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कोरोना के कारण पटरी से उतरी हिमाचल की आर्थिक गाड़ी, प्रति व्यक्ति आय और बागवानी उत्पादन में भी गिरावट - हिमाचल विधानसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तरफ से प्रस्तुत आर्थिक सर्वे रिपोर्ट

कोरोना महामारी से उपजी जटिल परिस्थितियों की वजह से प्रति व्यक्ति आय भी गिरी है और बागवानी उत्पादन में भी गिरावट आई है. सैलानियों की आमद भी प्रभावित हुई और उनके हिमाचल आने की दर में भी 81.33 फीसदी की गिरावट आई है. ये तथ्य हिमाचल विधानसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तरफ से प्रस्तुत आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में सामने आए हैं.

जयराम ठाकुर सदन में बोलते हुए
जयराम ठाकुर सदन में बोलते हुए
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Published : Mar 5, 2021, 10:06 PM IST

Updated : Mar 6, 2021, 8:22 AM IST

शिमलाः वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हिमाचल की आर्थिक गाड़ी भी पटरी से उतरी है. महामारी से उपजी जटिल परिस्थितियों की वजह से प्रति व्यक्ति आय भी गिरी है और बागवानी उत्पादन में भी गिरावट आई है. यही नहीं, सैलानियों की आमद भी प्रभावित हुई और उनके हिमाचल आने की दर में भी 81.33 फीसदी की गिरावट आई है. ये तथ्य हिमाचल विधानसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तरफ से प्रस्तुत आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में सामने आए हैं.

इन क्षेत्रों का योगदान इस बार माइनस में

कोरोना का प्रभाव इतना विपरीत रहा है कि आर्थिकी में पर्यटन, उद्योग और परिवहन जैसे क्षेत्रों का योगदान इस बार माइनस में चला गया है. हिमाचल के लिए ये बहुत बड़ा झटका है कि बागवानी उत्पादन भी गिर गया है. इन सब का प्रभाव ये हुआ है कि प्रदेश की जीडीपी में 6.2 प्रतिशत की गिरावट हुई है. नतीजा ये रहा कि हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय भी कम हुई है. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बीते साल में प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 90 हजार 407 रुपए थी. ये चालू वित्त वर्ष में 1 लाख 83 हजार 286 रुपए रहने का अनुमान है.

सकल घरेलू उत्पाद में 6.2 फीसदी की गिरावट

रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक लाख 62 हजार 816 करोड़ था. सकल घरेलू उत्पाद 2018-19 एक लाख 49422 करोड़ था. वहीं, इसमें 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद में 6.2 फीसदी की गिरावट है. सर्वे की रिपोर्ट में खेती और पशुधन क्षेत्र में 2019-20 में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई. यह 10583 करोड़ सकल मूल्य वद्र्धित था. बागवानी प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों का आधार है, लेकिन इस मोर्चे पर स्थिति गंभीर है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में बागवानी उत्पादन में 43 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. बागवानी में 3.1 फीसदी की कमी हुई है. सकल घरेलू उत्पाद में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की भागीदारी घटकर 2020-21 में 13.62 फीसदी रह गई.

कोरोना में पर्यटन क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोविड महामारी के कारण प्रदेश में पर्यटन का क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. प्रदेश में विदेशी एवं घरेलू पर्यटकों की आमद में 81.33 फीसदी की कमी देखी गई. पर्यटकों की आमद घटने का असर होटल और रेस्त्रां के कारोबार पर पड़ा. इसमें 3.2 फीसदी का संकुचन हुआ. पर्यटन के साथ-साथ परिवहन क्षेत्र भी कोरोना से प्रभावित हुआ. सड़क, जल तथा हवाई परिवहन क्षेत्र में 28 फीसदी की नकारात्मक वृद्धि हुई.

