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जेईई मेन में शिमला के सार्थक दीवान ने किया स्टेट टॉप, बताए सफलता के मंत्र

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Published : Sep 12, 2020, 9:42 PM IST

Updated : Sep 12, 2020, 9:52 PM IST

शिमला के संजौली के रहने वाले सार्थक दीवान ने जेईई मेन्स में हिमाचल में टॉप किया है. सार्थक जेईई-1 के भी टॉपर हैं. सार्थक दीवान ने प्रदेश भर में पहला और देश में 420वां रैंक हासिल किया है. बैटे की इस उपलब्धि से सार्थक के माता-पिता काफी खुश हैं.

JEE mains topper Sarthak Diwan interview
सार्थक दीवान.

शिमला: जेईई मेन की परीक्षा एक सितंबर से 6 सितंबर तक तक आयोजित की गई थी जिसका परीक्षा परिणाम घोषित कर लिया गया है. इस परीक्षा में संजौली के सार्थक दीवान ने प्रदेश भर में पहला और देश में 420वां रैंक हासिल किया है.

बड़ी बात यह है कि सार्थक ने जेईई मेन-1 और अब जेईई मेन-2 की परीक्षा में सराहनीय प्रदर्शन कर अपनी सफलता का परचम लहराया हैं. जेईई मेन 1 और जेईई मेन 2 में सार्थक अव्वल रहे हैं और इन दोनों परीक्षाओं की मेरिट जारी होने के बाद भी सार्थक की परसेंटाइल को कोई दूसरा छात्र कंपीट नहीं कर पाया है.

इस स्थान को हासिल करने के लिए सार्थक ने जी तोड़ मेहनत की थी, जिसका फल उन्हें आज मिला है. ईटीवी से खास बातचीत में सार्थक ने बताया की कड़ी मेहनत और 6 से 7 घंटे तक पढ़ाई और सोशल मीडिया से दूरी ही उनकी सफलता का मूल मंत्र रहा है. सार्थक ने जेईई मेन में 99.9683001 परसेंटाइल जो पहली जेईई मेन की परीक्षा में मिले थे उसी के आधार पर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है.

वीडियो.

परीक्षा को पास करने करने के लिए सार्थक ने कोचिंग के साथ ही सेल्फ स्टडी भी की. 6 से 7 घंटे की पढ़ाई करने के साथ खुद को दूसरी गतिविधियों से दूर रखा. शिक्षकों की सलाह पर किताबों का चयन किया और कोटा के एक कोचिंग सेंटर से नोट्स लेकर भी पढ़ाई की.

सार्थक ने बताया कि 10वीं कक्षा से ही उन्होंने कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने की ठान ली थी. यह बात जब उन्होंने अपने अभिभावकों को बताई तो उन्होंने सार्थक को रुचि को प्राथमिकता दी और उसे अपनी पसंद से फील्ड चुनने का मौका भी दिया. सार्थक के माता पिता दोनों ही पेशे से डॉक्टर हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी सार्थक पर मेडिकल फील्ड में जाने का दबाव नहीं बनाया.

सार्थक कहते हैं कि उन्हें मेडिकल फील्ड में रुचि नहीं थी और यह बात जब उन्होंने अपने अभिभावकों को बताई तो उनके अभिभावकों ने उन्हें पूरा सहयोग दिया और यही वजह भी है कि वह जिस फील्ड में जाना चाह रहे हैं उसमें अपना बेहतर कर पा रहे हैं. अब सार्थक का लक्ष्य जेईई एडवांस की परीक्षा में अच्छे अंक लाकर देश के बेहतरीन आईआईटी में प्रवेश पाना है.

JEE mains topper Sarthak Diwan interview
परिवार के साथ सार्थक दीवान.

सार्थक आईआईटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना चाहते हैं. वहीं, सार्थक दूसरे छात्र जो इस परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं उन्हें भी यही संदेश देना चाहते हैं कि छात्र अपनी पढ़ाई पर फोकस करें और छोटी-छोटी हार से निराश ना हो. वह जिस फील्ड में जाना चाहते हैं उसी का चयन करें और किसी के दबाव में आकर अपने फैसले को ना बदलें.

पढ़ाई के साथ ही सार्थक की प्रोग्रामिंग और बैडमिंटन खेलने में भी रूचि है जब भी उन्हें पढ़ाई से ब्रेक लेना होता था तो वह अपना समय प्रोग्रामिंग में बिताते थे और उसके बाद अपनी पढ़ाई पर फोकस करते थे. दूसरी बार जब अभी उन्होंने परीक्षा दी तो कोविड की वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई और ऑनलाइन ज्यादा पढ़ना पड़ा.

