शिमला: राजधानी में लोगों को स्वच्छ पानी मुहैया करवाने के लिए शहर में लगाए गए लाखों रुपए के वाटर एटीएम शोपीस बनकर रह गए हैं. शहर के 25 एटीएम में से 10 खराब पड़े हैं. शिमला के रिज मैदान, मिडल बाजार, बस स्टैंड सहित कई क्षेत्रों में जल निगम ने पानी के एटीएम लगाए थे, लेकिन सही देखरेख ना होने के चलते यह एटीएम अब शोपीस बनकर रह गए हैं.
एक वाटर एटीएम पर चार लाख हुए थे खर्च
नगर निगम कि ओर से 2015 में शिमला शहर में वाटर एटीएम लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी और 2019 में 25 वार्डों में पानी के एटीएम लगा दिए गए थे. एक वाटर एटीएम पर खर्चा करीब चार लाख तक आया था. इन एटीएम में दो रुपए का सिक्का डाल कर एक लीटर पानी लोगों को दिया जा रहा था.
रिज मैदान का वाटर एटीएम भी खराब
नगर निगम शिमला को इन वाटर एटीएम की देख-रेख का जिम्मा जल निगम को सौंपा था. कुछ समय तक तो इन वाटर एटीएम से लोगों को पानी मिलता रहा, लेकिन शरारती तत्वों के छेड़छाड़ करने के चलते वाटर एटीएम खराब पड़े हैं. रिज मैदान पर भी एटीएम खराब पड़ा है. यहां पर काफी तादात में पर्यटक और दुकानदार भी पानी भरते थे, लेकिन एटीएम खराब होने से अब लोगों को सार्वजनिक नलों से ही पानी भरना पड़ा रहा है.
वाटर एटीएम में लगाई जाएगी फेंसिंग
जल निगम शिमला एजीएम गोपाल कृष्ण ने कहा कि शहर में 25 वाटर एटीएम लगाए गए थे, जिसमें से दस खराब पड़े हैं. वाटर एटीएम की डिस्प्ले तोड़ दी गई है.जल निगम जल्द ही इनकी मुरम्मत करवाएगा और इसकी सेफ्टी के लिए एटीएम के चारों तरफ से फेंसिंग की जाएगी ताकि कोई इन एटीएम को नुक्सान न पहुंचा सके.
देख रेख न होने पर लाखों रुपये हुए बर्बाद
बता दें शिमला में हर साल पीलिया ओर डायरिया के मामले सामने आते हैं. जिसको देखते हुए नगर निगम ने लोगों को स्वच्छ पानी मुहैया करवाने के लिए हर वार्ड में वाटर एटीएम लगाने की योजना शुरू की थी. शहर में लाखों रुपए खर्च कर एटीएम तो लगाए गए, लेकिन इन वाटर एटीएम की देख रेख न होने से ये शो पीस बनकर रह गए हैं.
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