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लोकतंत्र प्रहरी सम्मान बिल: कांग्रेस ने उठाई आपत्ति तो सीएम बोले, राहुल ने खुद इमरजेंसी को बताया था गलत - हिमाचल प्रदेश न्यूज

हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन पेश किए गए लोकतंत्र प्रहरी सम्मान बिल पर कांग्रेस सदस्य सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आपत्ति जताई है. वहीं, मुकेश अग्निहोत्री ने भी बिल को सिलेक्ट कमेटी को भेजने की बात कही. इस पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि वे इस समय इमरजेंसी के समय जो हुआ, उस पर चर्चा नहीं करना चाहते. सीएम ने कहा कि वे नहीं चाहते कि सत्र के आखिरी दिन किसी तरह का खलल पड़े. वरना आपातकाल पर तो हम इतना बोल सकते हैं कि आप सुन नहीं पाओगे.

Himachal assembly budget session news,हिमाचल विधानसभा बजट सत्र न्यूज
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Published : Mar 20, 2021, 8:46 PM IST

शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन पेश किए गए लोकतंत्र प्रहरी सम्मान बिल पर कांग्रेस सदस्य सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आपत्ति जताई. सुक्खू ने कहा कि बिल बिना सोचे लाया गया है. इसका लोकतंत्र प्रहरी नाम ही गलत है.

सुक्खू ने इस बिल के सेक्शन दो को डिलीट किया जाए, जिसमें सुओ मोटो वाला प्रावधान है. सुक्खू ने आरोप लगाया कि इस बिल के जरिए सत्ताधारी दल अपनी विचारधारा के लोगों को लाभ देना चाहता है.

'बिल को सिलेक्ट कमेटी को भेजने की बात'

वहीं, मुकेश अग्निहोत्री ने भी बिल को सिलेक्ट कमेटी को भेजने की बात कही. इस पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि वे इस समय इमरजेंसी के समय जो हुआ, उस पर चर्चा नहीं करना चाहते. सीएम ने कहा कि वे नहीं चाहते कि सत्र के आखिरी दिन किसी तरह का खलल पड़े. वरना आपातकाल पर तो हम इतना बोल सकते हैं कि आप सुन नहीं पाओगे.

वैसे खुद राहुल गांधी एमरजेंसी को गलत कदम बता चुके हैं. सीएम ने कहा कि ऐसा बिल राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, बिहार, महाराष्ट्र और यूपी में ये व्यवस्था हो चुकी है. वैसे विपक्ष को ये पता होना चाहिए कि इसी सदन के सदस्य राजीव बिंदल हरियाणा में अरेस्ट हुए थे और उन्हें सम्मान राशि हरियाणा से मिलेगी.

हिमाचल में केवल 81 लोग ही आएंगे

सीएम ने कहा कि विपक्ष जो आरोप लगा रहा है कि ये बिल अपने लोगों को लाभ देने के लिए लाया है तो उन्हें बताना चाहूंगा कि उस समय भाजपा थी ही नहीं और इस बिल के तहत हिमाचल में केवल 81 लोग ही आएंगे. इमरजेंसी के दौरान जो लोग पंद्रह दिन बंदी रहे, उन्हें 8 हजार रुपए और जो अधिक समय तक जेल में रहे उनको 12 हजार रुपए मिलेंगे.

विपक्ष के सदस्य सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आरटीआई कार्यकर्ता और मीडिया के लोग भी लोकतंत्र के प्रहरी हैं, उन्हें भी शामिल करें. सीएम ने जवाब दिया कि 1975 में आरटीआई थी ही नहीं और ये बिल उन लोगों के सम्मान में है, जिन्होंने सत्ता के खिलाफ आवाज उठाई. बाद में हल्की-फुल्की गर्मा-गर्मी के बाद बिल पारित हो गया.

ये भी पढ़ें- गग्गल हवाई अड्डे पर लैंडिंग के दौरान Flight से टकराया पक्षी, बड़ा हादसा टला

शिमला: हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के आखिरी दिन पेश किए गए लोकतंत्र प्रहरी सम्मान बिल पर कांग्रेस सदस्य सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आपत्ति जताई. सुक्खू ने कहा कि बिल बिना सोचे लाया गया है. इसका लोकतंत्र प्रहरी नाम ही गलत है.

सुक्खू ने इस बिल के सेक्शन दो को डिलीट किया जाए, जिसमें सुओ मोटो वाला प्रावधान है. सुक्खू ने आरोप लगाया कि इस बिल के जरिए सत्ताधारी दल अपनी विचारधारा के लोगों को लाभ देना चाहता है.

'बिल को सिलेक्ट कमेटी को भेजने की बात'

वहीं, मुकेश अग्निहोत्री ने भी बिल को सिलेक्ट कमेटी को भेजने की बात कही. इस पर सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि वे इस समय इमरजेंसी के समय जो हुआ, उस पर चर्चा नहीं करना चाहते. सीएम ने कहा कि वे नहीं चाहते कि सत्र के आखिरी दिन किसी तरह का खलल पड़े. वरना आपातकाल पर तो हम इतना बोल सकते हैं कि आप सुन नहीं पाओगे.

वैसे खुद राहुल गांधी एमरजेंसी को गलत कदम बता चुके हैं. सीएम ने कहा कि ऐसा बिल राजस्थान, हरियाणा, छत्तीसगढ़, बिहार, महाराष्ट्र और यूपी में ये व्यवस्था हो चुकी है. वैसे विपक्ष को ये पता होना चाहिए कि इसी सदन के सदस्य राजीव बिंदल हरियाणा में अरेस्ट हुए थे और उन्हें सम्मान राशि हरियाणा से मिलेगी.

हिमाचल में केवल 81 लोग ही आएंगे

सीएम ने कहा कि विपक्ष जो आरोप लगा रहा है कि ये बिल अपने लोगों को लाभ देने के लिए लाया है तो उन्हें बताना चाहूंगा कि उस समय भाजपा थी ही नहीं और इस बिल के तहत हिमाचल में केवल 81 लोग ही आएंगे. इमरजेंसी के दौरान जो लोग पंद्रह दिन बंदी रहे, उन्हें 8 हजार रुपए और जो अधिक समय तक जेल में रहे उनको 12 हजार रुपए मिलेंगे.

विपक्ष के सदस्य सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि आरटीआई कार्यकर्ता और मीडिया के लोग भी लोकतंत्र के प्रहरी हैं, उन्हें भी शामिल करें. सीएम ने जवाब दिया कि 1975 में आरटीआई थी ही नहीं और ये बिल उन लोगों के सम्मान में है, जिन्होंने सत्ता के खिलाफ आवाज उठाई. बाद में हल्की-फुल्की गर्मा-गर्मी के बाद बिल पारित हो गया.

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