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'पहाड़ों की रानी' पर मंडरा रहा खतरा, डंपिंग ग्राउंड बनता जा रहा एशिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक आइस स्केटिंग रिंक

Ice Skating Rink Sessions Decreased in Shimla: शिमला टूरिज्म का मुख्य आकर्षण का केंद्र आइस स्केटिंग रिंक के उपेक्षा और अस्थिर विकास की मार झेल रहा है. पहले के मुकाबले इसके सेशन भी अब बेहद कम हो गए हैं. वहीं, क्लाइमेट चेंज आइस स्केटिंग रिंक के भविष्य के लिए खतरा बन रहा है.

Ice Skating Rink Sessions Decreased in Shimla
Ice Skating Rink Sessions Decreased in Shimla
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By PTI

Published : Jan 14, 2024, 1:26 PM IST

Updated : Jan 15, 2024, 6:42 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी 'पहाड़ों की रानी' शिमला में एशिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक आइस स्केटिंग रिंक है, जो कि पर्यटकों के लिए हमेशा से प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा है. ये आईस स्केटिंग रिंक देश-दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. शिमला का ये आइस स्केटिंग रिंक कई बॉलीवुड फिल्मों का हिस्सा रहा है. कई बड़ी हस्तियों ने यहां का दौरा किया है, लेकिन अब यह स्केटिंग रिंक इसके आसपास हो रहे अस्थिर विकास और अनदेखेपन की मार झेल रहा है.

कम हुए आइस स्केटिंग रिंक के सेशन: शिमला के जिस आइस स्केटिंग रिंक को बॉलीवुड की फिल्मों में बेहद खूबसूरत ढंग से दिखाया गया है, आज वही आइस स्केटिंग रिंक "उपेक्षा और अस्थिर विकास की कहानी" बयान करता है. जो की निर्माण सामग्री और झुग्गियों से घिरा हुआ है. वहीं, इसके आसपास निर्माण गतिविधियों और ग्लोबल वार्मिंग ने स्केटिंग सत्रों पर अपना खासा असर डाला है. जहां सर्दियों में पहले 100 से 120 सेशन हुआ करते थे. अब वही सेशन घट कर सिर्फ 30-50 तक रह गए हैं.

Ice Skating Rink Sessions Decreased in Shimla
शिमला आइस स्केटिंग रिंक

शिमला में घट रहा पर्यटन: शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमके सेठ ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक स्केटिंग रिंक को बहाल करने या फिर हर मौसम के लिए स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए इनडोर रिंक बनाने के बजाय इसे खत्म करने पर अड़ी हुई है. मौसम विभाग की बर्फबारी को लेकर भविष्यवाणी के बाद भी शिमला में इस बार बर्फबारी नहीं हुई. इस साल शिमला में नए साल पर पर्यटकों की संख्या में करीब 60 फीसदी कमी आई है. जो पिछले चार सालों में कम है. एमके सेठ ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रदेश सरकार टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कोई नया तरीका ढूंढे. उन्होंने कहा कि आइस स्केटिंग रिंक को सरकार को पहल करते हुए प्राथमिकता के साथ बहाल करना चाहिए.

Ice Skating Rink Sessions Decreased in Shimla
शिमला आइस स्केटिंग रिंक में कम हो रहे सेशन

स्केटिंग रिंक के आसपास गंदगा का अंबार: एक बुजुर्ग स्केटर गुरजोत ने कहा कि स्केटिंग रिंक के बाहर एक लिफ्ट बनाई जा रही है और खेल विभाग की जमीन पर निर्माण सामग्री फेंकी गई है. आसपास हो रहे निर्माण के कारण रिंक का आकार काफी कम हो गया है. एक अन्य स्केटर पार्थ ने कहा कि खेल विभाग की जमीन का इस्तेमाल गंदगी, मलबा और निर्माण सामग्री को डंप करने के लिए किया जा रहा है. इसके अलावा बस स्टैंड और लिफ्ट का प्रस्तावित निर्माण पारिस्थितिकी और सूक्ष्म-को कमजोर कर देगा. जिससे इस क्षेत्र के पर्यावरण और रिंक के भविष्य पर खतरा मंडराने लगेगा. रिंक के पार्किंग क्षेत्र को झुग्गियों में बदल दिया गया है, जहां ढाबे, टूटे-फूटे भोजनालय और दुकानें हैं.

