह से फेल हो गया है और सरकार आज कंफ्यूज होकर आज मिसमैनेजमेंट कर रही है. सरकार को खुद ही नहीं पता कि क्या करना है और क्या हुआ है. मुख्यमंत्री हर वक्त एक ही बात कहते हैं कि क्या विपक्ष की पीढ़ियों ने कोरोना झेला है. उन्होंने कहा कि हमने भी नहीं झेला है तो आपने भी नहीं झेला है.

बीजेपी सरकार से नाखुश प्रदेश की जनता

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जनता कर्फ्यू लगने से प्रदेश की जो बदहाली हुई है, जिस तरीके से प्रदेश को बर्बाद किया है. यह हिमाचल प्रदेश के इतिहास में लिखा गया है. कौन सी सरकार ने राशन के रेट के दाम बढ़ाएं, लेकिन आपने ऐसे समय में राशन के रेट बढ़ाएं और फिर आपने 23 रुपये की चीनी 30 रुपये की और नमक की कीमतें भी बढ़ाई. लोगों को सस्ते राशन की सुविधा से वंचित करने के लिए आपने नए-नए तरीके अपनाएं.

सरकारी कर्मचारियों को सस्ते राशन की सुविधा से बाहर कर दिया गया. अधिक लोगों को बाहर निकालने के लिए इनकम का क्राइटेरिया फिक्स कर दिया. आपने अपनी इनकम बढ़ाने के लिए लोगों के राशन में कटौती कर दी. मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में बिजली महंगी कर दी गई. उन्होंने कहा कि विधानसभा के बजट में कुछ पास हुआ, लेकिन आपने कैबिनेट में कुछ और पास किया. मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन निर्णय में मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट के सभी मंत्री बराबर के दोषी हैं और आज प्रदेश की जनता बीजेपी सरकार से पूरी तरह नाखुश है.

पेट्रोल और डीजल पर भी लगाया गया वैट

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ऊर्जा राज्य है. संकट काल में प्रदेश सरकार ने बिजली के दामों में बढ़ोतरी की अन्य राज्य बिजली खरीद कर अपनी जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन प्रदेश में बिजली उत्पन्न होती है और वर्तमान सरकार महंगी बिजली उपलब्ध करवा रही है. किराया बढ़ोतरी पर बोलते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जब से बीजेपी सरकार बनी है. तब से अब तक 50 प्रतिशत किराए में बढ़ोतरी कर दी गई है. कैबिनेट में फैसला किया गया और करीब 10 दिनों तक फैसले को सार्वजनिक नहीं किया गया. पहले 50 प्रतिशत किराए में बढ़ोतरी की गई, उसके बाद 25 प्रतिशत. न्यूनतम किराए में बढ़ोतरी पर बोलते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 5 रुपये से न्यूनतम किराया 7 रुपये कर दिया गया. इसके अलावा पेट्रोल और डीजल के दामों में भी बेहद आशा बढ़ोतरी की गई. प्रदेश सरकार ने लोगों को राहत देने के बजाय पेट्रोल और डीजल पर वैट लगा दिया, जिससे लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी.

4 लाख लोगों की छीनी नौकरी

कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीजेपी गुड़िया के मुद्दे पर सत्ता में आई थी, लेकिन आज प्रदेश में महिलाओं की स्थिति खराब होती जा रही है. लगातार आत्महत्या के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. प्रदेश में लगातार महिलाओं के साथ दुराचार के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने इस पर जरा भी चिंता व्यक्त नहीं की. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान 4 लाख लोगों की नौकरी छीन गई. प्रदेश में पहले ही बेरोजगारों की लंबी फौज थी, लेकिन प्रदेश सरकार लोगों को रोजगार देने में असफल सिद्ध हुई है. उल्टा प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि उन्होंने मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार दिया है. पक्ष पर निशाना साधते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह वहीं मनरेगा है, जिसका किसी समय बीजेपी के लोग विरोध करते थे.

कोरोना काल में हुए घोटाले

स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटालों पर बोलते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस संकट काल में स्वास्थ्य विभाग में तांडव देखने को मिला पीपीई किट की जगह रेनकोट बांटे गए, वेंटिलेटर घोटाला, सैनिटाइजर घोटाला जैसे कई आरोप सामने आए. डॉ. राजीव बिंदल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से त्यागपत्र पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राजीव बिंदल को क्यों हटाया गया. इस विषय में सदन को बताया जाए कि उस मामले में क्या हुआ. स्वास्थ विभाग मुख्यमंत्री के पास था और हटाया बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष को गया. इस विषय में मुख्यमंत्री को सदन के सामने स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. शहरी विकास मंत्री के खिलाफ विजिलेंस जांच के मामले पर मुख्यमंत्री से प्रश्न करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मामले में भी सदन को बताया जाए कि क्या उन्होंने जमीन खरीदी और इस मामले में क्या हुआ. अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ विजिलेंस जांच जारी है कि वह मंत्री पद पर नहीं रह सकता.

