शिमला: आईजीएमसी शिमला के ऑर्थो विभाग के डॉक्टर पर गंभीर आरोप लगे हैं. दवा कंपनी के कर्मचारी का आरोप है कि डॉक्टर ने दवा प्रतिनिधि से विभाग के लिए किसी विशेष उपकरण की मांग रखी, जिसे कंपनी प्रतिनिधि ने मान भी लिया गया था. उपकरण खरीदने के लिए ऑर्डर दे दिया गया है, लेकिन डॉक्टर इसके लिए एक लाख रुपए की राशि की मांग की.
दवा प्रतिनिधि का आरोप है कि उन्होंने चिकित्सक को एक लाख रुपए भी दिए जिसके बाद डॉक्टर उनसे संपर्क बंद कर दिया. मामले की शिकायत आईजीएमसी प्रधानाचार्य से की गई है. उनका कहना है कि आरोपों की जांच होगी.
आईजीएमसी के प्रिंसिपल डॉ. रजनीश द्वारा शिकायत पत्र की पुष्टि की गई है और उनका कहना है कि मामला जांच के लिए उप निदेशक को सौंप दिया गया है.
गौरतलब है कि आईजीएमसी में ऑर्थो विभाग पहले से ही निशाने पर रहा है. बीते साल भी ऑर्थो विभाग के दो डॉक्टरों पर गंभीर आरोप लगे थे, जिसकी जांच स्वास्थ्यय सचिव कर रहे थे. आईजीएमसी में दूर दराज से मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन उन्हें तब परेशानी का सामना करना पड़ता है, जब उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भटकना पड़ता है.
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