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अब हिमाचल में उगेगा जापान का शिटाके मशरूम, कैंसर रोग से लड़ने में है लाभकारी

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Published : Oct 30, 2019, 11:24 PM IST

हिमाचल के किसान जल्द ही अपने खेतों में 1500 से 2000 रुपये प्रति किलो बिकने वाली मशरूम की खेती कर सकेंगे. कृषि मंत्री रामलाल मार्कडेंय ने कहा कि जापानी किस्म की यह मशरूम शिटाके मशरूम के नाम से मशहूर है.

Japanese shiitake mushroom will grow in Himachal

शिमला: हिमाचल के किसान जल्द ही अपने खेतों में 1500 से 2000 रुपये प्रति किलो बिकने वाली मशरूम की खेती कर सकेंगे. कृषि मंत्री रामलाल मार्कडेंय ने कहा कि जापानी किस्म की यह मशरूम शिटाके मशरूम के नाम से मशहूर है.

यह मशरूम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मशरूम खाने से शरीर की कैंसर रोग से लड़ने की प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ती है. कृषि मंत्री रामलाल मार्कडेंय अपने जापान दौरे से लौटे हैं और उन्होंने अपने दौरे के बारे में ईटीवी भारत से हुई खास बातचीत में बताया.

वीडियो.

अपने 7 दिनों के जापान दौरे से लौटे कृषि मंत्री ने कहा कि जायका मिशन के तहत दूसरे चरण में जापान के साथ एक एमओयू साइन किया गया है. साथ ही पालमपुर कृषि विश्वविद्याल के तीन कृषि विशेषज्ञ तीन महीने की शिटाके मशरूम की खेती की ट्रेनिंग लेकर भी वापस आ चुके हैं.

मार्कडेंय ने कहा कि इस मशरूम की खेती करने से किसानों की आर्थिकी में सुधार होगा. सामान्य तौर पर हिमाचल में उगाई जाने वाली मशरूम काफी सस्ती होती है, लेकिन यह मशरूम 2000 रुपये प्रति किलो बिकने से किसानों को लाभ होगा.

कृषि मंत्री मार्कडेंय ने कहा कि शिटाके मशरूम खाने में भी लाभदायक होने का कारण मार्केट में इसकी अच्छी मांग होने की संभावना है.

शिमला: हिमाचल के किसान जल्द ही अपने खेतों में 1500 से 2000 रुपये प्रति किलो बिकने वाली मशरूम की खेती कर सकेंगे. कृषि मंत्री रामलाल मार्कडेंय ने कहा कि जापानी किस्म की यह मशरूम शिटाके मशरूम के नाम से मशहूर है.

यह मशरूम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मशरूम खाने से शरीर की कैंसर रोग से लड़ने की प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ती है. कृषि मंत्री रामलाल मार्कडेंय अपने जापान दौरे से लौटे हैं और उन्होंने अपने दौरे के बारे में ईटीवी भारत से हुई खास बातचीत में बताया.

वीडियो.

अपने 7 दिनों के जापान दौरे से लौटे कृषि मंत्री ने कहा कि जायका मिशन के तहत दूसरे चरण में जापान के साथ एक एमओयू साइन किया गया है. साथ ही पालमपुर कृषि विश्वविद्याल के तीन कृषि विशेषज्ञ तीन महीने की शिटाके मशरूम की खेती की ट्रेनिंग लेकर भी वापस आ चुके हैं.

मार्कडेंय ने कहा कि इस मशरूम की खेती करने से किसानों की आर्थिकी में सुधार होगा. सामान्य तौर पर हिमाचल में उगाई जाने वाली मशरूम काफी सस्ती होती है, लेकिन यह मशरूम 2000 रुपये प्रति किलो बिकने से किसानों को लाभ होगा.

कृषि मंत्री मार्कडेंय ने कहा कि शिटाके मशरूम खाने में भी लाभदायक होने का कारण मार्केट में इसकी अच्छी मांग होने की संभावना है.

Intro:Body:शिमला. हिमाचल के किसान जल्द ही अपने खेतों में 1500 से 2000 रूपए प्रति किलो बिकने वाली मशरूम की खेती कर सकेंगे. कृषि मंत्री रामलाल मारकंडेय ने कहा कि जापानी किस्म की यह मशरूम शिटाके मशरूम के नाम से मशहूर है इसके अलावा इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह मशरूम खाने से शरीर की कैंसर रोग से लड़ने की प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ती है.

अपने 7 दिनों के जापान दौरे से लौटे कृषि मंत्री ने कहा कि जायका मिशन के तहत दूसरे चरण में जापान के साथ एमओयू साइन किया गया है साथ ही पामापुर कृषि विश्वविद्याल के 3 कृषि विशेषज्ञ तीन महीने की शिटाके मशरूम की खेती की ट्रेनिंग लेकर भी वापस आ चुके हैं. मारकंडेय ने कहा कि इस मसरूम की खेती करने से किसानों की आर्थिकी में सुधार होगा. सामान्य तौर पर हिमाचल में उगाई जाने वाली मसरूम काफी सस्ती होती है लेकिन यह मसरूम 2000 रूपए प्रति किलो बिकने से किसानों को लाभ होगा. मारकंडेय ने कहा कि शटाके मसरूम खाने में भी लाभदायक होने का कारण मार्केट में इसकी अच्छी मांग होने की संभावना है.

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