ये भी पढ़ें: BMC ने कंगना के ऑफिस पर डाली रेड, अभिनेत्री ने कहा: कल बिना नोटिस ढहा देंगे मेरी मेहनत

शिमला: विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने विपक्ष को नियम 67 के तहत चर्चा की अनुमति दी. प्रस्ताव पर सदन में बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने सदन में प्रस्ताव रखा. इस पर बोलते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने अपना वक्तव्य देते हुए कहा कि आज 12:42 पर नेता प्रतिपक्ष ने सदस्यों के साथ नियम सटासट के तहत कोरोना वैश्विक महामारी के प्रबंधन और इसमें हुए व्यापक भ्रष्टाचार से संबंधित है. इस संबंध में विपक्ष के सदस्य से भी अलग-अलग प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इसके अलावा नियम 120 के तहत भी विपक्ष के सदस्यों की तरफ से प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिन पर विचार करने के बाद नियम 130 के तहत चर्चा के लिए स्वीकृति प्रदान की है.

कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा देश

विपिन सिंह परमार ने सदस्यों को नियम के तहत चर्चा में भाग लेने का आग्रह किया और कहा कि अगर सदन के सदस्य सहमत हो तो आज के काम कल किए जा सकेंगे और आज इस विषय पर चर्चा की जा सकती है. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को प्रस्ताव पर उत्तर देने का अनुमति दी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 23 वर्षों से वह इस सदन में सदस्य के रूप में आ रहा है और आज देश कठिन परिस्थितियों से गुजर रहा है. उन्होंने कहा कि विधानसभा का सत्र शुरू होने पर स्वाभाविक रूप से इस विषय पर चर्चा होना बनता है और सदस्यों की ओर से भिन्न-भिन्न नियमों के तहत चर्चा के लिए प्रस्ताव दिए गए हैं.

चर्चा के लिए तैयार सरकार

मुख्यमंत्री ने कहा कि नियम 67 के तहत उस वक्त चर्चा की मांग की गई, जब हम यहां पहुंच चुके थे. कोरोना विषय पर अन्य नियमों के तहत भी चर्चा की जा सकती थी, लेकिन विपक्ष ने 67 के तहत चर्चा की मांग की गई. आज से पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि नियम 67 के तहत चर्चा की मांग की गई हो, लेकिन विपक्ष में 67 के तहत चर्चा की मांग रखी और स्थगन प्रस्ताव की मांग की. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार चर्चा से नहीं डरती. सरकार ने कुछ गलत नहीं किया है. सरकार चर्चा के लिए तैयार हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे गंभीर विषय पर प्रस्ताव सत्ता पक्ष की तरफ से आया है और पक्ष की तरफ से इस पर चर्चा होनी चाहिए. मुख्यमंत्री के उत्तर के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने फिर से नारेबाजी शुरू की.

मंत्रिमंडल विस्तार के बाद शामिल मंत्रियों का हुआ परिचय

विधानसभा अध्यक्ष ने सदस्यों को शांत करते हुए कहा कि नियम 67 के तहत नेता प्रतिपक्ष और सदस्यों ने जो नोटिस दिया था वह बिल्कुल सही है. सरकार ने भी इस प्रस्ताव को स्वीकार किया. इस पर नेता प्रतिपक्ष चर्चा शुरू करें. इसी बीच मंत्रिमंडल विस्तार के बाद शामिल किए गए तीन मंत्रियों का परिचय करवाते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी, वन मंत्री राकेश पठानिया और खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री राजेंद्र नगर का परिचय सदन के सदस्यों से करवाया.

प्रस्ताव पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि नियम 67 के तहत हमने सरकार को मजबूर किया. विपक्ष ने आज इतिहास बना दिया है. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम बहुत देर से मांग कर रहे थे, लेकिन मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर विशेष सत्र बुलाने की मांग से लगातार कतरा रहे थे, जब विपक्ष के सदस्यों ने सत्ता पक्ष के सदस्यों के साथ विधानसभा अध्यक्ष को विशेष सत्र में बुलाने की मांग रखी तो उस समय बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल ने उन सदस्यों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे.

कंफ्यूजन में सरकार

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि आज से 6 महीने पहले 8 मार्च को जब पिछला सत्र जारी था उस वक्त हमने कोविड पर चर्चा की मांग रखी थी, लेकिन उस वक्त मुख्यमंत्री ने चर्चा करने की मांग को टाल दिया था. अगर उस वक्त चर्चा की मांग स्वीकार कर ली जाती तो आज प्रदेश की यह स्थिति ना होती. उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर उस वक्त हिमाचल को कोरोना अफेक्टेड घोषित करने की तैयारी में लगे हुए थे. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री और इस कैबिनेट ने प्रदेश की जनता को खून के आंसू पिलाए हैं. प्रदेश में प्रशासन पूरी तरह से फेल हो गया है और सरकार आज कंफ्यूज होकर आज मिसमैनेजमेंट कर रही है. सरकार को खुद ही नहीं पता कि क्या करना है और क्या हुआ है. मुख्यमंत्री हर वक्त एक ही बात कहते हैं कि क्या विपक्ष की पीढ़ियों ने कोरोना झेला है. उन्होंने कहा कि हमने भी नहीं झेला है तो आपने भी नहीं झेला है.

