शिमला: हिमाचल प्रदेश में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को सही तरीके से लागू की जा सके इसके लिए सरकार और शिक्षा विभाग ने काम करना शुरू कर दिया है. प्रदेश सरकार शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ इस नई एजुकेशन पॉलिसी को लेकर लगातार बैठके कर रही है.
मुख्यमंत्री जयराम और शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर के साथ भी लगातार बैठकें नई एजुकेशन पॉलिसी को लेकर की जा रही है. इस नई पॉलिसी को सही तरीके से अमल किया जा सके और हर एक पहलू पर काम किया जा सके, इसके लिए शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में 27 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है. इस टास्क फोर्स के अलावा शिक्षा विभाग की ओर से भी अपने स्तर पर कमेटी का गठन किया गया है.
जिला स्तर पर बनाई गई कमेटियों में कॉलेज कैडर के साथ ही हायर ओर एलीमेंट्री एजुकेशन के लिए कमेटी बनाई जाएगी. कमेटी में शामिल सभी लोग इस नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लेकर जो भी सुझाव देंगे उन्हें किस तरह से इम्प्लीमेंट करना है. उसे लेकर काम विभाग की ओर से किया जाएगा.
उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने कहा कि नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को सही तरीके से सबसे पहले हिमाचल में लागू किया जाएगा. नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में जो कुछ शामिल किया गया है. उसमें से काफी कुछ कार्य हिमाचल में पहले से ही किया जा चुका है.
ऐसे में हिमाचल सबसे पहले एजुकेशन पॉलिसी को प्रदेश में लागू करने में सफल रह सकता है. इसके लिए प्रयास भी उसी स्तर के किए जा रहे हैं और लगातार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग या फिर अन्य माध्यमों के द्वारा बैठकें की जा रही हैं. सरकार भी आवश्यक दिशा निर्देश विभाग को समय-समय पर दे रही है कि किस तरह से इस नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए काम किया जाए.
पहली बैठक में ही जहां नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लेकर टास्क फोर्स का गठन शिक्षा मंत्री ने कर दिया था. वहीं, विभाग में अपने स्तर पर भी कमेटी का गठन किया है, जो नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की बारीकियों पर काम करेगी. शिक्षा निदेशक ने कहा कि 34 वर्षों के बाद नई शिक्षा नीति को देशभर में लागू किया जा रहा है. इसकी सबसे खास बात यह है कि इसमें बच्चों के सर्वांगीण विकास की तरफ ध्यान दिया गया है.
छात्रों की शिक्षा को लेकर भी काफी विकल्प इस नई शिक्षा नीति में दिए गए हैं, जिससे छात्र अपनी पसंद से पढ़ाई कर सकेगा और उन्हें पढ़ाई बोझ नहीं लगेगी. उन्होंने माना कि शिक्षा नीति में बदलाव आवश्यक था पर अब जब बदलाव किया गया है तो इससे प्रदेश में भी शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी.
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