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'केंद्र ने नहीं दिया अब तक कोई राहत पैकेज, भाजपा नेताओं की वजह से नहीं मिला आपदा का क्लेम'

हिमाचल के डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और मंत्री जगत नेगी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि आपदा के बाद 3 बार केंद्रीय टीम हिमाचल का दौरा करके चली गई, लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक हिमाचल को कोई राहत पैकेज नहीं दिया. वहीं, उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल भाजपा नेताओं की वजह से केंद्र से अब तक आपदा का क्लेम नहीं मिला है. पढ़िए पूरी खबर...(Mukesh Agnihotri and Jagat Negi Slams BJP Leaders) (Himachal Disaster)

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 3, 2023, 5:35 PM IST

शिमला: आपदा को लेकर हिमाचल प्रदेश में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. सरकार और विपक्ष के नेता इस मुद्दे पर एक-दूसरे को घरेने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. दोनों ने आपदा में केंद्रीय राहत राशि नहीं मिलने का आरोप लगाया और इसको लेकर बीजेपी को घेरा है. उन्होंने कहा राज्य सरकार केंद्र सरकार को 9900 करोड़ रुपये का संशोधित नोट भेज रखा है, लेकिन बीजेपी नेताओं की वजह से आपदा का क्लेम नहीं मिल रहा है.

मुकेश अग्निहोत्री और जगत सिंह नेगी ने कहा भाजपा प्राकृतिक आपदा पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम कर रही है. आपदा के क्लेम के 4950 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से न मिलने के लिए भाजपा दोषी है. हिमाचल के भाजपा नेताओं की वजह से ही केंद्र ने यह राशि रोकी हुई है. आपदा से नुकसान का 6746 करोड़ रुपये का पहला क्लेम नोट हिमाचल सरकार ने 10 अगस्त को केंद्र सरकार को भेज दिया था, उसके बाद 9900 करोड़ रुपये का संशोधित क्लेम नोट 10 अक्तूबर को भेजा गया है.

मुकेश अग्निहोत्री और जगत सिंह नेगी ने कहा कुल क्लेम का 50 फीसदी यानि 4950 करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश का हक बनता है. यह राशि केंद्र सरकार को जल्द जारी करनी चाहिए. ताकि लोगों के पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सके. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभी तक क्लेम का एक पैसा भी केंद्र सरकार ने हिमाचल को नहीं दिया है.

उन्होंने कहा केंद्र की तीन टीमें अब तक प्रदेश में आकर बाढ़ और भारी बारिश से हुए नुकसान का आंकलन कर लौट चुकी हैं. क्लेम की राशि प्रदेश का अधिकार है. यह प्राकृतिक आपदा आने पर सभी राज्यों को मिलता है, इसे राजनीतिक आधार पर नहीं रोका जा सकता. केंद्र सरकार ने हिमाचल में आई आपदा को न तो राष्ट्रीय आपदा घोषित किया और न ही इस आपदा से उबरने के लिए कोई विशेष राहत पैकेज दिया गया. आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश की जनता अब विशेष राहत पैकेज की मांग भी नहीं कर रही, बल्कि हिमाचल को 4950 करोड़ रुपये मिलने चाहिए, जो हिमाचल प्रदेश का अधिकार है.

उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल भाजपा के नेता इस धनराशि को जारी नहीं होने दे रहे हैं. इसी तरह से बिजली कंपनियों से वाटर सेस लेने के लिए बार-बार रोका जा रहा है. केंद्र सरकार पत्र जारी कर रही है, इससे स्पष्ट है कि भाजपा नेताओं को हिमाचल प्रदेश की जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है. प्राकृतिक आपदा का क्लेम रुकवाकर भाजपा ने अपना असली चेहरा जनता के सामने ला दिया है. प्रदेश के लोग समय आने पर भाजपा को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. भाजपा नेताओं के कारनामों से साफ हो गया है कि उन्हें आपदा प्रभावितों से कोई सहानुभूति नहीं है. उनका मूल उद्देश्य केवल और केवल राजनीति करना ही है.

