शिमला: न्यायाधीश रवि विजयकुमार मलीमथ ने गुरुवार को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया. उन्हें मुख्य न्यायाधीश एल. नारायण स्वामी ने उच्च न्यायालय में आयोजित एक साधारण लेकिन प्रभावशाली समारोह में पद की शपथ दिलाई. इससे पहले, न्यायमूर्ति आर.वी.मलिमथ उत्तराखंड उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे.
इस अवसर पर उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों में न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान, न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर, न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर, न्यायाधीश अजय मोहन गोयल, न्यायाधीश संदीप शर्मा, न्यायाधीश चंदर भूषण बारोवालिया, न्यायाधीश अनूप चिटकारा और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ भी उपस्थित थे. रजिस्ट्रार जनरल, वीरेंद्र सिंह ने कार्यवाही का संचालन किया.
रवि विजयकुमार मलीमथ ने 1987 से शुरू की थी वकालत
न्यायमूर्ति मलीमथ का जन्म 25 मई 1962 को हुआ था. उन्होंने 28 जनवरी 1987 को कर्नाटक हाईकोर्ट में वकालत शुरू की. इन्होंने बतौर अधिवक्ता संवैधानिक, सिविल, आपराधिक, श्रम और सेवा मामलों में महारथ हासिल की. इन्हें 18 फरवरी 2008 को कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश और 17 फरवरी 2010 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. मार्च 2020 में इन्हें उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के लिए स्थानांतरित कर दिया गया. इन्होंने 5 मार्च 2020 को उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के न्यायाधीश का पद ग्रहण किया. 28 जुलाई 2020 को इन्हें उत्तराखंड के उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया.
शपथ ग्राहण में कोविड के नियमों का पालन
इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष रमाकांत शर्मा एडवोकेट जनरल अशोक शर्मा, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष नरेश्वर सिंह चंदेल, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया राजेश शर्मा व रजिस्ट्रार (सतर्कता) डॉ बलदेव सिंह भी उपस्थित थे. कोविड-19 महामारी के प्रसार की रोकथाम के लिए जारी किए गए निर्देशों का पालन करते हुए, इस अवसर पर केवल सीमित संख्या में व्यक्ति उपस्थित थे और अन्य लोग वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शपथ समारोह की कार्यवाही में शामिल हुए.
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