हिमाचल प्रदेश की अनुमानित पनबिजली दोहन क्षमता 27,436 मैगावाट है. इसमें से 24,000 मैगावाट का मूल्यांकन के उपरान्त योग्य पाया गया है. हालांकि सरकार ने अब यह तय किया है कि बची हुई पनबिजली दोहन क्षमता को पर्यावरण तथा पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए छोड़ दिया जाएगा. राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों में ऊर्जा का प्रयोग सबसे ज्यादा 58 प्रतिशत है और दूसरे स्तर पर घरेलू क्षेत्र में लगभग 24 प्रतिशत उपभोग किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: CM जयराम ठाकुर ने पेश किया साल 2020-21 का आर्थिक सर्वेक्षण

औद्योगिक उत्पादन गिरा, महंगाई बढ़ी

कोरोना काल में प्रदेश में औद्योगिक उत्पादन प्रभावित होने की वजह से इस क्षेत्र में संकुचन यानी कमी हुई है. 2019-20 में जहां प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में 0.3 फीसदी की सकारात्मक वृद्धि थी, वहीं 2020.21 में इसमें 14.2 प्रतिशत कमी आई. खनन क्षेत्र में चालू वित्तीय साल में 18.4 फीसदी की नकारात्मक वृद्धि हुई. चालू वित्त वर्ष में प्रदेश में मुद्रा स्फीति की दर भी 2019-20 के 3.5 फीसदी से बढक़र 5.3 फीसदी तक पहुंच गई. इससे महंगाई बढ़ी है.

हिमाचल में साल-दर-साल बढ़ी रही बेरोजगारी

सर्वेक्षण श्रम बल सर्वेक्षण रिपोर्ट 2018-19 के अनुसार श्रम बल भागीदारी दर वर्ष 2017-18 में 49.1 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 में 52.8 प्रतिशत हो गई है. नवीनतम रिपोर्ट वर्ष 2018-19 की एक गौरतलब विशेषता हिमाचल प्रदेश में महिला कार्यबल की भागीदारी दर वर्ष 2017-18 में 37.9 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 44.6 प्रतिशत हो गई है.

कुल मिलाकर कार्यबल की भागीदारी दर भी वर्ष 2018-19 में 46.4 प्रतिशत से बढक़र 50.1 प्रतिशत हो गई. राज्य में बेरोजगारी की दर 2017-18 में 5.5 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में 5.2 प्रतिशत हो गई है. फिलहाल, लॉकडाउन हटने और कोरोना का खौफ कम होने के बाद अब आर्थिक गाड़ी की रफ्तार बढने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ेंः प्रश्नकाल: हिमाचल के 244 अफसरों-कर्मियों पर भ्रष्टाचार के दाग, कई मामलों की सीबीआई कर रही जांच

शिमलाः वैश्विक महामारी कोरोना के कारण हिमाचल की आर्थिक गाड़ी भी पटरी से उतरी है. महामारी से उपजी जटिल परिस्थितियों की वजह से प्रति व्यक्ति आय भी गिरी है और बागवानी उत्पादन में भी गिरावट आई है. यही नहीं, सैलानियों की आमद भी प्रभावित हुई और उनके हिमाचल आने की दर में भी 81.33 फीसदी की गिरावट आई है. ये तथ्य हिमाचल विधानसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तरफ से प्रस्तुत आर्थिक सर्वे रिपोर्ट में सामने आए हैं.

इन क्षेत्रों का योगदान इस बार माइनस में

कोरोना का प्रभाव इतना विपरीत रहा है कि आर्थिकी में पर्यटन, उद्योग और परिवहन जैसे क्षेत्रों का योगदान इस बार माइनस में चला गया है. हिमाचल के लिए ये बहुत बड़ा झटका है कि बागवानी उत्पादन भी गिर गया है. इन सब का प्रभाव ये हुआ है कि प्रदेश की जीडीपी में 6.2 प्रतिशत की गिरावट हुई है. नतीजा ये रहा कि हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय भी कम हुई है. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बीते साल में प्रचलित भावों पर प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 90 हजार 407 रुपए थी. ये चालू वित्त वर्ष में 1 लाख 83 हजार 286 रुपए रहने का अनुमान है.