बीजेपी सरकार से नाखुश प्रदेश की जनता

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जनता कर्फ्यू लगने से प्रदेश की जो बदहाली हुई है, जिस तरीके से प्रदेश को बर्बाद किया है. यह हिमाचल प्रदेश के इतिहास में लिखा गया है. कौन सी सरकार ने राशन के रेट के दाम बढ़ाएं, लेकिन आपने ऐसे समय में राशन के रेट बढ़ाएं और फिर आपने 23 रुपये की चीनी 30 रुपये की और नमक की कीमतें भी बढ़ाई. लोगों को सस्ते राशन की सुविधा से वंचित करने के लिए आपने नए-नए तरीके अपनाएं.

सरकारी कर्मचारियों को सस्ते राशन की सुविधा से बाहर कर दिया गया. अधिक लोगों को बाहर निकालने के लिए इनकम का क्राइटेरिया फिक्स कर दिया. आपने अपनी इनकम बढ़ाने के लिए लोगों के राशन में कटौती कर दी. मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में बिजली महंगी कर दी गई. उन्होंने कहा कि विधानसभा के बजट में कुछ पास हुआ, लेकिन आपने कैबिनेट में कुछ और पास किया. मुकेश अग्निहोत्री ने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन निर्णय में मुख्यमंत्री के साथ कैबिनेट के सभी मंत्री बराबर के दोषी हैं और आज प्रदेश की जनता बीजेपी सरकार से पूरी तरह नाखुश है.

पेट्रोल और डीजल पर भी लगाया गया वैट

मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ऊर्जा राज्य है. संकट काल में प्रदेश सरकार ने बिजली के दामों में बढ़ोतरी की अन्य राज्य बिजली खरीद कर अपनी जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध करा रहे हैं, लेकिन प्रदेश में बिजली उत्पन्न होती है और वर्तमान सरकार महंगी बिजली उपलब्ध करवा रही है. किराया बढ़ोतरी पर बोलते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि जब से बीजेपी सरकार बनी है. तब से अब तक 50 प्रतिशत किराए में बढ़ोतरी कर दी गई है. कैबिनेट में फैसला किया गया और करीब 10 दिनों तक फैसले को सार्वजनिक नहीं किया गया. पहले 50 प्रतिशत किराए में बढ़ोतरी की गई, उसके बाद 25 प्रतिशत. न्यूनतम किराए में बढ़ोतरी पर बोलते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि 5 रुपये से न्यूनतम किराया 7 रुपये कर दिया गया. इसके अलावा पेट्रोल और डीजल के दामों में भी बेहद आशा बढ़ोतरी की गई. प्रदेश सरकार ने लोगों को राहत देने के बजाय पेट्रोल और डीजल पर वैट लगा दिया, जिससे लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी.

4 लाख लोगों की छीनी नौकरी

कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति पर बोलते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि बीजेपी गुड़िया के मुद्दे पर सत्ता में आई थी, लेकिन आज प्रदेश में महिलाओं की स्थिति खराब होती जा रही है. लगातार आत्महत्या के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. प्रदेश में लगातार महिलाओं के साथ दुराचार के मामले सामने आ रहे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार ने इस पर जरा भी चिंता व्यक्त नहीं की. मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान 4 लाख लोगों की नौकरी छीन गई. प्रदेश में पहले ही बेरोजगारों की लंबी फौज थी, लेकिन प्रदेश सरकार लोगों को रोजगार देने में असफल सिद्ध हुई है. उल्टा प्रदेश सरकार दावा कर रही है कि उन्होंने मनरेगा के तहत लोगों को रोजगार दिया है. पक्ष पर निशाना साधते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह वहीं मनरेगा है, जिसका किसी समय बीजेपी के लोग विरोध करते थे.

कोरोना काल में हुए घोटाले

स्वास्थ्य विभाग में हुए कथित घोटालों पर बोलते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस संकट काल में स्वास्थ्य विभाग में तांडव देखने को मिला पीपीई किट की जगह रेनकोट बांटे गए, वेंटिलेटर घोटाला, सैनिटाइजर घोटाला जैसे कई आरोप सामने आए. डॉ. राजीव बिंदल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से त्यागपत्र पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि राजीव बिंदल को क्यों हटाया गया. इस विषय में सदन को बताया जाए कि उस मामले में क्या हुआ. स्वास्थ विभाग मुख्यमंत्री के पास था और हटाया बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष को गया. इस विषय में मुख्यमंत्री को सदन के सामने स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए. शहरी विकास मंत्री के खिलाफ विजिलेंस जांच के मामले पर मुख्यमंत्री से प्रश्न करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस मामले में भी सदन को बताया जाए कि क्या उन्होंने जमीन खरीदी और इस मामले में क्या हुआ. अगर किसी व्यक्ति के खिलाफ विजिलेंस जांच जारी है कि वह मंत्री पद पर नहीं रह सकता.

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