शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सुक्खू सरकार को बने हुए तीन महीने का समय हुआ है. लेकिन अभी से ही सुक्खू सरकार में बगावत शुरू गई है. कांग्रेस के विधायक अपने ही सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं. जनजातीय क्षेत्र लाहौल-स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने सरकार पर उनके क्षेत्र में बिना पूछे अधिकरियों को बदलने के आरोप लगाए है.
विधायक रवि ठाकुर का कहना है कि वे इसको लेकर बार-बार मुख्यमंत्री के समक्ष मामला उठा चुके हैं. लेकिन कोई सुनवाई न होने के बाद अब रवि ठाकुर ने कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह को पत्र लिखा है. इसमें उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र के तीनों एसडीएम, डीएफओ, दो बीडीओ, दो तहसीलदार, नायब तहसीलदार की ट्रांसफर का मसला उठाया है.
प्रतिभा सिंह को लिखे पत्र में रवि ठाकुर ने कहा कि अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. इसे देखते हुए उनके चुनाव क्षेत्र में अधिकारियों के खाली पदों को शीघ्र भरा जाए. इन पदों के खाली होने से क्षेत्रवासियों में भारी रोष है. जिले में एक भी एसडीएम नहीं होने से विकास के कार्य ठप हैं. विभिन्न परीक्षाओं के लिए आवेदन करने के इच्छुक छात्र सर्टिफिकेट जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज नहीं बना पा रहे.
एसडीएम, डीएफओ तहसीलदार के बगैर डिवीजन दफ्तर के कोई भी काम नहीं हो पा रहे हैं. इसको लेकर दो महीने से मुख्यमंत्री से खाली पदों को भरने की मांग की जा रही है. बता दें कि नियमों के तहत जनजातीय क्षेत्र में किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को तब तक ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है, जब तक उसका रिलीवर न आ जाए. मगर, सरकार ने इसकी परवाह नहीं की और अपने ही विधायक की अनदेखी कर डाली. लाहौल-स्पीति जिले में केलोंग, स्पीति और उदयपुर में तीन एसडीएम बैठते हैं. इस वक्त तीनों पद खाली है.
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