ये भी पढ़ें: 5 साल हेलीकॉप्टर में घूमते रहे, इसलिए सत्ता से बाहर हो गए जयराम, गुमराह करने के बजाए प्रभावितों की मदद करें: अनिरुद्ध सिंह

शिमला: आपदा को लेकर हिमाचल प्रदेश में सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. सरकार और विपक्ष के नेता इस मुद्दे पर एक-दूसरे को घरेने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसी कड़ी में डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. दोनों ने आपदा में केंद्रीय राहत राशि नहीं मिलने का आरोप लगाया और इसको लेकर बीजेपी को घेरा है. उन्होंने कहा राज्य सरकार केंद्र सरकार को 9900 करोड़ रुपये का संशोधित नोट भेज रखा है, लेकिन बीजेपी नेताओं की वजह से आपदा का क्लेम नहीं मिल रहा है.

मुकेश अग्निहोत्री और जगत सिंह नेगी ने कहा भाजपा प्राकृतिक आपदा पर राजनीतिक रोटियां सेंकने का काम कर रही है. आपदा के क्लेम के 4950 करोड़ रुपये केंद्र सरकार से न मिलने के लिए भाजपा दोषी है. हिमाचल के भाजपा नेताओं की वजह से ही केंद्र ने यह राशि रोकी हुई है. आपदा से नुकसान का 6746 करोड़ रुपये का पहला क्लेम नोट हिमाचल सरकार ने 10 अगस्त को केंद्र सरकार को भेज दिया था, उसके बाद 9900 करोड़ रुपये का संशोधित क्लेम नोट 10 अक्तूबर को भेजा गया है.

मुकेश अग्निहोत्री और जगत सिंह नेगी ने कहा कुल क्लेम का 50 फीसदी यानि 4950 करोड़ रुपये हिमाचल प्रदेश का हक बनता है. यह राशि केंद्र सरकार को जल्द जारी करनी चाहिए. ताकि लोगों के पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सके. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अभी तक क्लेम का एक पैसा भी केंद्र सरकार ने हिमाचल को नहीं दिया है.

उन्होंने कहा केंद्र की तीन टीमें अब तक प्रदेश में आकर बाढ़ और भारी बारिश से हुए नुकसान का आंकलन कर लौट चुकी हैं. क्लेम की राशि प्रदेश का अधिकार है. यह प्राकृतिक आपदा आने पर सभी राज्यों को मिलता है, इसे राजनीतिक आधार पर नहीं रोका जा सकता. केंद्र सरकार ने हिमाचल में आई आपदा को न तो राष्ट्रीय आपदा घोषित किया और न ही इस आपदा से उबरने के लिए कोई विशेष राहत पैकेज दिया गया. आपदा प्रभावित हिमाचल प्रदेश की जनता अब विशेष राहत पैकेज की मांग भी नहीं कर रही, बल्कि हिमाचल को 4950 करोड़ रुपये मिलने चाहिए, जो हिमाचल प्रदेश का अधिकार है.

उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल भाजपा के नेता इस धनराशि को जारी नहीं होने दे रहे हैं. इसी तरह से बिजली कंपनियों से वाटर सेस लेने के लिए बार-बार रोका जा रहा है. केंद्र सरकार पत्र जारी कर रही है, इससे स्पष्ट है कि भाजपा नेताओं को हिमाचल प्रदेश की जनता के हितों से कोई सरोकार नहीं है. प्राकृतिक आपदा का क्लेम रुकवाकर भाजपा ने अपना असली चेहरा जनता के सामने ला दिया है. प्रदेश के लोग समय आने पर भाजपा को सबक सिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. भाजपा नेताओं के कारनामों से साफ हो गया है कि उन्हें आपदा प्रभावितों से कोई सहानुभूति नहीं है. उनका मूल उद्देश्य केवल और केवल राजनीति करना ही है.

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