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राजभवन पहुंची दफ्तर बंद करने की लड़ाई, जयराम बोले: गैर कानूनी ढंग से दफ्तर किए गए बंद, राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

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Published : Dec 25, 2022, 3:32 PM IST

Updated : Dec 25, 2022, 3:42 PM IST

हिमाचल में सत्ता​​​​​​​​​​​​​​पक्ष और विपक्ष में टकराव बढ़ता जा रहा है. पूर्व सरकार द्वारा खोले गए दफ्तर बंद करने का मामला राजभवन पहुंच गया. प्रदेशभर में प्रदर्शन करने के बाद BJP ने आज राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को ज्ञापन (Jairam thakur submitted memorandum to the Governor) सौंपा. इसमें राज्यपाल को बताया गया कि राज्य की सु​​​​​​​क्खू सरकार बदले की भावना से काम कर रही है.

राजभवन पहुंची दफ्तर बंद करने की लड़ाई
राजभवन पहुंची दफ्तर बंद करने की लड़ाई
राजभवन पहुंची दफ्तर बंद करने की लड़ाई.

शिमला: हिमाचल की कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्व सरकार में खोले विभागों को बंद करने का मामला आज राजभवन पहुंचा. रविवार को भाजपा विधायक दल ने नवनियुक्त नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Leader of opposition Jairam thakur) की अध्यक्षता में सभी विधायक राज्यपाल से मिले और कांग्रेस सरकार के विरुद्ध एक ज्ञापन (Jairam thakur submitted memorandum to the Governor) सौंपा. भाजपा ने कांग्रेस सरकार के फैसले के खिलाफ उग्र आंदोलन करने की बात भी कही.

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब किसी सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरूआत ही जनविरोधी निर्णयों से की हो. किसी भी प्रदेश की उन्नति, प्रगति एवं विकास तभी संभव है जब उस प्रदेश की सरकार सकारात्मक सोच और दलगत राजनीति से उपर उठकर कार्य करें. लेकिन हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली बदला-बदली एवं राजनैतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है.

पिछले कुछ दिनों में प्रदेश सरकार ने पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा जनता के हितों व सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बजटीय प्रावधान के साथ जो सरकारी संस्थान खोले थे, उन्हें राजनैतिक द्वेष के चलते बंद करने के आदेश पारित किए हैं. हिमाचल प्रदेश में अब तक 574 कार्यालयों को बंद किया गया है. जो न केवल जनविरोधी है, बल्कि तानाशाही निर्णय है. जिसे कदापि सहन नहीं किया जा सकता. (Denotification of govt institution in Himachal).

भाजपा सरकार ने कैबिनेट बैठक में निर्णय लेकर सभी संस्थान आवश्यकतानुसार एवं बजटीय प्रावधान के साथ खोले थे. इन कार्यालयों में कामकाज सुचारू रूप से चलना प्रारंभ भी हो गया था और लोगों को सुविधाएं भी मिल रही थी. लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिना कैबिनेट बैठक के विभिन्न सरकारी संस्थानों को बंद करने के आदेश पारित कर दिए जो कि कानून संगत भी नहीं है और कांग्रेस पार्टी की संकीर्ण व दुषित मानसिकता का परिचायक है.

हिमाचल प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को जनमत देकर प्रदेश की कमान सौंपी है, लेकिन कांग्रेस पार्टी जनमत का अपमान करते हुए कुंठित मानसिकता एवं राजनैतिक प्रतिशोध की भावना से निर्णय लेकर जनता के हितों से खिलवाड़ कर रही है. प्रदेश सरकार इस प्रकार की तानाशाही कार्यशैली अपनाकर हिमाचल प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं एवं जनभावनाओं का हनन करने का प्रयास कर रही है, जो सर्वथा अनुचित है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को चाहिए था कि वो पूर्व भाजपा सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाकर प्रदेश के विकास के लिए कार्य करती. लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार सत्ता प्राप्ति के बाद से ही अपनी राजनैतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए जनहितों के विरूद्ध कार्य कर रही है. जिसकी भारतीय जनता पार्टी कड़े शब्दों में आलोचना करती है और आपसे विनम्र आग्रह करती है कि प्रदेश सरकार द्वारा राजनैतिक द्वेष की भावना से लिए गए इन सभी निर्णयों को तुरंत जनहित में वापिस लिया जाए, ताकि प्रदेश में विकास की अविरल धारा निरंतर प्रवाहित होती रहे. अन्यथा इन जनविरोधी निर्णयों के विरूद्ध पूरे प्रदेश में जन आंदोलन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: शिमला में भाजपा विधायक दल की बैठक में फैसला, जयराम ठाकुर होंगे विपक्ष के नेता

राजभवन पहुंची दफ्तर बंद करने की लड़ाई.

