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IGMC में छुट्टी पर आधा स्टाफ, मरीजों को हो रही दिक्कतें

आईजीएमसी में आधा स्टाफ छुट्टी पर है. कुछ स्टाफ कोविड वार्ड में ड्यूटी दे रहा है. ऐसे में डॉक्टरों की कमी के चलते आईजीएमसी में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. विंटर वेकेशन पर 32 विभागों के 137 डॉक्टर छुट्टी पर गए हैं. आईजीएमसी प्रशासन ने डॉक्टरों की छुट्टियों को 2 चरणों में बांटा है. ऐसे में पहले चरण में 3 से 23 फरवरी तक डॉक्टर छुट्टी पर रहेंगे.

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Published : Feb 3, 2021, 6:08 PM IST

शिमलाः आईजीएमसी में आधा स्टाफ विंटर वेकेशन पर है. कुछ स्टाफ कोविड वार्ड में सेवा दे रहा है.ऐसे में डॉक्टरों की कमी के चलते आईजीएमसी में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, जिसके चलते मरीजों को अपना इलाज करवाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा.

बुधवार को आईजीएमसी में ओपीडी में भीड़ लगी रही. यहां आधे से ज्यादा मरीजों का समय पर चेकअप नहीं हो पाया. वहीं सबसे ज्यादा दिक्कतें उन मरीजों को हुई जिनका काफी समय से एक ही डॉक्टर के पास इलाज चल रहा है.

वीडियो

विंटर विकेशन पर 32 विभागों के 137 डॉक्टर छुट्टी पर

विंटर वेकेशन पर 32 विभागों के 137 डॉक्टर छुट्टी पर गए हैं. आईजीएमसी प्रशासन ने डॉक्टरों की छुट्टियों को 2 चरणों में बांटा है. ऐसे में पहले चरण में 3 से 23 फरवरी तक डॉक्टर छुट्टी पर रहेंगे. इसके बाद जैसे ही यह डॉक्टर वापिस छुट्टियां काटकर आएंगे तो दूसरे चरण में 25 फरवरी से 17 मार्च तक डॉक्टर छुट्टियों पर जाएंगे.

दो चरणों में बांटी गई छुट्टियां

प्रशासन ने डाक्टरों के छुट्टियों को 2 चरणों में इसलिए बांटा है, ताकि अस्पताल में मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्क्तें न आए, लेकिन यहां पर स्वास्थ्य से सेवाएं चरमारानी शुरू हो गई हैं. अगर प्रशासन ने स्थिति को समय से नहीं संभाला तो मरीजों को आने वाले दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इससे पहले डॉक्टरों की समर वेकेशन जुलाई और दिसंबर में विंटर वेकेशन होती थीं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं थी. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टरों को छुट्टियों पर भेज दिया है.

आईजीएमसी हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते यहां पर सैकड़ों मरीज अपना उपचार करवाने आते हैं. स्वास्थ्य सुविधा की अगर बात की जाए तो प्रशासन की ओर से किए गए सभी दावे खोखले नजर आ रहे है. यहां पर छुट्टियों का इसलिए भी फर्क पड़ रहा है क्योंकि अधिकतर डॉक्टरों की ड्यूटी कोविड में लगी है. जिसके चलते स्टाफ की कमी पड़ रही है.

'मरीजों को नहीं आने दी जा रही किसी प्रकार की कोई परेशानी '

आईजीएमसी के प्रशासन अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने कहा कि मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जा रही है. यहां परेशानी वाली कोई बात नहीं है. जनता को भली भांती पता है कि कोरोना काल में डॉक्टर दिन-रात काम करते रहे हैं. डॉक्टर पर काम का भी काफी बोझ है. डॉक्टरों की समर और विंटर वेकेशन कोरोना काल के चलते पहले रद्द हो गई थी. ऐसे में अब सरकार व विभाग ने डाक्टरों की छुट्टियों को लेकर निर्देश दिए और पहले चरण में कुछ डाक्टर छुट्टी पर चले गए हैं. अस्पताल में मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं आने दी जाएंगी.

