शिमला: राजधानी शिमला की ऐतिहासिक इमारतों में शुमार टाउन हॉल का आठ करोड़ रुपये में जीर्णोद्धार किया गया था, लेकिन अब इस भवन में हुए काम को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. बरसात के मौसम में जहां भवन की छत से पानी टपक रहा है वहीं, जग-जगह से रंग रोगन भी उखड़ना शूरू हो गया है.
टाउन हॉल के जीर्णोद्धार कार्य की जांच को लेकर अब महापौर नगर निगम शिमला सत्या कौंडल ने जांच की मांग की है. महापौर सत्या कौंडल ने आरोप लगाया है कि काम में लापरवाही बरती गई है. उन्होंने जीर्णोद्धार करने वाले ठेकेदार के खिलाफ सरकार से कार्रवाई की गुहार लगाई है.
महापौर का कहना है कि टाउन हॉल के जीर्णोद्धार किए 2 साल भी नहीं हुए हैं, लेकिन अभी से छतों से पानी टपकना शुरू हो गया है. डिप्टी मेयर और बाहर के कमरों में पानी टपक रहा है, जिससे फाइलें खराब हो रही हैं. इसको लेकर कई बार पर्यटन विभाग को शिकायत की गई, लेकिन इसे ठीक नहीं करवाया जा रहा है.
सत्या कौंडल ने कहा कि शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने भी निरीक्षण किया था. उनसे इस मामले में संज्ञान लेने का आग्रह किया गया है. उन्होंने कहा कि टाउन हॉल ऐतिहासिक इमारत है, जोकि अंग्रेजों के समय में बनाई गई थी.
इसका आठ करोड़ से जीर्णोद्धार किया गया था, लेकिन अब पानी अंदर आ रहा है. इसकी मरम्मत के लिए पर्यटन निगम को कई बार पत्र लिखे गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई और अब सरकार से इस काम की जांच और संबंधित ठेकेदार पर कार्यवाही की मांग की गई है.
बता दें कि टाउन हॉल का निर्माण 1908 में किया गया था. इस भवन में नगर निगम का कार्यलय चल रहा है. 2014 में इस भवन का जीर्णोद्धार का काम शुरू किया, जोकि 2018 में पूरा किया गया. इस भवन की मरम्मत पर आठ करोड़ रुपये खर्च किए हैं. पहले ही निर्माण काम को लेकर ठेकेदार पर आरोप लग रहे है. वहीं, अब निगम ने ही सरकार से जांच की मांग की है.
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