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रामपुर में एक्स सोल्जर वेलफेयर एसोसिएशन की हुई बैठक, उठाई ये मांग - सेवानिवृत्त सैनिक रामपुर

रामपुर में इंडियन पैरा मिलिट्री एक्स सोल्जर वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक हुई. बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष वीके शर्मा ने बताया कि उन्हें संगठित होकर आगे बढ़ना होगा. आज उनकी पहचान कहीं नहीं होती है.

एक्स सोल्जर वेलफेयर एसोसिएशन
एक्स सोल्जर वेलफेयर एसोसिएशन
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Published : Feb 25, 2021, 7:56 PM IST

रामपुर: उपमंडल रामपुर में वीरवार को इंडियन पैरा मिलिट्री एक्स सोल्जर वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक हुई. इस दौरान विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई. बैठक में रामपुर, कुमारसैन, निरमंड और आनी के पैरा मिलिट्री एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया.

एक्स सोल्जर वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक

बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष वीके शर्मा ने बताया कि उन्हें संगठित होकर आगे बढ़ना होगा. आज उनकी पहचान कहीं नहीं होती है. हालांकि सीमाओं पर वे देश की रक्षा करते हुए प्राणों को त्यागते हैं, लेकिन उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं मिलता. बैठक में मांग उठाई गई कि आर्मी और पैरा मिलिट्री में भेदभाव हो रहा है. कैंटीन और स्वास्थ्य की सुविधाएं सही से नहीं मिल रही है, इसलिए आगे संगठित होकर लड़ने की जरूरत है.

वीडियो

वन रैंक वन पेंशन को लागू करने की मांग

वीके शर्मा ने कहा कि वे पहले कई बार केंद्र और प्रदेश सरकारों को अपनी समस्याओं से अवगत करा चुके हैं. इस दौरान एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष नंदलाल महासचिव वीर सिंह वर्मा, रामपुर के अध्यक्ष एन डी बेशटु, आनी कुमारसैन के देवी चंद आदि ने अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि पैरा मिलिट्री से सेवानिवृत्त सैनिकों को सुविधाएं ना मिलने से उनका बुढ़ापा मुश्किल से कट रहा है. एसीपी, एमएसपी और वन रैंक वन पेंशन को लागू किया जाना चाहिए.

सेवानिवृत्त सैनिकों को पेश आ रही दिक्कतें

एसोसिएशन के रामपुर अध्यक्ष एनडी बेशटु ने बताया कि उन्होंने गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के समक्ष मुद्दे उठाए हैं. चाहे वह वन रैंक वन पेंशन हो या 80 के बजाय 70 साल में अतिरिक्त पेंशन. वहीं, संगठन के राम लाल ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाएं इनडोर में ही है, आउटडोर नहीं. दूसरा ओल्ड एज पेंशन 80 के बजाय 70 या 65 करने की मांग है.

वहीं, स्टेट प्रेसिडेंट वीके शर्मा ने बताया कि आर्मी की जगह-जगह स्टेट सैनिक बोर्ड या डिस्ट्रिक्ट में बोर्ड है. जहां उन की हर समस्या का समाधान होता है, लेकिन अर्ध सैनिक बलों के लिए सुविधाएं नहीं. ऐसे में दूरदराज के इलाके में रहने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा कई अन्य समस्याएं भी हैं. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

पढ़ें: कोरोना काल में बिना किताब गुजरा पिछला साल, अब पढ़ाई छोड़ मजदूरी करने को मजबूर नौनिहाल

पढ़ें: नाबालिग से दुष्कर्म का आरोपी दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई आजीवन कारावास की सजा

रामपुर: उपमंडल रामपुर में वीरवार को इंडियन पैरा मिलिट्री एक्स सोल्जर वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक हुई. इस दौरान विभिन्न समस्याओं पर चर्चा हुई. बैठक में रामपुर, कुमारसैन, निरमंड और आनी के पैरा मिलिट्री एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने हिस्सा लिया.

एक्स सोल्जर वेलफेयर एसोसिएशन की बैठक

बैठक की अध्यक्षता करते हुए एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष वीके शर्मा ने बताया कि उन्हें संगठित होकर आगे बढ़ना होगा. आज उनकी पहचान कहीं नहीं होती है. हालांकि सीमाओं पर वे देश की रक्षा करते हुए प्राणों को त्यागते हैं, लेकिन उन्हें शहीद का दर्जा भी नहीं मिलता. बैठक में मांग उठाई गई कि आर्मी और पैरा मिलिट्री में भेदभाव हो रहा है. कैंटीन और स्वास्थ्य की सुविधाएं सही से नहीं मिल रही है, इसलिए आगे संगठित होकर लड़ने की जरूरत है.

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वन रैंक वन पेंशन को लागू करने की मांग

वीके शर्मा ने कहा कि वे पहले कई बार केंद्र और प्रदेश सरकारों को अपनी समस्याओं से अवगत करा चुके हैं. इस दौरान एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष नंदलाल महासचिव वीर सिंह वर्मा, रामपुर के अध्यक्ष एन डी बेशटु, आनी कुमारसैन के देवी चंद आदि ने अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि पैरा मिलिट्री से सेवानिवृत्त सैनिकों को सुविधाएं ना मिलने से उनका बुढ़ापा मुश्किल से कट रहा है. एसीपी, एमएसपी और वन रैंक वन पेंशन को लागू किया जाना चाहिए.

सेवानिवृत्त सैनिकों को पेश आ रही दिक्कतें

एसोसिएशन के रामपुर अध्यक्ष एनडी बेशटु ने बताया कि उन्होंने गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के समक्ष मुद्दे उठाए हैं. चाहे वह वन रैंक वन पेंशन हो या 80 के बजाय 70 साल में अतिरिक्त पेंशन. वहीं, संगठन के राम लाल ने बताया कि स्वास्थ्य सुविधाएं इनडोर में ही है, आउटडोर नहीं. दूसरा ओल्ड एज पेंशन 80 के बजाय 70 या 65 करने की मांग है.

वहीं, स्टेट प्रेसिडेंट वीके शर्मा ने बताया कि आर्मी की जगह-जगह स्टेट सैनिक बोर्ड या डिस्ट्रिक्ट में बोर्ड है. जहां उन की हर समस्या का समाधान होता है, लेकिन अर्ध सैनिक बलों के लिए सुविधाएं नहीं. ऐसे में दूरदराज के इलाके में रहने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इसके अलावा कई अन्य समस्याएं भी हैं. सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए.

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