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सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में भीमाकाली मंदिर की ओर आकर्षित हो रहे हैं पर्यटक

पारंपरिक शैली में बनाए गये इस मंदिर को देखने बड़ी संख्या में दिन भर पर्यटक उमड़ रहे हैं. वर्ष 2020 के इस अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में भीमाकाली मंदिर की प्रतिकृति को स्थायी तौर पर बनाया गया है. इससे पहले हिमाचल प्रदेश 1996 में थीम राज्य बना था और महेश्वर देवता मंदिर की स्थाई प्रतिकृति बनाई गई थी.

International Surajkund Fair 2020, सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला
Surajkund Mela 2020
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Published : Feb 6, 2020, 8:39 PM IST

शिमला: सूरजकुंड में 34वें अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश द्वारा मेला मैदान में बनाए गई भीमाकाली मंदिर की प्रतिकृति पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण बन गई है. पारंपरिक शैली में बनाए गये इस मंदिर को देखने बड़ी संख्या में दिन भर पर्यटक उमड़ रहे हैं. वर्ष 2020 के इस अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में भीमाकाली मंदिर की प्रतिकृति को स्थायी तौर पर बनाया गया है. इससे पहले हिमाचल प्रदेश 1996 में थीम राज्य बना था और महेश्वर देवता मंदिर की स्थाई प्रतिकृति बनाई गई थी.

इसके अतिरिक्त हिमाचल के दर्शन करवाते पांच अस्थायी द्वार भी मेला मैदान में बनाए गए हैं. इनमें एक स्थाई द्वार हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक शैली में बनाया गया है. थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश ने 'अपना घर' भी बनाया है जिसे देखने लोग भारी संख्या में उमड़ रहे हैं. पारम्परिक पहाड़ी शैली में बनाये गये दो मंजिला 'अपना घर' में जिला चंबा से एक परिवार को ठहराया गया है जो पर्यटकों को ग्रामीण संस्कृति, रहन-सहन व जीवन शैली का अनुभव करा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

इसके अलावा हिमाचल के हथकरघा-हस्तशिल्प व अन्य हिमाचली उत्पादों के स्टालों पर प्रदर्शित उत्पादों को भी खूब पसंद किया जा रहा है. मेला मैदान में हिमाचल प्रदेश की विभिन्नता भरी संस्कृति को दर्शाते सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे हैं. मेला मैदान की विभिन्न जगहों पर हिमाचली लोक गीत व नृत्य, पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं. पर्यटकों को राज्य के खूबसूरत पर्यटन स्थलों की ओर आकर्षित करने तथा अन्य जानकारी प्रदान करने के लिए स्थापित सूचना केंद्र में काफी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं.

ये भी पढ़ें- शिमला में दिखेगा अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन, देखिए हिमाचल की पांच बड़ी खबरें

शिमला: सूरजकुंड में 34वें अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश द्वारा मेला मैदान में बनाए गई भीमाकाली मंदिर की प्रतिकृति पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण बन गई है. पारंपरिक शैली में बनाए गये इस मंदिर को देखने बड़ी संख्या में दिन भर पर्यटक उमड़ रहे हैं. वर्ष 2020 के इस अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में भीमाकाली मंदिर की प्रतिकृति को स्थायी तौर पर बनाया गया है. इससे पहले हिमाचल प्रदेश 1996 में थीम राज्य बना था और महेश्वर देवता मंदिर की स्थाई प्रतिकृति बनाई गई थी.

इसके अतिरिक्त हिमाचल के दर्शन करवाते पांच अस्थायी द्वार भी मेला मैदान में बनाए गए हैं. इनमें एक स्थाई द्वार हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक शैली में बनाया गया है. थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश ने 'अपना घर' भी बनाया है जिसे देखने लोग भारी संख्या में उमड़ रहे हैं. पारम्परिक पहाड़ी शैली में बनाये गये दो मंजिला 'अपना घर' में जिला चंबा से एक परिवार को ठहराया गया है जो पर्यटकों को ग्रामीण संस्कृति, रहन-सहन व जीवन शैली का अनुभव करा रहा है.

वीडियो रिपोर्ट.

इसके अलावा हिमाचल के हथकरघा-हस्तशिल्प व अन्य हिमाचली उत्पादों के स्टालों पर प्रदर्शित उत्पादों को भी खूब पसंद किया जा रहा है. मेला मैदान में हिमाचल प्रदेश की विभिन्नता भरी संस्कृति को दर्शाते सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे हैं. मेला मैदान की विभिन्न जगहों पर हिमाचली लोक गीत व नृत्य, पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं. पर्यटकों को राज्य के खूबसूरत पर्यटन स्थलों की ओर आकर्षित करने तथा अन्य जानकारी प्रदान करने के लिए स्थापित सूचना केंद्र में काफी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं.

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Intro:सूरजकुंड में भीमाकाली मंदिर की ओर आकर्षित हो रहे हैं पर्यटक

शिमला. सूरजकुंड में 34वें अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश द्वारा मेला मैदान में बनाए गई भीमाकाली मंदिर की प्रतिकृति पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण बन गई है. पारंपरिक शैली में बनाए गये इस मंदिर को देखने बड़ी संख्या में दिन भर पर्यटक उमडे रहे हैं। वर्ष 2020 के इस अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेले में भीमाकाली मंदिर की प्रतिकृति को स्थायी तौर पर बनाया गया है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश 1996 में थीम राज्य बना था और महेश्वर देवता मंदिर की स्थाई प्रतिकृति बनाई गई थी।Body:इसके अतिरिक्त हिमाचल के दर्शन करवाते पांच अस्थायी द्वार भी मेला मैदान में बनाए गए हैं। इनमें एक स्थाई द्वार हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक शैली में बनाया गया है।

थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश ने ‘अपना घर’ भी बनाया है जिसे देखने लोग भारी संख्या में उमड़ रहे हैं। पारम्परिक पहाड़ी शैली में बनाये गये दो मंजिला ‘अपना घर’ में जिला चंबा से एक परिवार को ठहराया गया है जो पर्यटकों को ग्रामीण संस्कृति, रहन-सहन व जीवन शैली का अनुभव करा रहा है।

Conclusion:इसके अलावा हिमाचल के हथकरघा-हस्तशिल्प व अन्य हिमाचली उत्पादों के स्टालों पर प्रदर्शित उत्पादों को भी खूब पसंद किया जा रहा है।

मेला मैदान में हिमाचल प्रदेश की विभिन्नता भरी संस्कृति को दर्शाते सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जा रहे हैं। मेला मैदान की विभिन्न जगहों पर हिमाचली लोक गीत व नृत्य, पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। पर्यटकों को राज्य के खूबसूरत पर्यटन स्थलों की ओर आकर्षित करने तथा अन्य जानकारी प्रदान करने के लिए स्थापित सूचना केंद्र में काफी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।
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