हमने निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दे दिया है, लेकिन बोली विनियमन संहिता के तहत की जाने वाली सभी औपचारिकताएं निष्पादन एजेंसी को करनी होंगी. - संदीप, खेल निदेशक

क्लाइमेट चेंज बना खतरा: क्लाइमेट चेंज का असर भी शिमला के आइस स्केटिंग रिंक पर पड़ा है. सबसे कम 6 स्केटिंग सत्र 2017 में देखे गए. जबकि अधिकतम 118 सत्र 1997-98 में आयोजित किए गए थे. शिमला आइस स्केटिंग क्लब के सदस्यों ने कहा कि सिकुड़ता मौसम 'पहाड़ों की रानी' के विंटर अट्रैक्शन आइस स्केटिंग रिंक पर असर डालेगा, क्योंकि स्केटिंग सेशन जो नवंबर के अंत में शुरू होते थे, पहले ही दिसंबर के मध्य में ट्रांसफर हो गए हैं. क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और रिंक के आसपास बेतरतीब निर्माण और रिंक के ऊपर रिवोली थिएटर के विध्वंस के कारण, जो सीधी धूप को रोकता था, साथ ही रिंक से सटे बस स्टैंड के कारण होने वाले प्रदूषण से तापमान बढ़ गया है और आइस-स्केटिंग रिंक के सेशन कम होते जा रहे हैं.

Ice Skating Rink Sessions Decreased in Shimla
शिमला आइस स्केटिंग क्लब

साल 1920 का इतिहास: शिमला आइस स्केटिंग क्लब का इतिहास 1920 का है, जब आयरिश सैन्य अधिकारी ब्लेसिंगटन द्वारा टेनिस कोर्ट को प्राकृतिक आइस स्केटिंग रिंक में बदल दिया गया था. सर्दियों के मौसम में, जब उन्होंने घास को व्यवस्थित करने के लिए टेनिस कोर्ट पर पानी छिड़का, तो वह कुछ ही सेकंड में जम गई और उन्होंने तुरंत मैदान को आइस स्केटिंग रिंक में बदलने के बारे में सोचा. जो कि मौजूदा समय में शिमला टूरिज्म का मुख्य आकर्षण है.

ये भी पढे़ं: शिमला में बढ़ा आइस स्केटिंग का रोमांच, सैलानियों ने उठाया लुत्फ

शिमला: हिमाचल प्रदेश की राजधानी 'पहाड़ों की रानी' शिमला में एशिया का सबसे बड़ा प्राकृतिक आइस स्केटिंग रिंक है, जो कि पर्यटकों के लिए हमेशा से प्रमुख आकर्षण का केंद्र रहा है. ये आईस स्केटिंग रिंक देश-दुनिया के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. शिमला का ये आइस स्केटिंग रिंक कई बॉलीवुड फिल्मों का हिस्सा रहा है. कई बड़ी हस्तियों ने यहां का दौरा किया है, लेकिन अब यह स्केटिंग रिंक इसके आसपास हो रहे अस्थिर विकास और अनदेखेपन की मार झेल रहा है.

कम हुए आइस स्केटिंग रिंक के सेशन: शिमला के जिस आइस स्केटिंग रिंक को बॉलीवुड की फिल्मों में बेहद खूबसूरत ढंग से दिखाया गया है, आज वही आइस स्केटिंग रिंक "उपेक्षा और अस्थिर विकास की कहानी" बयान करता है. जो की निर्माण सामग्री और झुग्गियों से घिरा हुआ है. वहीं, इसके आसपास निर्माण गतिविधियों और ग्लोबल वार्मिंग ने स्केटिंग सत्रों पर अपना खासा असर डाला है. जहां सर्दियों में पहले 100 से 120 सेशन हुआ करते थे. अब वही सेशन घट कर सिर्फ 30-50 तक रह गए हैं.

