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मानसून सत्र 19 से: कांग्रेस करेगी सवालों की बौछार, सत्तापक्ष भी पलटवार को तैयार

विधानसभा का ये मानसून सत्र 19 से 31 अगस्त तक चलेगा. इस बार विधानसभा में 11 दिन के भीतर 859 सवाल आए हैं. इनमें से 637 तारांकित और 222 अतारांकित सवाल आए हैं. विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए धारा-118 को प्रमुख हथियार बनाने की रणनीति तय की है.

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Published : Aug 17, 2019, 7:57 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार होगा. सोमवार 19 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस शिमला में रविवार को बैठक करेगा. कांग्रेस विधायक दल की इस बैठक में भाजपा सरकार को चारों तरफ से घेरने के लिए चक्रव्यूह की रचना पर चर्चा होगी. वहीं, विपक्ष के सवालों की बौछार का सामना करने के लिए सत्तासीन भाजपा भी तैयार है.

भाजपा विधायक दल की बैठक सोमवार को सत्र से पहले होगी. विधानसभा का ये मानसून सत्र 19 से 31 अगस्त तक चलेगा. इस बार विधानसभा में 11 दिन के भीतर 859 सवाल आए हैं. इनमें से 637 तारांकित और 222 अतारांकित सवाल आए हैं. विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए धारा-118 को प्रमुख हथियार बनाने की रणनीति तय की है. इसके अलावा कानून-व्यवस्था और इन्वेस्टर्स मीट पर सरकार के इरादों पर प्रश्नचिन्ह वाले तीर कांग्रेस के तरकश में होंगे. तबादलों को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरेगा. हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने पर भी हंगामा संभव है. नशे के कारोबार और अवैध खनन पर भी सदन गर्माएगा. विपक्ष के पास नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी, हर्षवर्धन चौहान सरीखे तेजतर्रार नेता हैं.

सत्ता पक्ष की तरफ से कमान खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर संभालेंगे. मंत्री महेंद्र सिंह व सुरेश भारद्वाज भी विपक्ष के चक्रव्यूह को तोडऩे में आगे की पंक्ति में रहेंगे. इस बार सदन में दो विधायक नजर नहीं आएंगे. पच्छाद से सुरेश कश्यप और धर्मशाला से किशन कपूर सांसद बन गए हैं. ये सही है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर देने के बाद से भाजपा के हौसले बुलंद हैं और उसके पास कांग्रेस के मुकाबले मनोवैज्ञानिक बढ़त है, परंतु विपक्ष भी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.

ये देखना भी दिलचस्प होगा कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 व 35-ए को हटाने के बाद विधानसभा में यदि ये मुद्दा उठा तो विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया होगी. भाजपा सरकार के पास गिनाने के लिए कई मुद्दे हैं. कर्मचारियों के लिए हाल ही में चार फीसदी डीए का ऐलान किया गया है. बेटियों को नौकरी के आवेदन में शुल्क न लेने का फैसला भी जनप्रिय है. सरकार सहारा योजना और आईजीएमसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने का मनोवैज्ञानिक लाभ भी लेगी.

धारा-118 को लेकर उठ रहे सवालों और इन्वेस्टर्स मीट की प्रक्रिया पर विपक्ष हमलावर होगा. पहले से चल रहे उद्योगों में छंटनी का मुद्दा भी उठेगा. धारा-118 को लेकर सीएम जयराम ठाकुर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है. फिलहाल, सत्र के पहले दिन की कार्रवाई के बाद कैबिनेट मीटिंग भी होगी.

ये भी पढ़ें- हमीरपुर की रहने वाली दूरदर्शन की वरिष्ठ एंकर नीलम शर्मा का निधन, शाम 6 बजे निगम बोध घाट पर होगा अंतिम संस्कार

शिमला: हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार होगा. सोमवार 19 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस शिमला में रविवार को बैठक करेगा. कांग्रेस विधायक दल की इस बैठक में भाजपा सरकार को चारों तरफ से घेरने के लिए चक्रव्यूह की रचना पर चर्चा होगी. वहीं, विपक्ष के सवालों की बौछार का सामना करने के लिए सत्तासीन भाजपा भी तैयार है.

भाजपा विधायक दल की बैठक सोमवार को सत्र से पहले होगी. विधानसभा का ये मानसून सत्र 19 से 31 अगस्त तक चलेगा. इस बार विधानसभा में 11 दिन के भीतर 859 सवाल आए हैं. इनमें से 637 तारांकित और 222 अतारांकित सवाल आए हैं. विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए धारा-118 को प्रमुख हथियार बनाने की रणनीति तय की है. इसके अलावा कानून-व्यवस्था और इन्वेस्टर्स मीट पर सरकार के इरादों पर प्रश्नचिन्ह वाले तीर कांग्रेस के तरकश में होंगे. तबादलों को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरेगा. हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने पर भी हंगामा संभव है. नशे के कारोबार और अवैध खनन पर भी सदन गर्माएगा. विपक्ष के पास नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी, हर्षवर्धन चौहान सरीखे तेजतर्रार नेता हैं.

