शिमला/किन्नौर: जनजातीय जिला किन्नौर के टापरी उपतहसील के तहत मीरु पंचायत ने गांव की समस्याओं को लेकर लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. गुरुवार को पंचायत के प्रतिनिधियों व स्कूल एसएमसी प्रधान मेम्बर्स ने डीसी किन्नौर के माध्यम से चुनाव आयोग को ज्ञापन सौंपा.
मीरू पंचायत प्रधान किरण कुमारी ने बताया कि पिछले कई महीनों से पंचायत में सरकारी पीएचसी अस्पताल में डॉक्टर नहीं हैं और न ही स्कूल में अध्यापक हैं. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 2018 से मीरू स्कूल में अध्यापकों के छह पद प्रधानाचार्य के पद के साथ तीन अन्य पद, जिसमें क्लर्क वरिष्ठ सहायक और अधीक्षक के साथ नो पद खाली पड़े हुए हैं. जिसके चलते स्कूल में बच्चों की शिक्षा पर बूरा असर पड़ रहा है और मजबूरन लोगों को अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए बाहर भेजना पड़ रहा है.
वहीं, मीरू स्कूल एसएमसी मेम्बर मेधु राम का कहना है कि मीरु पंचायत के साथ पहले भी प्रदेश सरकार सौतेला व्यवहार करती रही है. उन्होंने कहा कि स्कूल की समस्या के साथ-साथ गांव के एक मात्र पीएचसी अस्पताल के हाल भी बहुत दयनीय है. इस अस्पताल में डॉक्टर न होने से स्थानीय ग्रामीणों को अपने इलाज के लिए कई किलोमीटर का सफर करके इलाज के लिए जाना पड़ रहा है. जबकि डॉक्टर की पदोन्नति पीएचसी में पहले ही हुई थी.
मेधु राम ने कहा कि कुछ रसूखदार राजनीति के लोगों ने मीरू के डॉक्टर को डेपुटेशन पर भावानगर स्थानांतरित किया है, जो कि गलत है. मेधु राम का कहना है कि मीरु स्कूल की समस्याओं को जनमंच कार्यक्रम में भी उठाया गया, लेकिन अभी तक कोई परिणाम नही मिला.
लोगों का कहना है कि अगर समय रहते इन समस्याओं का हल नहीं निकाला गया, तो मीरू पंचायत लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने से गुरेज नहीं करेगी.
बता दें कि जिला किन्नौर में इससे पहले भी किन्नौर के कोनो चारबाग पंचायत ने भी जनसमस्याओं को लेकर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार करने का निर्णय लिया है.