शिमला: रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राम सुभग सिंह को मुख्यमंत्री का प्रधान सलाहकार नियुक्त किए जाने के बाद से प्रदेश में सियासी घमासान मचा हुआ है. एक ओर बीजेपी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर विपक्ष में रहते हुए राम सुभग सिंह पर गंभीर आरोप लगाने और अब अपना प्रधान सलाहकार नियुक्त करने को लेकर घेर रही हैं. वहीं, पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने राम सुभग सिंह का बचाव किया.
पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा राम सुभग सिंह को पीएमओ से पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है और अब उन पर कोई आरोप नहीं है. उन्होंने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर इस मामले में ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया. दोंनों मंत्रियों ने नेता प्रतिपक्ष को सलाह दी कि वह आपदा की इस घड़ी में राजनीति छोड़कर प्रदेश सरकार को अपना सकारात्मक सहयोग दें. ताकि प्रभावित परिवारों की अधिक से अधिक सहायता की जा सके.
दोनों मंत्रियों ने यह भी कहा जयराम ठाकुर आपदा के संवेदनशील मुद्दे पर केवल राजनीति कर प्रदेश के लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा केंद्र सरकार की ओर से सड़कों की मरम्मत के लिए 400 करोड़ रुपए की राशि सीआरआईएफ में ही दी जा रही है. जबकि अलग से कोई राशि जारी नहीं की गई है. इसलिए नेता प्रतिपक्ष प्रदेश की जनता के सामने झूठ बोलने से परहेज ही करें.
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के हिमाचल दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर भी साथ रहे. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री ने जिला कुल्लू के साथ-साथ प्रदेश के विभिन्न भागों में भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुए नुकसान बारे में केन्द्रीय मंत्री को विस्तार से जानकारी दी.
दोनों मंत्रियों ने कहा मुख्यमंत्री पहले भी कुल्लू जिला का दौरा कर चुके हैं और लगभग 60 घंटे ग्राउंड जीरो पर रहकर प्रभावित लोगों की मदद कर चुके हैं. मुख्यमंत्री सभी तथ्यों और जिला कुल्लू में हुए नुकसान की पूर्ण जानकारी है. जब प्रदेश में बारिश कहर बरपा रही थी, तब मुख्यमंत्री आपदा के बीच रह कर फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटे रहे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष आपदा की परवाह न करते हुए केवल मात्र अखबारों की सुर्खियों में बने रहने के लिए बयानबाजी करते रहे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के आग्रह पर ही केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के लिए आए थे, ताकि वह स्वयं राज्य में हुए नुकसान की सही जानकारी ले सकें.