शिमला: दुनिया भर में कोरोना संक्रमण का दौर जारी है. बीते करीब एक साल से कोरोना का असर हर चीज पर पड़ा है. सरकारी योजनाएं भी इससे नहीं बच पाई हैं. हिमाचल की जयराम सरकार का जनमंच कार्यक्रम भी पिछले करीब 8 महीने से नहीं हुआ है लेकिन मंगलवार को शिमला में हुई कैबिनेट बैठक में जनमंच को लेकर भी एक फैसला लिया गया.
एसओपी के साथ 8 नवंबर से जनमंच
कोरोना संक्रमण के कारण पिछले करीब 8 महीने से जनमंच कार्यक्रम नहीं हो पाया है. अब 8 नवंबर को जनमंच कार्यक्रम की वापसी होने वाली ह. बुधवार को कैबिनेट बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने इसकी जानकारी दी. सुरेश भारद्वाज ने बताया कि कोरोना संकट काल के दौरान लगे लॉकडाउन में जनमंच नहीं हो पाया और फिलहाल अनलॉक के दौरान कई एसओपी के तहत विभिन्न गतिविधियां प्रदेशभर में हो रही हैं. ऐसे में 8 नवंबर से जनमंच की शुरूआत होगी. जिसके लिए एसओपी जारी की जाएगी जिसमें जनमंच कार्यक्रम के आयोजन को लेकर जरूरी गाइडलाइंस होंगी. कोरोना संक्रमण को देखते हुए इन्हीं गाइडलाइंस के तहत जनमंच कार्यक्रम का आयोजन होगा.
क्या है जनमंच ?
साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई. जिसके बाद जयराम सरकार ने जनमंच कार्यक्रम की शुरुआत हुई. जिसके तहत सरकार के मंत्री प्रदेश भर आयोजित जनमंच कार्यक्रमों में पहुंचकर जनता की समस्याओं का मौके पर ही निपटारा करते हैं. जनमंच कार्यक्रम के लिए मंत्रियों की अलग-अलग जिलों में ड्यूटी लगाई जाती है.
8 महीने से नहीं हुआ जनमंच
कोरोना का असर जनमंच कार्यक्रम पर भी पड़ा. हिमाचल की जयराम सरकार का जनमंच कार्यक्रम करीब 8 महीने से नहीं हो पाया है. सुरेश भारद्वाज ने बताया कि आखिरी जनमंच कार्यक्रम फरवरी माह में आयोजित किया गया था जिसके बाद कोरोना के चलते इसका आयोजन नहीं हो पाया था. अब सरकार ने 8 नवंबर से कोरोना को देखते हुए एसओपी यानि विशेष गाइडलाइंस के साथ जनमंच के आयोजन की तैयारी कर ली है.
बुधवार को हुई जयराम कैबिनेट की बैठक में जनमंच कार्यक्रमों के फिर से आयोजन पर मुहर लग गई. कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि बहुत जल्द जनमंच कार्यक्रम के लिए एसओपी जारी की जाएगी और मंत्रियों के कार्यक्रम भी तय किए जाएंगे.