शिमला: राजधानी शिमला में बुधवार को कृष्ण जन्माष्टमी बड़े धूमधाम से मनाई गई. शहर के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा. श्रद्धालु सुबह से ही लंबी कतारों में लगकर कृष्ण मंदिर में पूजा अर्चना करते रहे और भजन कीर्तन गाते रहे. जन्माष्टमी के उपलक्ष पर मंदिरों को विशेष रूप से सजाया गया था. मुख्य पूजा रात 11:45 बजे से 12:00 तक की जाएगी. रात 12:00 बजे भगवान श्री कृष्ण के जन्म के साथ विशेष पूजा अर्चना की जाएगी. श्रद्धालुओं ने आज व्रत रखा है और भगवान कृष्ण के मंदिर में शीश नवा रहे हैं.
शहर के मुख्य कृष्ण मंदिर गंज बाजार में विशेष आयोजन किया जा रहा है. मंदिर के पुजारी नौटियाल ने बताया कि आज कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है. रात 12:00 बजे भगवान कृष्ण का जन्म होगा. 11:45 बजे विशेष पूजा अर्चना की जाएगी. उन्होंने बताया कि इस दौरान खीर का विशेष रूप से भोग चढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि देवभूमि हिमाचल में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है और इस बार 134 व समारोह मनाया जा रहा है जिसके लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं और भजन कीर्तन किया जा रहा है.
शिमला के गंज बाजार स्थित राधा कृष्ण मंदिर जहां आज लोग आज हजारों की तादाद में दर्शन करते हैं. वहीं, ब्रिटिश काल में 137 साल पहले अंग्रेज भी इस मंदिर में मन्नत करने आते थे. इस मंदिर का इतिहास काफी प्रचलित रहा है. कुछ लोगों को अभी भी पता नहीं है कि यह मंदिर इतना पुराना भी है. ब्रिटिश काल में सन् 1882 में इस मंदिर की नींव रखी गई और 1886 में इसकी स्थापना हुई है. उस दौरान कालका से शिमला की सड़के संकरी व कच्ची थी. लोग पैदल व खच्चरों या घोड़ों पर आया करते थे और मंदिर के दर्शन करते थे.
सनातन धर्म सभा के अथक प्रयासों से सन् 1886 में वर्तमान मंदिर का भवन व साथ लगती जमीन खरीदी गई व मंदिर का निर्माण प्रारंभ हुआ. आनंद कंद मुरली मनोहर भगवान राधा कृष्ण जी का विग्रह मूर्ति वर्ष 1889 में स्थापित हुई. तब से आज तक सभा निरन्तर प्रगति के पथ पर है. जन साधारण की सेवा कर रही है. जन्माष्टमी का पर्व यहां पर धूमधाम से मनाया जाता है.
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