Shanichari Amavasya, Mauni Amavasya 2023 :आज अमावस्या है लेकिन इस बार माघ महीने की अमावस्या बहुत खास है. साल में आने वाली 12 अमावस्या में से माघ महीने की इस अमावस्या का विशेष महत्व है. जिसे मौनी अमावस्या कहते हैं. इस बार मौनी अमावस्या शनिार को है इसलिये शनिश्चरी अमावस्या का भी संयोग है. मौनी अमावस्या पर गंगा, यमुना आदि पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है. अगर किसी पवित्र नदी में स्नान मुमकिन ना हो तो घर पर ही पानी मे गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं. मौनी अमावस्या पर मौन रहने का विशेष महत्व है.
मौनी अमवास्या का शुभ मुहूर्त- अमावस्या की तिथि 21 जनवरी को सुबह 6:17 बजे से अमावस्या तिथी प्रारंभ होगी और 22 जनवरी सुबह 2:22 बजे तक रहेगी. इसलिये स्नान और दान का कार्य शनिवार को ही लाभकारी होगा. इस दिन सुबह 8:34 बजे से 9:53 बजे के बीच स्नान और दान का शुभ मुहूर्त है.
मौनी अमावस्या पर बन रहे हैं कई संयोग- लगभग 20 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है जब मौनी अमावस्या शनिवार के दिन है. और 30 साल बाद ऐसा मौका आया है जब मौनी अमावस्या पर शनि देव अपनी राशि यानी कुंभ राशि में विराजमान हैं. साथी अमावस्या पर ही इस बार खप्पर योग, चतुरग्रही योग, षडाष्टक योग जैसे शुभ और अद्भुत संयोग बन रहे हैं.
मौनी अमावस्या पर क्या करें- मौनी अमावस्या के दिन प्रातःकाल नदी, सरोवर या पवित्र कुंड में स्नान करना चाहिए स्नान के बाद सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए. इस दिन व्रत रखकर जहां तक संभव हो मौन रहना चाहिए. गरीब और भूखे व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं, अपने सामर्थ्य के हिसाब से अनाज, वस्त्र, तिल, आंवला, कंबल, पलंग, घी और गौ शाला में गाय के लिए भोजन का दान करें. यदि आप आर्थिक रूप से संपन्न हैं तो गौ दान, स्वर्ण दान या भूमि दान भी किया जा सकता है. हर अमावस्या की भांति मौनी अमावस्या पर भी पितरों को याद करना चाहिए. इस दिन पितरों का तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है.
दान का विशेष महत्व- मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखकर दान करने का विशेष महत्व है. ऐसा करने से कालसर्प दोष, पितृदोष आदि से मुक्ति मिलती है और शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं. मौनी अमावस्या पर शनिवार होने के कारण दान का महत्व और भी बड़ जाता है. इस दिन बर्तन में सरसों का तेल लें और उसमें अपने चेहरे का प्रतिबिंब देखकर इसका दान करें. ऐसा करने से तमाम कष्ट दूर होते हैं. माघ महीने में होने वाली इस अमावस्या पर तिल का दान भी किया जाता है. इसके अलावा उड़द की दाल, कंबल, लोहा दान करने से भी शनि का आशीर्वाद मिलता है.
शनि करेंगे बेड़ा पार- ज्योतिष में शनि ग्रह को बहुत अधिक महत्व दिया गया है. बीती 17 जनवरी को शनि अपनी ही राशि यानि कुंभ राशि में प्रवेश कर गए. इसके साथ ही कुंभ के अलावा मकर और मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव रहेगा. कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है. ऐसे में शनि महाराज ही बेड़ा पार लगाएंगे. मौनी अमावस्या पर शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उचित उपाय करें.
शनि को शांत करने के लिए करें ये उपाय- शनि के प्रकोप से बचाव के लिए कई सरल उपाय है. शनिवार को स्नान के बाद तेल का दान करें और हनुमान जी को सिंदूर और चमेली चढ़ाएं. सूर्यास्त के बाद पीपल के वृक्ष के पास दीपक जलाएं, शनि देव की पूजा के साथ-साथ शनि चालीसा का पाठ भलदायी होता है.
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