अपने बेटे की उपलब्धि से सार्थक के माता-पिता भी बेहद खुश हैं. सार्थक की माता डॉ. दीपा दीवान जो आईजीएमसी में कार्यरत हैं उन्होंने बेटे की इस उपलब्धि पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनका बेटा पहले से ही पढ़ाई में बेहतर है. उसकी मेहनत का ही फल है जो उसे आज मिला है. उन्होंने अपने बेटे को जेईई एडवांस की परीक्षा के लिए भी शुभकामनाएं दी.

सार्थक के पिता डॉ. योगेश दिवान जोकि आईजीएमसी में बतौर प्रोफेसर कार्यरत हैं उन्होंने कहा कि सार्थक ने जितनी मेहनत की थी उसे देखकर लगता था कि अच्छा रैंक लाएगा, लेकिन अब जब जेईई मेन की दोनों परीक्षाओं की मेरिट आई है तो उसमें भी सार्थक प्रदेश में टॉप पर रहा है जो बेहद ही गर्व की बात है.

हालांकि, उन्होंने माना कि सार्थक ने जिस उद्देश्य से जेईई मेन-2 की परीक्षा दी थी उसमें वह पहली परीक्षा से बेहतर नहीं कर पाया. सार्थक का लक्ष्य था कि वह दूसरी परीक्षा देकर अपनी पहली परीक्षा का परसेंटाइल बढ़ा सके, लेकिन कोविड-19 के बीच हुई इस परीक्षा में बच्चों में इतना तनाव पैदा कर दिया था कि बच्चे परीक्षा की तिथि तय ना हो पाने और उसके बाद परीक्षा करवाने के विरोध में हो रहे प्रदर्शन को लेकर ही तनाव में थे. जिसकी वजह से उनकी परफॉर्मेंस पर इसका असर देखने को मिला और सार्थक के साथ भी वही हुआ.

दूसरी बार दी गई परीक्षा में नहीं बढ़ा परसेंटाइल

बता दें कि इससे पहले जनवरी 2020 में हुई जेईई मेन की पहली परीक्षा भी सार्थक ने दी थी. इसमें सार्थक को 99.9683001 परसेंटाइल के साथ प्रदेश में पहला स्थान मिला था. अब जब जेईई मेन की दूसरी परीक्षा इस वजह से सार्थक ने दी थी कि अगर उनकी परसेंटाइल बढ़ती है तो वह परसेंटाइल ही उनकी मेरिट में जुड़ती लेकिन जैसी उन्हें उम्मीद थी वैसा ही हुआ और दूसरी परीक्षा की परसेंटाइल पहली परीक्षा से कम रही लेकिन फिर भी उनकी परसेंटाइल से ज्यादा परसेंटाइल कोई छात्र प्राप्त नहीं कर पाया ओर उन्हें प्रदेश में पहला स्थान मिला.

शिमला: जेईई मेन की परीक्षा एक सितंबर से 6 सितंबर तक तक आयोजित की गई थी जिसका परीक्षा परिणाम घोषित कर लिया गया है. इस परीक्षा में संजौली के सार्थक दीवान ने प्रदेश भर में पहला और देश में 420वां रैंक हासिल किया है.

बड़ी बात यह है कि सार्थक ने जेईई मेन-1 और अब जेईई मेन-2 की परीक्षा में सराहनीय प्रदर्शन कर अपनी सफलता का परचम लहराया हैं. जेईई मेन 1 और जेईई मेन 2 में सार्थक अव्वल रहे हैं और इन दोनों परीक्षाओं की मेरिट जारी होने के बाद भी सार्थक की परसेंटाइल को कोई दूसरा छात्र कंपीट नहीं कर पाया है.

इस स्थान को हासिल करने के लिए सार्थक ने जी तोड़ मेहनत की थी, जिसका फल उन्हें आज मिला है. ईटीवी से खास बातचीत में सार्थक ने बताया की कड़ी मेहनत और 6 से 7 घंटे तक पढ़ाई और सोशल मीडिया से दूरी ही उनकी सफलता का मूल मंत्र रहा है. सार्थक ने जेईई मेन में 99.9683001 परसेंटाइल जो पहली जेईई मेन की परीक्षा में मिले थे उसी के आधार पर प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है.

वीडियो.

परीक्षा को पास करने करने के लिए सार्थक ने कोचिंग के साथ ही सेल्फ स्टडी भी की. 6 से 7 घंटे की पढ़ाई करने के साथ खुद को दूसरी गतिविधियों से दूर रखा. शिक्षकों की सलाह पर किताबों का चयन किया और कोटा के एक कोचिंग सेंटर से नोट्स लेकर भी पढ़ाई की.

सार्थक ने बताया कि 10वीं कक्षा से ही उन्होंने कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करने की ठान ली थी. यह बात जब उन्होंने अपने अभिभावकों को बताई तो उन्होंने सार्थक को रुचि को प्राथमिकता दी और उसे अपनी पसंद से फील्ड चुनने का मौका भी दिया. सार्थक के माता पिता दोनों ही पेशे से डॉक्टर हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी सार्थक पर मेडिकल फील्ड में जाने का दबाव नहीं बनाया.