सत्ता पक्ष की तरफ से कमान खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर संभालेंगे. मंत्री महेंद्र सिंह व सुरेश भारद्वाज भी विपक्ष के चक्रव्यूह को तोडऩे में आगे की पंक्ति में रहेंगे. इस बार सदन में दो विधायक नजर नहीं आएंगे. पच्छाद से सुरेश कश्यप और धर्मशाला से किशन कपूर सांसद बन गए हैं. ये सही है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर देने के बाद से भाजपा के हौसले बुलंद हैं और उसके पास कांग्रेस के मुकाबले मनोवैज्ञानिक बढ़त है, परंतु विपक्ष भी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.

ये देखना भी दिलचस्प होगा कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 व 35-ए को हटाने के बाद विधानसभा में यदि ये मुद्दा उठा तो विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया होगी. भाजपा सरकार के पास गिनाने के लिए कई मुद्दे हैं. कर्मचारियों के लिए हाल ही में चार फीसदी डीए का ऐलान किया गया है. बेटियों को नौकरी के आवेदन में शुल्क न लेने का फैसला भी जनप्रिय है. सरकार सहारा योजना और आईजीएमसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने का मनोवैज्ञानिक लाभ भी लेगी.

धारा-118 को लेकर उठ रहे सवालों और इन्वेस्टर्स मीट की प्रक्रिया पर विपक्ष हमलावर होगा. पहले से चल रहे उद्योगों में छंटनी का मुद्दा भी उठेगा. धारा-118 को लेकर सीएम जयराम ठाकुर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है. फिलहाल, सत्र के पहले दिन की कार्रवाई के बाद कैबिनेट मीटिंग भी होगी.

ये भी पढ़ें- हमीरपुर की रहने वाली दूरदर्शन की वरिष्ठ एंकर नीलम शर्मा का निधन, शाम 6 बजे निगम बोध घाट पर होगा अंतिम संस्कार

मानसून सत्र 19 से: कांग्रेस करेगी सवालों की बौछार, सत्तापक्ष भी पलटवार को तैयार
शिमला। हिमाचल विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार होगा। सोमवार 19 अगस्त से शुरू हो रहे मानसून सत्र को लेकर विपक्षी दल कांग्रेस शिमला में रविवार को बैठक करेगा। कांग्रेस विधायक दल की इस बैठक में भाजपा सरकार को चारों तरफ से घेरने के लिए चक्रव्यूह की रचना पर चर्चा होगी। वहीं, विपक्ष के सवालों की बौछार का सामना करने के लिए सत्तासीन भाजपा भी तैयार है। भाजपा विधायक दल की बैठक सोमवार को सत्र से पहले होगी। विधानसभा का ये मानसून सत्र 19 से 31 अगस्त तक चलेगा। इस बार विधानसभा में 11 दिन के भीतर 859 सवाल आए हैं। इनमें से 637 तारांकित और 222 अतारांकित सवाल आए हैं। विपक्षी दल कांग्रेस ने सरकार को घेरने के लिए धारा-118 को प्रमुख हथियार बनाने की रणनीति तय की है। इसके अलावा कानून-व्यवस्था और इन्वेस्टर्स मीट पर सरकार के इरादों पर प्रश्नचिन्ह वाले तीर कांग्रेस के तरकश में होंगे। तबादलों को लेकर भी विपक्ष सरकार को घेरेगा। हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक ट्रिब्यूनल को बंद करने पर भी हंगामा संभव है। नशे के कारोबार और अवैध खनन पर भी सदन गर्माएगा। विपक्ष के पास नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, आशा कुमारी, हर्षवर्धन चौहान सरीखे तेजतर्रार नेता हैं। सत्ता पक्ष की तरफ से कमान खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर संभालेंगे। मंत्री महेंद्र सिंह व सुरेश भारद्वाज भी विपक्ष के चक्रव्यूह को तोडऩे में आगे की पंक्ति में रहेंगे। इस बार सदन में दो विधायक नजर नहीं आएंगे। पच्छाद से सुरेश कश्यप और धर्मशाला से किशन कपूर सांसद बन गए हैं। ये सही है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ कर देने के बाद से भाजपा के हौसले बुलंद हैं और उसके पास कांग्रेस के मुकाबले मनोवैज्ञानिक बढ़त है, परंतु विपक्ष भी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। ये देखना भी दिलचस्प होगा कि हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जेएंडके में अनुच्छेद 370 व 35-ए को हटाने के बाद विधानसभा में यदि ये मुद्दा उठा तो विपक्ष की क्या प्रतिक्रिया होगी। भाजपा सरकार के पास गिनाने के लिए कई मुद्दे हैं। कर्मचारियों के लिए हाल ही में चार फीसदी डीए का ऐलान किया गया है। बेटियों को नौकरी के आवेदन में शुल्क न लेने का फैसला भी जनप्रिय है। सरकार सहारा योजना और आईजीएमसी अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू होने का मनोवैज्ञानिक लाभ भी लेगी। धारा-118 को लेकर उठ रहे सवालों और इन्वेस्टर्स मीट की प्रक्रिया पर विपक्ष हमलावर होगा। पहले से चल रहे उद्योगों में छंटनी का मुद्दा भी उठेगा। धारा-118 को लेकर सीएम जयराम ठाकुर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार है। फिलहाल, सत्र के पहले दिन की कार्रवाई के बाद कैबिनेट मीटिंग भी होगी। 
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