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इस झील में मर रही हैं सैकड़ों मछलियां, ग्रामीणों ने मत्स्य विभाग से मांगी मदद

शिमला की गड़ाकुफर झील में गंदे पानी की वजह से सैकड़ों मछलियों की मौत हो रही है. लोगों ने बिहार के मजदूरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि पानी को गंदा करने के कारण मछलियां मर रही है.

केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील
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Published : Jul 15, 2019, 11:13 PM IST

शिमला: ठियोग उपमंडल के तहत आने वाली केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील में इन दिनों मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है. एकाएक मर रही इन मछलियों से स्थानीय लोग सकते में आ गए हैं.

केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील
केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील

पिछले तीन चार दिनों में इस झील में सैकड़ों मछलियां मर गई हैं. इन मछलियों के मरने का क्रम अभी भी जारी है और अब मरी हुई मछलियों से बाकी बची हुई मछलियों को भी खतरा पैदा हो गया है.

केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिहारी मजदूरों के कारण झील में मछलियां मरी हैं. लोगों का आरोप है कि झील के आस पास रह रहे ये मजदूर साबुन और कपड़े धोने का सारा पानी झील में डालते हैं जिसकी वजह से मछलियों की मौत हो रही है.

केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील
केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील

नन्हीं मछलियों के मरने की सूचना मिलते ही गांव के प्रधान कमलेश शर्मा ने झील का दौरा किया और मत्स्य विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी. इसके बाद मत्स्य विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर अपने कर्मचारियों को भेज कर स्थानीय लोगों को झील की साफ सफाई करने को कहा.

गांव के प्रधान कमलेश शर्मा
गांव के प्रधान कमलेश शर्मा

बता दें कि झील में लोग मछलियों को आटा खिलाना धर्म और आस्था का प्रतीक मानते हैं और ऐतिहासिक झील का एक महीने पहले ही नवनिर्वाचित सांसद सुरेश कश्यप ने लोकार्पण किया था. साथ ही मछलियों को आटा भी खिलाया था.

ये भी पढ़ें - गोसदन की बदहाली को लेकर भड़की विहिप, कहा- व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ तो होगी FIR

शिमला: ठियोग उपमंडल के तहत आने वाली केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील में इन दिनों मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है. एकाएक मर रही इन मछलियों से स्थानीय लोग सकते में आ गए हैं.

केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील
केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील

पिछले तीन चार दिनों में इस झील में सैकड़ों मछलियां मर गई हैं. इन मछलियों के मरने का क्रम अभी भी जारी है और अब मरी हुई मछलियों से बाकी बची हुई मछलियों को भी खतरा पैदा हो गया है.

केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील

स्थानीय लोगों का कहना है कि बिहारी मजदूरों के कारण झील में मछलियां मरी हैं. लोगों का आरोप है कि झील के आस पास रह रहे ये मजदूर साबुन और कपड़े धोने का सारा पानी झील में डालते हैं जिसकी वजह से मछलियों की मौत हो रही है.

केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील
केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील

नन्हीं मछलियों के मरने की सूचना मिलते ही गांव के प्रधान कमलेश शर्मा ने झील का दौरा किया और मत्स्य विभाग के कर्मचारियों को इसकी सूचना दी. इसके बाद मत्स्य विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर अपने कर्मचारियों को भेज कर स्थानीय लोगों को झील की साफ सफाई करने को कहा.

गांव के प्रधान कमलेश शर्मा
गांव के प्रधान कमलेश शर्मा

बता दें कि झील में लोग मछलियों को आटा खिलाना धर्म और आस्था का प्रतीक मानते हैं और ऐतिहासिक झील का एक महीने पहले ही नवनिर्वाचित सांसद सुरेश कश्यप ने लोकार्पण किया था. साथ ही मछलियों को आटा भी खिलाया था.

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Intro:गड़ाकुफर झील में मर रही मछलीयां। दो तीन दीन में मर गई सैंकड़ों मछली।पंचायत प्रधान ने मांगा मत्स्य विभाग से सहयोग। झील में साबुन और अन्य जहरीले पानी से हो रही मछलियों की मौत।Body:
ठियोग उपमण्डल के तहत आने वाली केलवी पंचायत की गड़ाकुफर झील में इन दिनों मछलियों के मरने का सिलसिला जारी है। एकाएक मर रही इन मछलियों से स्थनीय लोग सकते ने आ गए है।पिछले तीन चार दिनों में इस झील में सैंकड़ो मछलियां मर गयी है जो पानी के ऊपर तैरती देखी जा सकती है।इन मछलियों के मरने का क्रम अभी भी जारी है।और अब मरी हुई मछलियों से बाकी बची हुई मछलियों को भी खतरा पैदा हो गया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि बिहारी मजदूरों के कारण झील में मछलिया मरी है लोगों का आरोप है कि झील के आस पास रह रहे ये मजदूर साबुन और कपड़े धोने का सारा पानी झील में डालते है जिसकी वजह से मछलियों की मौत हो रही है।

बाईट ,, स्थानीय लोग

वन्ही मछलियों के मरने की सूचना मिलते ही केलवी जे प्रधान कमलेश शर्मा ने झील का दौरा किया और मत्स्य विभाग के कर्मचारियों से सम्पर्क साधा। वन्ही मत्स्य विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर अपने कर्मचारियों को भेज स्थानीय लोगों को झील की साफ सफाई करने को कहा।Conclusion:
आपको बता दे कि इस झील में लोग मछलियों को आटा खिलाना धर्म और आस्था का प्रतीक मानते है।ओर ऐतिहासिक झील का एक माह पहले ही नवनिर्वाचित सांसद सुरेश कश्यप ने लोकार्पण किया था और मछलियों का आटा भी खिलाया था
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