शिमला: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के उपलक्ष्य में रिज मैदान पर महात्मा गांधी की जीवन यात्रा से शिमला के स्थानीय लोगों के साथ ही पर्यटक भी रूबरू हो रहे हैं. बापू की जीवन यात्रा के बारे में लोग उन छायाचित्रों के माध्यम से जान पा रहे हैं जिन्हें भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से प्रदर्शनी पर लगाया गया है.
विभाग की ओर से राष्ट्रपिता के जीवन पर आधारित इस प्रदर्शनी में उनके जीवन की यात्रा को दर्शाया गया है. उनके जन्म स्थान से लेकर उनकी आजदी की लड़ाई के लिए विशेष लोगों से की गई मुलाकातों पर आधारित चित्र इस प्रदर्शनी में शामिल करने के साथ ही बापू की शिमला की यात्राओं के दौरन लिए गए चित्रों को भी इस प्रदर्शनी का हिस्सा बनाया गया है.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का शिमला से गहरा नाता रहा है. कई बार वह ब्रिटिश हुकूमत के समय शिमला आए और इस समय उनकी जो चित्र दिए गए उन्हें आज प्रदर्शनी का हिस्सा बनाया गया है, जिससे कि यहां प्रदर्शनी में आने वाले लोगों को उनकी शिमला यात्रा की जानकारी भी मिल सके और शिमला में कहां-कहां महात्मा गांधी ने अपना समय व्यतीत किया उसके बारे में लोग जान सके.
इसके साथ ही महात्मा गांधी के जन्म स्थल के छायाचित्र के साथ ही उनकी उस प्राथमिक पाठशाला जहां उन्होंने अपनी पढ़ाई की उसके छायाचित्रों के साथ ही साउथ अफ्रीका की यात्रा, उनके वकालत के दिनों के छायाचित्रों के साथ ही उनकी पत्नी कस्तूरबा गांधी के चित्रों के साथ ही चरखे के साथ उनकी फोटो के साथ ही उनकी शिमला के मनेरविला की फोटो और अन्य छायाचित्रों को भी प्रदर्शनी में शामिल किया.
इसके साथ ही राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अब्दुल कलाम सहित अन्य आजादी की लड़ाई लड़ने वाली महान हस्तियों के साथ लिए गए दुर्लभ छायाचित्रों को प्रदर्शनी का हिस्सा बनाया गया. प्रदर्शनी के बारे में जानकारी देते हुए विभाग के उपनिदेशक प्रो. प्रेम प्रसाद पंडित ने बताया कि महात्मा गांधी के 150वीं जयंती का समापन कल हो रहा है.
इसी के उपलक्ष में दो दिवसीय प्रदर्शनी जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित है उसे यहां शिमला के रिज मैदान पर पदम देव कंपलेक्स में लगाया गया है. उन्होंने कहा कि इस प्रदर्शनी में महात्मा गांधी की जीवन यात्रा को दुर्लभ छाया चित्रों के माध्यम से दर्शाया गया है.
वहीं, इस प्रदर्शनी में महात्मा गांधी की शिमला यात्राओं से जुड़ी जुड़े छायाचित्र को भी शामिल किया गया है, जिससे कि शिमला के स्थानीय लोग और यहां आने वाले पर्यटक महात्मा गांधी शिमला यात्राओं के बारे में जान सकें और उनके सफर को चित्रों के माध्यम से देख सकें.