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हॉट सीट की रेस, कांग्रेस के लिए चुनाव जीतने से भी कठिन साबित हो रहा सीएम के नाम फैसला, माथापच्ची जारी

शिमला में कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में विधायक दल की बैठक खत्म हो गई है. बैठक में एक राय नहीं हो पाने की कारण पार्टी ने हाईकमान के पाले में गेंद डाल दी है. विधायकों की राय जानने के लिए हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, पर्यवेक्षक भूपेश बघेल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी मौजूद रहे. Congress Legislature Party meeting in Shimla) (himachal result 2022)

meeting in shimla for cm face
meeting in shimla for cm face
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Published : Dec 9, 2022, 9:10 PM IST

Updated : Dec 10, 2022, 12:01 PM IST

शिमला: हिमाचल में पांच साल बाद सत्ता बदलने का रिवाज जारी रहा, लेकिन चुनाव में विजय पताका फहराने वाली कांग्रेस के लिए विधायक दल का नेता चुनना कठिन हो रहा है. उधर, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया के समक्ष बयान दिया है कि वे सीएम की रेस में नहीं हैं. वे कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और हाईकमान का आदेश मानेंगे. लेकिन राजनीति को समझने वाले जानते हैं कि कुछ बयान महज देने के लिए होते हैं. सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ विधायकों का समर्थन है. वे चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष रहे हैं. पूर्व में कांग्रेस पार्टी की कमान संभाल चुके हैं उनके अधिकांश समर्थक चुनाव जीत कर आए हैं. ऐसे में उनकी दावेदारी मजबूत है. अन्य प्रमुख दावेदार नेता प्रतिपक्ष रहे मुकेश अग्निहोत्री हैं.

पांच साल विपक्ष में रहते हुए उन्होंने जयराम सरकार की नाक में दम करके रखा था. विधानसभा के भीतर और बाहर उन्होंने भाजपा सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं रखी थी. उनके पास कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में काम करने का अनुभव भी है. सीपीएस से लेकर कैबिनेट मंत्री और पांच बार चुनाव जीत कर आए मुकेश की दावेदारी को खारिज करना इतना आसान नहीं है.

प्रतिभा सिंह ने स्पष्ट बयान दिया है कि इस चुनाव में वीरभद्र सिंह के नाम और काम को प्रमुखता से जनता के सामने रखा गया था. ऐसा नहीं हो सकता कि जिसके नाम और काम पर चुनाव लड़ा हो, उनसे संबंधित लोगों को इग्नोर किया जाए. ये स्पष्ट संकेत है कि वीरभद्र सिंह परिवार को नेगलेक्ट करना आसान नहीं है. वे इसका विरोध करेंगे. प्रतिभा सिंह अगर सीएम पद के लिए चुनी जाती हैं तो छह माह के भीतर दो उपचुनाव होंगे. मंडी में लोकसभा का और हिमाचल में प्रतिभा सिंह को किसी सीट से चुनाव जीतना होगा. मंडी में कांग्रेस की लुटिया डूबी है. ऐसे में उपचुनाव का रिस्क आसान नहीं है, फिर प्रतिभा सिंह के पास भी सरकार में कोई पद संभालने का अनुभव नहीं है.

ले-देकर कांग्रेस के पास एक ही रास्ता बचता है और वो है हाईकमान यानी सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी व राहुल गांधी के निर्देश. हाईकमान को भी संतुलन बनाना आसान नहीं होगा. कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में बाहर प्रतिभा सिंह के समर्थन में सबसे अधिक नारे लगे. राजीव भवन में हुई बैठक में भूपेश बघेल, भूपेंद्र हुडा, राजीव शुक्ला व हिमाचल कांग्रेस के नेता मौजूद रहे. (Who will be the CM in Himachal) (Sukhwinder Singh Sukhu) (Discussion on the name of Pratibha Singh).

शिमला: हिमाचल में पांच साल बाद सत्ता बदलने का रिवाज जारी रहा, लेकिन चुनाव में विजय पताका फहराने वाली कांग्रेस के लिए विधायक दल का नेता चुनना कठिन हो रहा है. उधर, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया के समक्ष बयान दिया है कि वे सीएम की रेस में नहीं हैं. वे कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं और हाईकमान का आदेश मानेंगे. लेकिन राजनीति को समझने वाले जानते हैं कि कुछ बयान महज देने के लिए होते हैं. सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ विधायकों का समर्थन है. वे चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष रहे हैं. पूर्व में कांग्रेस पार्टी की कमान संभाल चुके हैं उनके अधिकांश समर्थक चुनाव जीत कर आए हैं. ऐसे में उनकी दावेदारी मजबूत है. अन्य प्रमुख दावेदार नेता प्रतिपक्ष रहे मुकेश अग्निहोत्री हैं.

पांच साल विपक्ष में रहते हुए उन्होंने जयराम सरकार की नाक में दम करके रखा था. विधानसभा के भीतर और बाहर उन्होंने भाजपा सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं रखी थी. उनके पास कैबिनेट मंत्री के तौर पर सरकार में काम करने का अनुभव भी है. सीपीएस से लेकर कैबिनेट मंत्री और पांच बार चुनाव जीत कर आए मुकेश की दावेदारी को खारिज करना इतना आसान नहीं है.

प्रतिभा सिंह ने स्पष्ट बयान दिया है कि इस चुनाव में वीरभद्र सिंह के नाम और काम को प्रमुखता से जनता के सामने रखा गया था. ऐसा नहीं हो सकता कि जिसके नाम और काम पर चुनाव लड़ा हो, उनसे संबंधित लोगों को इग्नोर किया जाए. ये स्पष्ट संकेत है कि वीरभद्र सिंह परिवार को नेगलेक्ट करना आसान नहीं है. वे इसका विरोध करेंगे. प्रतिभा सिंह अगर सीएम पद के लिए चुनी जाती हैं तो छह माह के भीतर दो उपचुनाव होंगे. मंडी में लोकसभा का और हिमाचल में प्रतिभा सिंह को किसी सीट से चुनाव जीतना होगा. मंडी में कांग्रेस की लुटिया डूबी है. ऐसे में उपचुनाव का रिस्क आसान नहीं है, फिर प्रतिभा सिंह के पास भी सरकार में कोई पद संभालने का अनुभव नहीं है.

ले-देकर कांग्रेस के पास एक ही रास्ता बचता है और वो है हाईकमान यानी सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी व राहुल गांधी के निर्देश. हाईकमान को भी संतुलन बनाना आसान नहीं होगा. कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में बाहर प्रतिभा सिंह के समर्थन में सबसे अधिक नारे लगे. राजीव भवन में हुई बैठक में भूपेश बघेल, भूपेंद्र हुडा, राजीव शुक्ला व हिमाचल कांग्रेस के नेता मौजूद रहे. (Who will be the CM in Himachal) (Sukhwinder Singh Sukhu) (Discussion on the name of Pratibha Singh).

Last Updated : Dec 10, 2022, 12:01 PM IST
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