शिमला: सुखविंदर सरकार ने हिमाचल ग्रीन स्टेट बनाने का फैसला लिया है, इसके लिए सरकार कई कदम उठा रही है. एक ओर जहां सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को इस्तेमाल करने पर बल दे रही है. वहीं, सौर ऊर्जा के बारे में लोगों को जागरूक करने और इसमें निवेश को बढ़ाने के लिए भी कदम उठा रही है. इसी कड़ी में सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश में एक से पांच मेगावाट तक सोलर प्लांट लगाने के लिए अब राज्य के बाहर से संबंध रखने वाले निवेशक भी आवेदन कर सकेंगे.
राज्य सरकार के इस फैसले से सौर ऊर्जा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और देश भर से निवेशक हिमाचल का रुख करेंगे. राज्य सरकार ने हिम ऊर्जा के माध्यम से 250 किलोवाट से पांच मेगावाट क्षमता की ग्राउंड माउंटिड सौर ऊर्जा परियोजनाओं से 100 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा है. इसके लिए हिम ऊर्जा द्वारा 6 मार्च से 15 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं. ये परियोजनाएं निजी भूमि अथवा पट्टे पर ली गई भूमि पर स्थापित की जा सकेगी.
250 मेगावाट से एक किलोवाट तक की परियोजनाएं हिमाचलियों के लिए रिजर्व: हिमाचल में लगने वाले 30 मेगावाट क्षमता की 250 किलोवाट से एक मेगावाट तक की परियोजनाएं बोनाफाइड हिमाचलियों के लिए आरक्षित रखी गई हैं. ऐसे आवेदक व्यक्तिगत अथवा सौ फीसदी हिमाचली भागीदारी के साथ इन परियोजनाओं को स्थापित कर सकेंगे. इसके अतिरिक्त 70 मेगावाट क्षमता की 1 से 5 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं स्थापित करने के लिए राज्य अथवा बाहर से कोई भी इच्छुक सौर ऊर्जा उत्पादक आवेदन कर सकता है.
प्रदेश सरकार का मानना है कि इससे हिमाचली युवाओं को सोलर प्लांट लगाकर घर के समीप ही बेहतर आय अर्जित करने का अवसर उपलब्ध होगा. वहीं बाहरी निवेश आकर्षित करने में भी यह सहायक होगा. प्रोजेक्ट मालिक परियोजनाओं से उत्पन्न बिजली हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड को बेच सकते हैं.
हिम ऊर्जा निभा रहा बड़ी अहम भूमिका: हिमाचल में ग्रीन एनर्जी के उत्पादन में हिम ऊर्जा महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. मौजूदा समय में हिम ऊर्जा द्वारा पांच मेगावॉट तक क्षमता की 339.25 मेगावाट की 91 जलविद्युत परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं. इसके अतिरिक्त 38.10 मेगावाट की ग्राउंड माउंटिड सौर ऊर्जा परियोजनाएं, 18.85 मेगावाट के सोलर ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप प्लांट और 3.97 मेगावाट सोलर ऑफ ग्रिड प्लांट का संचालन भी किया जा रहा है.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा है कि सरकार के इन फैसलों से हिमाचल को ग्रीन एनर्जी स्टेट बनाने में बल मिलेगा. ई-वाहनों के लिए पर्याप्त ऊर्जा आपूर्ति के साथ ही एक से पांच मेगावाट क्षमता वाली सौर परियोजनाओं में बाहरी राज्यों के निवेशकों को अनुमति देने के सकारात्मक नतीजे आएंगे.
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