शिमला: विधानसभा चुनाव के 2 साल पूरे होने वाले ऐसे में प्रदेश सरकार जहां लोगों के बीच जाकर अपनी योजनाओं का बखान करने की तैयारी में है. वहीं, ठियोग विधानसभा से सीपीआईएम के विधायक राकेश सिंघा भी अपने क्षेत्र में लोगों से मिलकर एक अभियान चला रहे हैं.
गांव से लेकर छोटे कस्बों तक विधायक जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं. इसी कड़ी में विधायक राकेश सिंघा ने कराना गांव का दौरा किया. इस दौरान गांव वालों ने अपने विधायक का स्वागत किया और अपने गांव से जुड़ी समस्याओं की लड़ी लगा दी.
गांव के लोगों का कहना है कि गांव में स्वास्थ्य सेंटर बन्द है, स्कूल में केवल एक टीचर है ओर साथ ही पशुओं के लिए कोई वेटनरी नहीं है. लोगों का कहना है कि सबसे ज्यादा पानी की समस्या है जिससे बड़ी परेशानी है. पानी की स्कीम नैरा से शोलवी 32 साल पुरानी है जिसमें लाईन को आज तक नही बदला गया और विभाग हर दो दिन के बाद जुगाड़ कर पाईपों की मुरम्मत कर लोगों को ठग रहा है.
ग्रामीणों का कहना है कि पानी की समस्या बड़ी विकराल है एक ओर सरकार सफाई को प्रेरित करती है दूसरी ओर विभाग पानी नहीं देता और तो ओर अब सरकार ने हैंडपम्प लगाने भी बंद कर दिए जिससे समाधान होता नहीं दिख रहा है. ऐसे में लोगों ने विधायक और मुख्यमंत्री से सहायता की गुहार लगाई है. गांव में लोगों की समस्या को सुनने के बाद विधायक राकेश सिंघा ने अधिकतर समस्याओं का हल अपने स्तर पर करने को कहा और गांव में लोगों के लिये एक सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए 2 लाख की राशि देने का भी ऐलान किया.
इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि इस गांव में जितनी समस्याओं का अंबार लगा है और जो स्थिति है उसके हिसाब से गांव को पिछड़े पंचायत में शामिल करना चाहिए न पानी की सुविधा दुरस्त है और स्वास्थ्य सेंटर एक साल से बन्द है. स्कूल में एक टीचर जो रिटायर होने वाले है. जिससे लोग परेशान हैं और सरकार इसकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रही जिससे जनता परेशान है.
आपको बता दें कि कराना गांव में पिछले 20 सालों से नेताओं ने हर चुनाव से पहले ही गांव का दौरा कर अपना वोट हासिल किया है और ये 20 सालों में पहला अवसर था जब ठियोग से जीते हुए किसी विधायक ने लोगों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुना. ऐसे में लोगों ने विधायक के सामने समस्याओं का अंबार लगा दिया जिससे विधायक भी सकते में आ गए. सरकार से इस गांव को पिछड़े पंचायत में लाने तक को कह दिया.
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