शिमलाः हिमाचल प्रदेश की सड़कें वाहनों के बोझ तले कराह रही हैं. प्रदेश की पहाड़ी सड़कें 17 लाख से ज्यादा वाहनों का बोझ सहन कर रही हैं. 70 लाख से अधिक की आबादी वाले हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में वाहनों की संख्या 17 लाख से अधिक है. 31 मार्च 2020 तक के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश में 17 लाख 60 हजार 433 वाहन पंजीकृत (Registration) हैं. प्रदेश में हर साल वाहनों के पंजीकरण का आंकड़ा बढ़ रहा है.
प्रदेश भर में औसतन हर साल सवा लाख वाहन पंजीकृत हो रहे हैं. इसके अलावा हिमाचल प्रदेश के पर्यटन राज्य होने से यहां पर्यटकों के वाहनों को बोझ भी पहाड़ी सड़कों पर रहता है. प्रदेश में हर साल करीब डेढ़ करोड़ पर्यटक वादियों का दीदार करने पहुंचते हैं.
साल 2010 में एक करोड़ 32 लाख, साल 2011 में एक करोड़ 50 लाख, साल 2012 में एक करोड़ 61 लाख, साल 2013 में 1 करोड़ 51 लाख, साल 2014 में एक करोड़ 63 लाख, साल 2015 में 1 करोड़ 75 लाख, साल 2016 में 1 करोड़ 84 लाख, साल 2017 में 1 करोड़ 96 लाख, साल 2018 में 1 करोड़ 64 लाख, साल 2019 में 1 करोड़ 72 लाख और साल 2020 में दिसंबर तक 32 लाख पर्यटक हिमाचल पहुंचे.
सेब उत्पादन (Apple Production) में देश का सिरमौर हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) सालाना 3500 करोड़ का कारोबार करता है. सेब की बिक्री से बागवानों के हाथ अच्छा-खासा धन लगता है. इससे बागवान गाड़ियां भी खरीदते हैं. इस तरह हिमाचल की सड़कों पर लगातार गाड़ियों का बोझ बढ़ता चला जा रहा है.
प्रदेश परिवहन विभाग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो 2020 तक हिमाचल की सड़कों पर वाहन पंजीकृत हैं. प्रदेश में खेती-बाड़ी के काम में 10 हजार 484 ट्रैक्टर लगे हैं. विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में 1 हजार 269 एंबुलेंस सेवाएं दे रही हैं.
निजी व सरकारी बस में 21 हजार 676 आंकड़ा है. 1 हजार 539 निर्माण कार्य में प्रयोग होने वाले की संख्या है. हिमाचल 744 क्रेन रजिस्टर्ड हैं. प्रदेश में 9 लाख 06 हजार 181 दोपहिया, 1 लाख 71 हजार 713 गुड केरियर, 29 हजार 197 मोटर कैब, 5 लाख 35 हजार 812 मोटर कार और 23 हजार 480 कमर्शियल ट्रैक्टर के साथ कुल 17 लाख 76 हजार 433 वाहन पंजीकृत हैं.
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