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CITU प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सुक्खू से की मुलाकात, IGMC सुरक्षा कर्मियों को वापस नौकरी पर रखने की मांग की

आईजीएमसी शिमला से निकाले गए गार्डों को वापस नौकरी पर लिए जाने की मांग को लेकर सीटू के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा...(IGMC security Guard Demand) (CITU delegation met CM Sukhvinder Sukhu).

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 20, 2023, 6:40 PM IST

शिमला: आईजीएमसी अस्पताल से 24 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकालने और कोविड कर्मियों के मुद्दे पर आईजीएमसी सीटू के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सीएम को ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से आईजीएमसी से निकाले गए सुरक्षा कर्मियों और कोविड कर्मियों को न्याय देने की मांग की.

इस दौरान आईजीएमसी सुरक्षा कर्मी यूनियन अध्यक्ष देवराज बबलू ने कहा आईजीएमसी में अंग्रेजों के जमाने के काले कानून आज भी जारी हैं. यहां हायर एंड फायर नीति चल रही है. कानून का गला घोंटकर 31 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया, जिसमें से 24 सुरक्षा कर्मियों को अभी भी काम पर वापस नहीं लिया गया है. यह औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 33 का भी उल्लंघन है, जो यूनियन मजदूरों को सुरक्षित कर्मचारी घोषित करती है.

उन्होंने कहा 24 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर रखने का फैसला गैर कानूनी है. इसे जल्द वापस लिया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआतो आईजीएमसी में हड़ताल की जाएगी. आईजीएमसी में सुरक्षा गार्ड और कोविड कर्मियों को मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है. ठेकेदार बदलने पर उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है. जो यूनियन और आईजीएमसी प्रबंधन के बीच किए गए समझौते और औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 एच का खुला उल्लंघन है.

आईजीएमसी प्रबंधन भी नए ठेकेदार के साथ मिलकर श्रम कानूनों की खुली अवहेलना कर रहा है. बीते कई सालों से कार्यरत सुरक्षा कर्मियों की पुन: नियुक्ति में श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है. नई आउटसोर्स कंपनी द्वारा जो शपथ पत्र सुरक्षा कर्मियों से लिया जा रहा है, उसमें अनुचित श्रम व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने सीएम सुक्खू से मांग की है कि आईजीएमसी प्रबंधन द्वारा वार्ड अटेंडेंट और सफाई कर्मियों की तर्ज पर सभी सुरक्षा कर्मियों को नए ठेकेदार के पास पुनर्नियुक्ति दी जाए.

ये भी पढ़ें: IGMC Shimla Guard Dispute: धरने में शामिल होना दो सुरक्षा कर्मियों को पड़ा भारी, हरकत में आया IGMC प्रशासन, कारण बताओ नोटिस जारी

शिमला: आईजीएमसी अस्पताल से 24 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से निकालने और कोविड कर्मियों के मुद्दे पर आईजीएमसी सीटू के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने अपनी मांगों को लेकर सीएम को ज्ञापन सौंपा. प्रतिनिधि मंडल ने सीएम से आईजीएमसी से निकाले गए सुरक्षा कर्मियों और कोविड कर्मियों को न्याय देने की मांग की.

इस दौरान आईजीएमसी सुरक्षा कर्मी यूनियन अध्यक्ष देवराज बबलू ने कहा आईजीएमसी में अंग्रेजों के जमाने के काले कानून आज भी जारी हैं. यहां हायर एंड फायर नीति चल रही है. कानून का गला घोंटकर 31 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया, जिसमें से 24 सुरक्षा कर्मियों को अभी भी काम पर वापस नहीं लिया गया है. यह औद्योगिक विवाद अधिनियम 1947 की धारा 33 का भी उल्लंघन है, जो यूनियन मजदूरों को सुरक्षित कर्मचारी घोषित करती है.

उन्होंने कहा 24 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर रखने का फैसला गैर कानूनी है. इसे जल्द वापस लिया जाना चाहिए. अगर ऐसा नहीं हुआतो आईजीएमसी में हड़ताल की जाएगी. आईजीएमसी में सुरक्षा गार्ड और कोविड कर्मियों को मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है. ठेकेदार बदलने पर उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है. जो यूनियन और आईजीएमसी प्रबंधन के बीच किए गए समझौते और औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 एच का खुला उल्लंघन है.

आईजीएमसी प्रबंधन भी नए ठेकेदार के साथ मिलकर श्रम कानूनों की खुली अवहेलना कर रहा है. बीते कई सालों से कार्यरत सुरक्षा कर्मियों की पुन: नियुक्ति में श्रम कानूनों का उल्लंघन किया जा रहा है. नई आउटसोर्स कंपनी द्वारा जो शपथ पत्र सुरक्षा कर्मियों से लिया जा रहा है, उसमें अनुचित श्रम व्यवहार किया जा रहा है. उन्होंने सीएम सुक्खू से मांग की है कि आईजीएमसी प्रबंधन द्वारा वार्ड अटेंडेंट और सफाई कर्मियों की तर्ज पर सभी सुरक्षा कर्मियों को नए ठेकेदार के पास पुनर्नियुक्ति दी जाए.

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