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आज साल की अंतिम अमावस्या, स्नान का यह रहेगा शुभ मुहूर्त...

साल 2022 की अंतिम अमावस्या आज रहेगी. इस दिन नदी में स्नान करने के साथ ही मां लक्ष्मी की आराधना करने से मां की कृपा बरसती है. जानें इस दिन क्या रहेगा स्नान का शुभ मुहूर्त..(Paush Amavasya 2022 )

अंतिम अमावस्या 23 दिसंबर को
अंतिम अमावस्या 23 दिसंबर को
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Published : Dec 21, 2022, 12:35 PM IST

Updated : Dec 23, 2022, 6:06 AM IST

कुल्लू: साल 2022 खत्म होने में अब कुछ ही दिन शेष है. ऐसे में आज इस साल की अंतिम अमावस्या होगी. पोष मास होने के कारण इसे पोष मास की अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को ही समर्पित माना जाता है. ऐसे में मां लक्ष्मी की कृपा भक्तों पर पूजा-अर्चना विधि -विधान से करने पर बरस सकती है. (Paush Amavasya 2022 )

स्नान और तर्पण से मिलेगा लाभ: इस दिन पवित्र स्नान और तर्पण के साथ-साथ माता लक्ष्मी से भक्तों को विशेष लाभ मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा के लिए समर्पित माना जाता है. मान्यता है कि इनकी आराधना करने से धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है. (Last Amavasya of 2022 on 23 Decembe)

वृद्धि योग बनेगा: पंचांग में यह भी बताया गया है कि इस दिन वृद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. माना जाता है कि इस योग में किए गए कार्यों में हमेशा वृद्धि प्राप्त होती है. साथ ही जीवन में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं. इस दिन वृद्धि योग का निर्माण 23 दिसंबर 2022 दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर होगा. इसका समापन 24 दिसंबर को सुबह 9 बजकर 27 मिनट पर होगा. (Last Amavasya of 2022)

स्नान का शुभ मुहूर्त: : पौष अमावस्या 22 दिसंबर को शाम 7 बजकर 13 मिनट पर आरंभ होगी. 23 दिसंबर को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर पौष माह की अमावस्या तिथि का समापन होगा. यह साल 2022 की अंतिम अमावस्या होगी. वहीं, 23 दिसंबर को स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. वहीं, अभिजित मुहूर्त -दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. (Paush Amavasya 2022 Snan)

पितरों का मिलता आर्शीवाद: इस दिन स्नान दान के साथ देवी -देवताओं की पूजा -अर्चना करना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती हैऔर वह अपने परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर गंगा स्नान करना चाहिए.

नदी में स्नान: अगर आप गंगा या अन्य नदी में स्नान करने के लिए नहीं जा पा रहे है, तो घर में ही नहाने वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालना चाहिए. ऐसा करने से गंगा स्नान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होगी. इसके बाद भगवान सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें. अर्घ्य देने के साथ सभी देवी-देवताओं की पूजा करें. पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. पितृ दोष से निजात पाने के लिए पितरों के पसंद का भोजन बनाना चाहिए. गाय, कौवा, कुत्ते के लिए भोजन निकालने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराया जाना चाहिए.

पीपल और तुलसी पूजन: अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष का पूजन और तुलसी के पौधे की परिक्रमा करने से श्री विष्णु भगवान प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा अमावस्या के दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए उपाय एवं व्रत-उपवास किए जाते हैं. मान्यतानुसार पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को पौष मास की अमावस्या पर पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत रख कर दान-पुण्य करना चाहिए.

भाग्य खुलने का दिन: इस दिन नदी स्नान के बाद तिल तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. स्नान के बाद तांबे के पात्र में जल लेकर लाल पुष्प, लाल चंदन डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना बहुत ही उत्तम माना जाता है. पौष अमावस्या के दिन गरीब या असहाय लोगों को भोजन कराने से भाग्य खुलता है.

इन चीजों का उपयोग स्नान में करना चाहिए: माना जाता है कि अंतिम अमावस्या के दिन धन लाभ के लिए तिल पानी में डालकर स्नान करना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है. वहीं, कुंडली में अगर चंद्र दोष हो तो पौष अमावस्या पर जल में दूध या सफेद चंदन का उपयोग करना चाहिए. इससे मानसिक शांती के साथ व्यक्ति दीर्धायु होता है. इसके अलावा इस दिन इलायची और केसर से स्नान करने पर कहा जाता है कि बुरा समय जल्दी निकल जाता है.पीली सरसों पानी में मिलाकर स्नान करने से माना जाता है कि दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.