ये भी पढ़ेंः- बीडीसी सदस्य को अगवा करने पर भड़के राठौर, कहा: राज्यपाल को लिखेंगे पत्र

शिमलाः आईजीएमसी में आधा स्टाफ विंटर वेकेशन पर है. कुछ स्टाफ कोविड वार्ड में सेवा दे रहा है.ऐसे में डॉक्टरों की कमी के चलते आईजीएमसी में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं, जिसके चलते मरीजों को अपना इलाज करवाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा.

बुधवार को आईजीएमसी में ओपीडी में भीड़ लगी रही. यहां आधे से ज्यादा मरीजों का समय पर चेकअप नहीं हो पाया. वहीं सबसे ज्यादा दिक्कतें उन मरीजों को हुई जिनका काफी समय से एक ही डॉक्टर के पास इलाज चल रहा है.

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विंटर विकेशन पर 32 विभागों के 137 डॉक्टर छुट्टी पर

विंटर वेकेशन पर 32 विभागों के 137 डॉक्टर छुट्टी पर गए हैं. आईजीएमसी प्रशासन ने डॉक्टरों की छुट्टियों को 2 चरणों में बांटा है. ऐसे में पहले चरण में 3 से 23 फरवरी तक डॉक्टर छुट्टी पर रहेंगे. इसके बाद जैसे ही यह डॉक्टर वापिस छुट्टियां काटकर आएंगे तो दूसरे चरण में 25 फरवरी से 17 मार्च तक डॉक्टर छुट्टियों पर जाएंगे.

दो चरणों में बांटी गई छुट्टियां

प्रशासन ने डाक्टरों के छुट्टियों को 2 चरणों में इसलिए बांटा है, ताकि अस्पताल में मरीजों को किसी भी प्रकार की कोई दिक्क्तें न आए, लेकिन यहां पर स्वास्थ्य से सेवाएं चरमारानी शुरू हो गई हैं. अगर प्रशासन ने स्थिति को समय से नहीं संभाला तो मरीजों को आने वाले दिनों में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. इससे पहले डॉक्टरों की समर वेकेशन जुलाई और दिसंबर में विंटर वेकेशन होती थीं, लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द कर दी गईं थी. ऐसे में अब स्वास्थ्य विभाग ने डाक्टरों को छुट्टियों पर भेज दिया है.

आईजीएमसी हिमाचल प्रदेश का सबसे बड़ा अस्पताल होने के नाते यहां पर सैकड़ों मरीज अपना उपचार करवाने आते हैं. स्वास्थ्य सुविधा की अगर बात की जाए तो प्रशासन की ओर से किए गए सभी दावे खोखले नजर आ रहे है. यहां पर छुट्टियों का इसलिए भी फर्क पड़ रहा है क्योंकि अधिकतर डॉक्टरों की ड्यूटी कोविड में लगी है. जिसके चलते स्टाफ की कमी पड़ रही है.

'मरीजों को नहीं आने दी जा रही किसी प्रकार की कोई परेशानी '

आईजीएमसी के प्रशासन अधिकारी डॉ. राहुल गुप्ता ने कहा कि मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जा रही है. यहां परेशानी वाली कोई बात नहीं है. जनता को भली भांती पता है कि कोरोना काल में डॉक्टर दिन-रात काम करते रहे हैं. डॉक्टर पर काम का भी काफी बोझ है. डॉक्टरों की समर और विंटर वेकेशन कोरोना काल के चलते पहले रद्द हो गई थी. ऐसे में अब सरकार व विभाग ने डाक्टरों की छुट्टियों को लेकर निर्देश दिए और पहले चरण में कुछ डाक्टर छुट्टी पर चले गए हैं. अस्पताल में मरीजों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं आने दी जाएंगी.

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