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झंडी के समर्थन में उतरे MLA विक्रमादित्य सिंह, बोले: मामले को ज्यादा तूल न दें

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Published : May 26, 2021, 6:49 PM IST

विधायकों की गाड़ियों में झंडी लगाने के फैसले के बाद इसका जहां विरोध हो रहा है वहीं, कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह इसके पक्ष में उतर आए हैं और इसको ज्यादा तूल न देने की बात कही है.

mla vikramaditya singh, विधायक विक्रमादित्य सिंह
डिजाइन फोटो.

शिमला: प्रदेश सरकार द्वारा विधायकों की गाड़ियों में झंडी लगाने के फैसले के बाद इसका जहां विरोध हो रहा है वहीं, कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह इसके पक्ष में उतर आए हैं और इसको ज्यादा तूल न देने की बात कही है.

विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार के विधायकों को झंडी देने के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह मांग लंबे समय से चली आ रही थी. विधायकों की मांग पर सर्वदलीय बैठक में निर्णय के बाद सरकार ने इस निर्णय को स्वीकार कर लिया है और अब इस पर बेबजह तूल नहीं दिया जाना चाहिए.

विधायकों को इस प्रकार से टारगेट करना उचित नहीं

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विधायकों को इस प्रकार से टारगेट करना उचित नहीं है. उन्होंने साफ किया कि वह वीआईपी कल्चर के खिलाफ हैं और इसके लिए सभी को एक समान नियम होने चाहिए, चाहे वह चीफ सेक्रेटरी हो, पुलिस अधिकारी हो या कोई भी न्यायिक अधिकारी हो.

झंडी केवल सिटिंग विधायक को ही प्रस्तावित

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि झंडी केवल सिटिंग विधायक को ही प्रस्तावित है. इसमें उन्हें कही भी आने जाने में ट्रैफिक में सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि झंडी का मतलब वीआईपी कल्चर नहीं है बल्कि यह विधानसभा के सदस्य के तौर पर लोकतंत्र के स्तंभ का एक प्रतीक होगा.

मामले को बेवजह तूल देना उचित नहीं

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से विधायक अपनी सैलरी का 30 प्रतिशत अंश कोरोना राहत कोष में दान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों को अपने सामाजिक दायित्व को भी समय समय पर पूरा करना होता है. ऐसे में उन्हें विधानसभा द्वारा दी जा रही सुविधाओं या सरकार द्वारा दिए जा रहे किसी भी प्रोत्साहन को बेवजह तूल देना उचित नहीं है और न ही इस पर कोई राजनीति की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें- किसी में दम नहीं है जो मुझे गिरफ्तार कर सके- बाबा रामदेव

शिमला: प्रदेश सरकार द्वारा विधायकों की गाड़ियों में झंडी लगाने के फैसले के बाद इसका जहां विरोध हो रहा है वहीं, कांग्रेस के विधायक विक्रमादित्य सिंह इसके पक्ष में उतर आए हैं और इसको ज्यादा तूल न देने की बात कही है.

विधायक विक्रमादित्य सिंह ने प्रदेश सरकार के विधायकों को झंडी देने के निर्णय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह मांग लंबे समय से चली आ रही थी. विधायकों की मांग पर सर्वदलीय बैठक में निर्णय के बाद सरकार ने इस निर्णय को स्वीकार कर लिया है और अब इस पर बेबजह तूल नहीं दिया जाना चाहिए.

विधायकों को इस प्रकार से टारगेट करना उचित नहीं

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि विधायकों को इस प्रकार से टारगेट करना उचित नहीं है. उन्होंने साफ किया कि वह वीआईपी कल्चर के खिलाफ हैं और इसके लिए सभी को एक समान नियम होने चाहिए, चाहे वह चीफ सेक्रेटरी हो, पुलिस अधिकारी हो या कोई भी न्यायिक अधिकारी हो.

झंडी केवल सिटिंग विधायक को ही प्रस्तावित

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि झंडी केवल सिटिंग विधायक को ही प्रस्तावित है. इसमें उन्हें कही भी आने जाने में ट्रैफिक में सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि झंडी का मतलब वीआईपी कल्चर नहीं है बल्कि यह विधानसभा के सदस्य के तौर पर लोकतंत्र के स्तंभ का एक प्रतीक होगा.

मामले को बेवजह तूल देना उचित नहीं

विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि पिछले डेढ़ साल से विधायक अपनी सैलरी का 30 प्रतिशत अंश कोरोना राहत कोष में दान दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि विधायकों को अपने सामाजिक दायित्व को भी समय समय पर पूरा करना होता है. ऐसे में उन्हें विधानसभा द्वारा दी जा रही सुविधाओं या सरकार द्वारा दिए जा रहे किसी भी प्रोत्साहन को बेवजह तूल देना उचित नहीं है और न ही इस पर कोई राजनीति की जानी चाहिए.

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