Ice Skating Rink Sessions Decreased in Shimla
शिमला आइस स्केटिंग रिंक

शिमला में घट रहा पर्यटन: शिमला होटल एंड टूरिज्म स्टेकहोल्डर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एमके सेठ ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश सरकार प्राकृतिक स्केटिंग रिंक को बहाल करने या फिर हर मौसम के लिए स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए इनडोर रिंक बनाने के बजाय इसे खत्म करने पर अड़ी हुई है. मौसम विभाग की बर्फबारी को लेकर भविष्यवाणी के बाद भी शिमला में इस बार बर्फबारी नहीं हुई. इस साल शिमला में नए साल पर पर्यटकों की संख्या में करीब 60 फीसदी कमी आई है. जो पिछले चार सालों में कम है. एमके सेठ ने कहा कि अब समय आ गया है कि प्रदेश सरकार टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कोई नया तरीका ढूंढे. उन्होंने कहा कि आइस स्केटिंग रिंक को सरकार को पहल करते हुए प्राथमिकता के साथ बहाल करना चाहिए.

Ice Skating Rink Sessions Decreased in Shimla
शिमला आइस स्केटिंग रिंक में कम हो रहे सेशन

स्केटिंग रिंक के आसपास गंदगा का अंबार: एक बुजुर्ग स्केटर गुरजोत ने कहा कि स्केटिंग रिंक के बाहर एक लिफ्ट बनाई जा रही है और खेल विभाग की जमीन पर निर्माण सामग्री फेंकी गई है. आसपास हो रहे निर्माण के कारण रिंक का आकार काफी कम हो गया है. एक अन्य स्केटर पार्थ ने कहा कि खेल विभाग की जमीन का इस्तेमाल गंदगी, मलबा और निर्माण सामग्री को डंप करने के लिए किया जा रहा है. इसके अलावा बस स्टैंड और लिफ्ट का प्रस्तावित निर्माण पारिस्थितिकी और सूक्ष्म-को कमजोर कर देगा. जिससे इस क्षेत्र के पर्यावरण और रिंक के भविष्य पर खतरा मंडराने लगेगा. रिंक के पार्किंग क्षेत्र को झुग्गियों में बदल दिया गया है, जहां ढाबे, टूटे-फूटे भोजनालय और दुकानें हैं.

हमने निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) दे दिया है, लेकिन बोली विनियमन संहिता के तहत की जाने वाली सभी औपचारिकताएं निष्पादन एजेंसी को करनी होंगी. - संदीप, खेल निदेशक

क्लाइमेट चेंज बना खतरा: क्लाइमेट चेंज का असर भी शिमला के आइस स्केटिंग रिंक पर पड़ा है. सबसे कम 6 स्केटिंग सत्र 2017 में देखे गए. जबकि अधिकतम 118 सत्र 1997-98 में आयोजित किए गए थे. शिमला आइस स्केटिंग क्लब के सदस्यों ने कहा कि सिकुड़ता मौसम 'पहाड़ों की रानी' के विंटर अट्रैक्शन आइस स्केटिंग रिंक पर असर डालेगा, क्योंकि स्केटिंग सेशन जो नवंबर के अंत में शुरू होते थे, पहले ही दिसंबर के मध्य में ट्रांसफर हो गए हैं. क्लाइमेट चेंज, ग्लोबल वार्मिंग, पेड़ों की अंधाधुंध कटाई और रिंक के आसपास बेतरतीब निर्माण और रिंक के ऊपर रिवोली थिएटर के विध्वंस के कारण, जो सीधी धूप को रोकता था, साथ ही रिंक से सटे बस स्टैंड के कारण होने वाले प्रदूषण से तापमान बढ़ गया है और आइस-स्केटिंग रिंक के सेशन कम होते जा रहे हैं.

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शिमला आइस स्केटिंग क्लब

साल 1920 का इतिहास: शिमला आइस स्केटिंग क्लब का इतिहास 1920 का है, जब आयरिश सैन्य अधिकारी ब्लेसिंगटन द्वारा टेनिस कोर्ट को प्राकृतिक आइस स्केटिंग रिंक में बदल दिया गया था. सर्दियों के मौसम में, जब उन्होंने घास को व्यवस्थित करने के लिए टेनिस कोर्ट पर पानी छिड़का, तो वह कुछ ही सेकंड में जम गई और उन्होंने तुरंत मैदान को आइस स्केटिंग रिंक में बदलने के बारे में सोचा. जो कि मौजूदा समय में शिमला टूरिज्म का मुख्य आकर्षण है.

ये भी पढे़ं: शिमला में बढ़ा आइस स्केटिंग का रोमांच, सैलानियों ने उठाया लुत्फ

Last Updated : Jan 15, 2024, 6:42 AM IST
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