सकल घरेलू उत्पाद में 6.2 फीसदी की गिरावट

रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक लाख 62 हजार 816 करोड़ था. सकल घरेलू उत्पाद 2018-19 एक लाख 49422 करोड़ था. वहीं, इसमें 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद में 6.2 फीसदी की गिरावट है. सर्वे की रिपोर्ट में खेती और पशुधन क्षेत्र में 2019-20 में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई. यह 10583 करोड़ सकल मूल्य वद्र्धित था. बागवानी प्रदेश की आर्थिक गतिविधियों का आधार है, लेकिन इस मोर्चे पर स्थिति गंभीर है. वित्तीय वर्ष 2020-21 में बागवानी उत्पादन में 43 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. बागवानी में 3.1 फीसदी की कमी हुई है. सकल घरेलू उत्पाद में कृषि और संबद्ध क्षेत्रों की भागीदारी घटकर 2020-21 में 13.62 फीसदी रह गई.

कोरोना में पर्यटन क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित

आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि कोविड महामारी के कारण प्रदेश में पर्यटन का क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. प्रदेश में विदेशी एवं घरेलू पर्यटकों की आमद में 81.33 फीसदी की कमी देखी गई. पर्यटकों की आमद घटने का असर होटल और रेस्त्रां के कारोबार पर पड़ा. इसमें 3.2 फीसदी का संकुचन हुआ. पर्यटन के साथ-साथ परिवहन क्षेत्र भी कोरोना से प्रभावित हुआ. सड़क, जल तथा हवाई परिवहन क्षेत्र में 28 फीसदी की नकारात्मक वृद्धि हुई.

हिमाचल प्रदेश की अनुमानित पनबिजली दोहन क्षमता 27,436 मैगावाट है. इसमें से 24,000 मैगावाट का मूल्यांकन के उपरान्त योग्य पाया गया है. हालांकि सरकार ने अब यह तय किया है कि बची हुई पनबिजली दोहन क्षमता को पर्यावरण तथा पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए छोड़ दिया जाएगा. राज्य में औद्योगिक क्षेत्रों में ऊर्जा का प्रयोग सबसे ज्यादा 58 प्रतिशत है और दूसरे स्तर पर घरेलू क्षेत्र में लगभग 24 प्रतिशत उपभोग किया जा रहा है.

ये भी पढ़ें: CM जयराम ठाकुर ने पेश किया साल 2020-21 का आर्थिक सर्वेक्षण

औद्योगिक उत्पादन गिरा, महंगाई बढ़ी

कोरोना काल में प्रदेश में औद्योगिक उत्पादन प्रभावित होने की वजह से इस क्षेत्र में संकुचन यानी कमी हुई है. 2019-20 में जहां प्रदेश में औद्योगिक क्षेत्र में 0.3 फीसदी की सकारात्मक वृद्धि थी, वहीं 2020.21 में इसमें 14.2 प्रतिशत कमी आई. खनन क्षेत्र में चालू वित्तीय साल में 18.4 फीसदी की नकारात्मक वृद्धि हुई. चालू वित्त वर्ष में प्रदेश में मुद्रा स्फीति की दर भी 2019-20 के 3.5 फीसदी से बढक़र 5.3 फीसदी तक पहुंच गई. इससे महंगाई बढ़ी है.

हिमाचल में साल-दर-साल बढ़ी रही बेरोजगारी

सर्वेक्षण श्रम बल सर्वेक्षण रिपोर्ट 2018-19 के अनुसार श्रम बल भागीदारी दर वर्ष 2017-18 में 49.1 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 में 52.8 प्रतिशत हो गई है. नवीनतम रिपोर्ट वर्ष 2018-19 की एक गौरतलब विशेषता हिमाचल प्रदेश में महिला कार्यबल की भागीदारी दर वर्ष 2017-18 में 37.9 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 44.6 प्रतिशत हो गई है.

कुल मिलाकर कार्यबल की भागीदारी दर भी वर्ष 2018-19 में 46.4 प्रतिशत से बढक़र 50.1 प्रतिशत हो गई. राज्य में बेरोजगारी की दर 2017-18 में 5.5 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में 5.2 प्रतिशत हो गई है. फिलहाल, लॉकडाउन हटने और कोरोना का खौफ कम होने के बाद अब आर्थिक गाड़ी की रफ्तार बढने की उम्मीद है.

ये भी पढ़ेंः प्रश्नकाल: हिमाचल के 244 अफसरों-कर्मियों पर भ्रष्टाचार के दाग, कई मामलों की सीबीआई कर रही जांच

Last Updated : Mar 6, 2021, 8:22 AM IST

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