सार्थक कहते हैं कि उन्हें मेडिकल फील्ड में रुचि नहीं थी और यह बात जब उन्होंने अपने अभिभावकों को बताई तो उनके अभिभावकों ने उन्हें पूरा सहयोग दिया और यही वजह भी है कि वह जिस फील्ड में जाना चाह रहे हैं उसमें अपना बेहतर कर पा रहे हैं. अब सार्थक का लक्ष्य जेईई एडवांस की परीक्षा में अच्छे अंक लाकर देश के बेहतरीन आईआईटी में प्रवेश पाना है.

JEE mains topper Sarthak Diwan interview
परिवार के साथ सार्थक दीवान.

सार्थक आईआईटी से कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग करना चाहते हैं. वहीं, सार्थक दूसरे छात्र जो इस परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हैं उन्हें भी यही संदेश देना चाहते हैं कि छात्र अपनी पढ़ाई पर फोकस करें और छोटी-छोटी हार से निराश ना हो. वह जिस फील्ड में जाना चाहते हैं उसी का चयन करें और किसी के दबाव में आकर अपने फैसले को ना बदलें.

पढ़ाई के साथ ही सार्थक की प्रोग्रामिंग और बैडमिंटन खेलने में भी रूचि है जब भी उन्हें पढ़ाई से ब्रेक लेना होता था तो वह अपना समय प्रोग्रामिंग में बिताते थे और उसके बाद अपनी पढ़ाई पर फोकस करते थे. दूसरी बार जब अभी उन्होंने परीक्षा दी तो कोविड की वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हुई और ऑनलाइन ज्यादा पढ़ना पड़ा.

अपने बेटे की उपलब्धि से सार्थक के माता-पिता भी बेहद खुश हैं. सार्थक की माता डॉ. दीपा दीवान जो आईजीएमसी में कार्यरत हैं उन्होंने बेटे की इस उपलब्धि पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि उनका बेटा पहले से ही पढ़ाई में बेहतर है. उसकी मेहनत का ही फल है जो उसे आज मिला है. उन्होंने अपने बेटे को जेईई एडवांस की परीक्षा के लिए भी शुभकामनाएं दी.

सार्थक के पिता डॉ. योगेश दिवान जोकि आईजीएमसी में बतौर प्रोफेसर कार्यरत हैं उन्होंने कहा कि सार्थक ने जितनी मेहनत की थी उसे देखकर लगता था कि अच्छा रैंक लाएगा, लेकिन अब जब जेईई मेन की दोनों परीक्षाओं की मेरिट आई है तो उसमें भी सार्थक प्रदेश में टॉप पर रहा है जो बेहद ही गर्व की बात है.

हालांकि, उन्होंने माना कि सार्थक ने जिस उद्देश्य से जेईई मेन-2 की परीक्षा दी थी उसमें वह पहली परीक्षा से बेहतर नहीं कर पाया. सार्थक का लक्ष्य था कि वह दूसरी परीक्षा देकर अपनी पहली परीक्षा का परसेंटाइल बढ़ा सके, लेकिन कोविड-19 के बीच हुई इस परीक्षा में बच्चों में इतना तनाव पैदा कर दिया था कि बच्चे परीक्षा की तिथि तय ना हो पाने और उसके बाद परीक्षा करवाने के विरोध में हो रहे प्रदर्शन को लेकर ही तनाव में थे. जिसकी वजह से उनकी परफॉर्मेंस पर इसका असर देखने को मिला और सार्थक के साथ भी वही हुआ.

दूसरी बार दी गई परीक्षा में नहीं बढ़ा परसेंटाइल

बता दें कि इससे पहले जनवरी 2020 में हुई जेईई मेन की पहली परीक्षा भी सार्थक ने दी थी. इसमें सार्थक को 99.9683001 परसेंटाइल के साथ प्रदेश में पहला स्थान मिला था. अब जब जेईई मेन की दूसरी परीक्षा इस वजह से सार्थक ने दी थी कि अगर उनकी परसेंटाइल बढ़ती है तो वह परसेंटाइल ही उनकी मेरिट में जुड़ती लेकिन जैसी उन्हें उम्मीद थी वैसा ही हुआ और दूसरी परीक्षा की परसेंटाइल पहली परीक्षा से कम रही लेकिन फिर भी उनकी परसेंटाइल से ज्यादा परसेंटाइल कोई छात्र प्राप्त नहीं कर पाया ओर उन्हें प्रदेश में पहला स्थान मिला.

Last Updated : Sep 12, 2020, 9:52 PM IST
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