शिमला: हिमाचल की कांग्रेस सरकार द्वारा पूर्व सरकार में खोले विभागों को बंद करने का मामला आज राजभवन पहुंचा. रविवार को भाजपा विधायक दल ने नवनियुक्त नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Leader of opposition Jairam thakur) की अध्यक्षता में सभी विधायक राज्यपाल से मिले और कांग्रेस सरकार के विरुद्ध एक ज्ञापन (Jairam thakur submitted memorandum to the Governor) सौंपा. भाजपा ने कांग्रेस सरकार के फैसले के खिलाफ उग्र आंदोलन करने की बात भी कही.

इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में ऐसा पहली बार देखने को मिल रहा है जब किसी सरकार ने अपने कार्यकाल की शुरूआत ही जनविरोधी निर्णयों से की हो. किसी भी प्रदेश की उन्नति, प्रगति एवं विकास तभी संभव है जब उस प्रदेश की सरकार सकारात्मक सोच और दलगत राजनीति से उपर उठकर कार्य करें. लेकिन हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार की कार्यप्रणाली बदला-बदली एवं राजनैतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है.

पिछले कुछ दिनों में प्रदेश सरकार ने पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा जनता के हितों व सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बजटीय प्रावधान के साथ जो सरकारी संस्थान खोले थे, उन्हें राजनैतिक द्वेष के चलते बंद करने के आदेश पारित किए हैं. हिमाचल प्रदेश में अब तक 574 कार्यालयों को बंद किया गया है. जो न केवल जनविरोधी है, बल्कि तानाशाही निर्णय है. जिसे कदापि सहन नहीं किया जा सकता. (Denotification of govt institution in Himachal).

भाजपा सरकार ने कैबिनेट बैठक में निर्णय लेकर सभी संस्थान आवश्यकतानुसार एवं बजटीय प्रावधान के साथ खोले थे. इन कार्यालयों में कामकाज सुचारू रूप से चलना प्रारंभ भी हो गया था और लोगों को सुविधाएं भी मिल रही थी. लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिना कैबिनेट बैठक के विभिन्न सरकारी संस्थानों को बंद करने के आदेश पारित कर दिए जो कि कानून संगत भी नहीं है और कांग्रेस पार्टी की संकीर्ण व दुषित मानसिकता का परिचायक है.

हिमाचल प्रदेश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को जनमत देकर प्रदेश की कमान सौंपी है, लेकिन कांग्रेस पार्टी जनमत का अपमान करते हुए कुंठित मानसिकता एवं राजनैतिक प्रतिशोध की भावना से निर्णय लेकर जनता के हितों से खिलवाड़ कर रही है. प्रदेश सरकार इस प्रकार की तानाशाही कार्यशैली अपनाकर हिमाचल प्रदेश में लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं एवं जनभावनाओं का हनन करने का प्रयास कर रही है, जो सर्वथा अनुचित है.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार को चाहिए था कि वो पूर्व भाजपा सरकार के कार्यों को आगे बढ़ाकर प्रदेश के विकास के लिए कार्य करती. लेकिन यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कांग्रेस सरकार सत्ता प्राप्ति के बाद से ही अपनी राजनैतिक इच्छाओं की पूर्ति के लिए जनहितों के विरूद्ध कार्य कर रही है. जिसकी भारतीय जनता पार्टी कड़े शब्दों में आलोचना करती है और आपसे विनम्र आग्रह करती है कि प्रदेश सरकार द्वारा राजनैतिक द्वेष की भावना से लिए गए इन सभी निर्णयों को तुरंत जनहित में वापिस लिया जाए, ताकि प्रदेश में विकास की अविरल धारा निरंतर प्रवाहित होती रहे. अन्यथा इन जनविरोधी निर्णयों के विरूद्ध पूरे प्रदेश में जन आंदोलन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: शिमला में भाजपा विधायक दल की बैठक में फैसला, जयराम ठाकुर होंगे विपक्ष के नेता

Last Updated : Dec 25, 2022, 3:42 PM IST
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