शिमला: कोरोना महामारी के दौर में आईजीएमसी में काम कर रहे सफाई कर्मचारी सुरक्षित नहीं हैं. यहां कोरोना वॉरिर्यस के तौर पर काम कर रहे सफाई कर्मचारियों को कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है.
हैरानी की बात है कि सफाई कर्मचारियों को मास्क, सेनिटइजर व पीपीई किट तक नहीं मिल पाती हैं, जिसके चलते सफाई कर्मचारियों का महामारी की चपेट में आने का खतरा बना रहता है. सफाई कर्मचारियों का कहना है कि जब भी अस्पताल में कोई कोरोना पॉजिटीव मरीज आता है तो सबसे पहले उनका ही काम रहता है अगर किसी की कोरोना से मौत होती है तो उनके शवों को भी सफाई कर्मचारी ही उठाते हैं.
ऐसे में उन्हें काफी डर सता हरा है. आईजीएमसी सफाई कर्मचारी के अध्यक्ष पमिश का कहना है कि कोरोना संक्रमितों के शवों को उठाने के लिए सफाई कर्मचारियों को 1000 रुपये देने की घोषणा की गई थी, लेकिन अभी सफाई कर्मियों को कोई लाभ नहीं मिला है..
सफाई कर्मियों ने प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर उनकी मांगें समय रहते पूरी नहीं की गई तो वे प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. बता दें कि आईजीएमसी और केएनएच अस्पताल में करीब 238 सफाई कर्मचारी काम कर रहे हैं.