कुल्लू: साल 2022 खत्म होने में अब कुछ ही दिन शेष है. ऐसे में आज इस साल की अंतिम अमावस्या होगी. पोष मास होने के कारण इसे पोष मास की अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है.शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को ही समर्पित माना जाता है. ऐसे में मां लक्ष्मी की कृपा भक्तों पर पूजा-अर्चना विधि -विधान से करने पर बरस सकती है. (Paush Amavasya 2022 )

स्नान और तर्पण से मिलेगा लाभ: इस दिन पवित्र स्नान और तर्पण के साथ-साथ माता लक्ष्मी से भक्तों को विशेष लाभ मिलेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी की विशेष पूजा के लिए समर्पित माना जाता है. मान्यता है कि इनकी आराधना करने से धन से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं और व्यक्ति के जीवन में खुशहाली आती है. (Last Amavasya of 2022 on 23 Decembe)

वृद्धि योग बनेगा: पंचांग में यह भी बताया गया है कि इस दिन वृद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है. माना जाता है कि इस योग में किए गए कार्यों में हमेशा वृद्धि प्राप्त होती है. साथ ही जीवन में आ रही रुकावटें दूर हो जाती हैं. इस दिन वृद्धि योग का निर्माण 23 दिसंबर 2022 दोपहर 1 बजकर 42 मिनट पर होगा. इसका समापन 24 दिसंबर को सुबह 9 बजकर 27 मिनट पर होगा. (Last Amavasya of 2022)

स्नान का शुभ मुहूर्त: : पौष अमावस्या 22 दिसंबर को शाम 7 बजकर 13 मिनट पर आरंभ होगी. 23 दिसंबर को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर पौष माह की अमावस्या तिथि का समापन होगा. यह साल 2022 की अंतिम अमावस्या होगी. वहीं, 23 दिसंबर को स्नान का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 6 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. वहीं, अभिजित मुहूर्त -दोपहर 12 बजकर 5 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. (Paush Amavasya 2022 Snan)

पितरों का मिलता आर्शीवाद: इस दिन स्नान दान के साथ देवी -देवताओं की पूजा -अर्चना करना शुभ माना जाता है. इसके साथ ही अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती हैऔर वह अपने परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर गंगा स्नान करना चाहिए.

नदी में स्नान: अगर आप गंगा या अन्य नदी में स्नान करने के लिए नहीं जा पा रहे है, तो घर में ही नहाने वाले पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालना चाहिए. ऐसा करने से गंगा स्नान के बराबर पुण्य की प्राप्ति होगी. इसके बाद भगवान सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य दें. अर्घ्य देने के साथ सभी देवी-देवताओं की पूजा करें. पूजा के बाद गरीबों और जरूरतमंदों को दान करना चाहिए. पितृ दोष से निजात पाने के लिए पितरों के पसंद का भोजन बनाना चाहिए. गाय, कौवा, कुत्ते के लिए भोजन निकालने के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराया जाना चाहिए.

पीपल और तुलसी पूजन: अमावस्या के दिन पीपल वृक्ष का पूजन और तुलसी के पौधे की परिक्रमा करने से श्री विष्णु भगवान प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा अमावस्या के दिन पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए उपाय एवं व्रत-उपवास किए जाते हैं. मान्यतानुसार पितृ दोष से पीड़ित व्यक्ति को पौष मास की अमावस्या पर पितरों की मोक्ष प्राप्ति के लिए व्रत रख कर दान-पुण्य करना चाहिए.

भाग्य खुलने का दिन: इस दिन नदी स्नान के बाद तिल तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. स्नान के बाद तांबे के पात्र में जल लेकर लाल पुष्प, लाल चंदन डालकर सूर्यदेव को अर्घ्य देना बहुत ही उत्तम माना जाता है. पौष अमावस्या के दिन गरीब या असहाय लोगों को भोजन कराने से भाग्य खुलता है.

इन चीजों का उपयोग स्नान में करना चाहिए: माना जाता है कि अंतिम अमावस्या के दिन धन लाभ के लिए तिल पानी में डालकर स्नान करना चाहिए. इससे मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है. वहीं, कुंडली में अगर चंद्र दोष हो तो पौष अमावस्या पर जल में दूध या सफेद चंदन का उपयोग करना चाहिए. इससे मानसिक शांती के साथ व्यक्ति दीर्धायु होता है. इसके अलावा इस दिन इलायची और केसर से स्नान करने पर कहा जाता है कि बुरा समय जल्दी निकल जाता है.पीली सरसों पानी में मिलाकर स्नान करने से माना जाता है कि दांपत्य जीवन में सुख-शांति बनी रहती है.

Last Updated : Dec 23, 2022, 6:06 AM IST
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