शिमला: जन शिकायत निवारण के लिए ब्लॉक स्तर से लेकर राज्य स्तर तक सभी समितियों का पुनर्गठन किया जाएगा. इसके लिए कैबिनेट मंत्री रामलाल मारकंडा 10 अगस्त के बाद से पूरे प्रदेश का भ्रमण करेंगे और इस दौरान वह इन कमेटियों का गठन करेंगे.
जन शिकायत के तहत लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री हेल्पलाइन और अन्य सभी सुविधाओं को एक सूत्र में पिरो कर समस्याओं के समाधान में तेजी लाई जाएगी. निश्चित समय अंतराल के बाद अधिकारियों की मीटिंग ली जाएगी ताकि लंबित शिकायतों का समय पर निपटारा किया जा सके और अधिकारियों की जवाबदेही भी हो सके.
तकनीकी शिक्षा और सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग की जिम्मेदारी संभालने के बाद मारकंडा ने कहा कि दोनों विभागों का आपस में गहरा संबंध है और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में आईटी का प्रयोग करते हुए प्रदेश के सैकड़ों नौजवानों को रोजगार मुहैया कराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कौशल विकास भी एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है, जिसकी सहायता से उद्योगों में जरूरतों के हिसाब से प्रदेश के युवाओं को प्रशिक्षित किया जा सकता है और अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध करवाए जा सकते हैं. इस दिशा में प्रदेश सरकार काफी तेजी से कार्य कर रही है.
रामलाल मारकंडा ने कहा कि प्रदेश में आईटी पार्क को लेकर कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसके लिए जमीन भी चयनित कर ली गई है और तेजी से इसे स्थापित किया जा रहा है. आईटी पार्कों के स्थापित होने से प्रदेश के सैकड़ों युवाओं को रोजगार मिल सकेगा. मारकंडा ने कहा कि आज का युग डिजिटल युग है और ऐसे में प्रदेश में भी डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा दिया जा रहा है.
मारकंडा ने कहा कि प्रदेश में अधिकतर सरकारी सेवाएं डिजिटल मोड पर भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं और इस दिशा में किस प्रकार विभाग और तेजी से आगे बढ़ सकता है इस पर योजना बनाने के लिए विचार किया जा रहा है.
बता दें कि देशभर में हिमाचल प्रदेश वह पहला राज्य होगा, जहां कैबिनेट मैमो डिजिटलाइज होने जा रहा है. उम्मीद लगाई जा रही है कि कुछ ही दिनों में हिमाचल प्रदेश की कैबिनेट बैठक से मैन्युअल कार्य खत्म हो जाएगा और कैबिनेट बैठक तकनीक के माध्यम से चलाई जा सकेगी. इससे जहां समय की बचत होगी वहीं कागज भी बचाया जा सकेगा.
मारकंडा ने कहा कि तकनीकी विश्वविद्यालय के तहत आने वाले सभी शिक्षण संस्थानों में बेहतर ऑनलाइन सुविधा के ऊपर भी ध्यान दिया जा रहा है. प्रदेश में आईटीआई को किस प्रकार सुचारू रूप से ऑनलाइन कक्षाएं चलाने में सक्षम बनाया जा सके, इसके ऊपर भी विभाग कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि जल्द ही एक एप भी लांच की जाएगी जिसमें विभिन्न ट्रेडों से जोडे अध्ययन के विषय ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगा.
मारकंडा ने बताया कि आने वाले समय में प्रदेश के हर जिला में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोला जाएगा. इसके अलावा हर चुनाव क्षेत्र में आईटीआई के लिए कैंपस प्लेसमेंट की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए ताकि ऐसी इंडस्ट्रीज जिन्होंने आईटीआई को गोद लिया है वह यहां आकर बच्चों की केंपस प्लेसमेंट कर सके और प्रदेश के युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके.
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