शिमला: आईजीएमसी में सुरक्षा कर्मी और कोरोना के दौरान रखे कर्मचारियों को काम से निकालने पर सीटू उग्र हो गई है. इन कर्मियों ने आज सीटू के बैनर तले राजभवन के बाहर मुंह पर काली पट्टी बांधकर मौन धरना दिया और कहा कि उन्हें वापस नहीं रखा गया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. सीटू के प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा ने कहा कि अगर सुरक्षाकर्मियों और कोविड कर्मियों को न्याय नहीं मिला तो आंदोलन उग्र होगा. विजेंद्र मेहरा ने कहा कि वह महात्मा गांधी के बताए मार्ग पर चल रहे हैं, लेकिन बात नहीं बनी तो चक्का जाम किया जाएगा, गिरफ्तारियां दी जाएगी. उग्र आंदोलन भी किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी सिर्फ प्रदेश सरकार और प्रशासन की होगी.
सीटू प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि इस मामले को आईजीएमसी प्रशासन, ठेकेदार, उसके बाद मुख्यमंत्री के समक्ष उठाया गया, लेकिन न्याय नहीं मिला. अब राज्यपाल से ही न्याय की गुहार लगाई जाएगी. राज्यपाल को मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए. आईजीएमसी में अंग्रेजों के जमाने के काले कानून आज भी जारी हैं. यहां हायर एन्ड फायर नीति जारी है और कानून का गला घोंट कर दो सौ कोविड कर्मियों और 20 सुरक्षा कर्मियों को नौकरी से बाहर कर दिया गया है.
सीटू प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि कर्मियों को नौकरी से बाहर करने का निर्णय गैर कानूनी है. इसे तुरन्त वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आईजीएमसी में सुरक्षा कर्मियों और कोविड कर्मियों की मानसिक प्रताड़ना की जा रही है. ठेकेदार बदलने पर उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है, जो कि यूनियन से आईजीएमसी प्रबन्धन द्वारा किए गए समझौते और औद्योगिक विवाद अधिनियम की धारा 25 एच का खुला उल्लंघन है. आईजीएमसी प्रबंधन नए ठेकेदार के साथ मिलकर श्रम कानूनों की खुली अवहेलना कर रहा है.