शिमला/फरीदाबाद: 34वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले का समापन रविवार को हो गया. रविवार होने के कारण मेले में लाखों लोगों की भीड़ दिखाई दी. कार्यक्रम में राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कई हस्तशिल्पकारों और मेले में अपना विशेष योगदान देने वाले अधिकारियों को भी सम्मानित किया.
मेजबान प्रदेश के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने मुख्य अतिथि के रूप में और थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तारेय ने अति विशिष्ट अतिथि के रूप में शिल्पियों को अवार्ड प्रदान किए. समापन समारोह में पार्टनर कंट्री उज्बेकिस्तान के राजदूत फरहोद अरजीव विशेष सम्मानित अतिथि के रूप में मौजूद थे, जबकि अध्यक्षता प्रदेश के पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने की.
समापन समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल सत्यदेव ने कहा कि मानव-जीवन में कला, संस्कृति और संगीत का बहुत महत्व होता है और यह मेला इन तीनों विधाओं का एक अद्भुत संगम है. मेले के सहभागी देश उज्बेकिस्तान को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि इतिहास में उज्बेकिस्तान और भारत के संबंधों की जड़ें बहुत गहरी हैं. दोनों देशों का व्यापारिक संबंधों के साथ-साथ वास्तुकला, नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक संबंधों में भी एक दूसरे के साथ गहरा योगदान है.
पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि इस मेले की शुरुआत महामहिम राष्ट्रपति ने की थी. इस मेले में इंग्लैंड ने एमओयू भी साइन किया. उनकी मानें तो 39 देश के 1100 शिल्पकारों ने इस मेले में सहभागिता की. हर बार की तरह इस बार भी शिल्पकारों की परेशानी स्टॉल को लेकर रही. शिल्पकारों को परेशानी ना रहे, इसलिए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से चर्चा करेंगे और इस तरह का मेला साल में 2 महीने तक लगाए जाने पर भी सरकार विचार करेगी.
मेले के समापन के असवर पर केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर, हरियाणा के पर्यटन मंत्री कंवरपाल गुर्जर, परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, स्थानीय भाजपा विधायक सीमा त्रिखा, नरेंद्र गुप्ता भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे.
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