शिमला: एचआरटीसी पेंशनर्स ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. लंबे समय से पेंशनर्स के भत्ते तथा अन्य देनदारियां का भुगतान नहीं हुआ है. अब पेंशनर्स संगठन ने अब आर पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है. पेंशनर्स संगठन ने कहा कि अब मजबूरन उन्हें सड़कों पर उतरना पड़ेगा और मांगों को लेकर 21 दिसंबर को संगठन विधानसभा घेराव करेगा.
संगठन का कहना है कि प्रबंधन के साथ हुई बैठकों में सार्थक परिणाम नहीं निकल पाए है. यहां तक कि परिवहन मंत्री कार्यालय में पत्राचार के बावजूद भी कोई हल नहीं निकल पाया है. संगठन को अब मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है. पेंशनर्स कल्याण संगठन के विधि सलाहकार राजेंद्र ठाकुर ने कहा संगठन लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर संघर्षरत है, लेकिन प्रबंधन उनकी मांगों के प्रति बेरुखी का रवैया अपनाए हुए है. यहां तक कि परिवहन मंत्री कार्यालय में पत्राचार के बावजूद भी कोई हल नहीं निकल पाया है.
संगठन के विधि सलाहकार राजेंद्र ठाकुर ने कहा संगठन को अब मजबूरन आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है. एचआरटीसी के पेंशनर्स मांगों को लेकर आराम करने की उम्र में आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं. बार-बार आंदोलन को लेकर नोटिस देने के बाद भी प्रदेश सरकार व निगम प्रबंधन ने बैठक के लिए न बुलाने पर अब पथ परिवहन पेंशनर्स कल्याण संगठन के पेंशनरों ने 21 दिसंबर को विधानसभा सत्र के दौरान आंदोलन करने का फैसला लिया है.
राजेन्द्र ठाकुर ने कहा पेंशन का सुनिश्चित समाधान किया जाए, जिससे उन्हें पहली तारीख को पेंशन मिल सके. उन्होंने कहा एरियर भी लंबित है, जिसका भुगतान नहीं हुआ है. वहीं, 65, 70 और 75 की आयु पूरे कर चुके पेंशनरों को बढ़ा हुआ भत्ता प्रदान किया जाए. चिकित्सा बिलों का भुगतान भी एक मुश्त किया जाए. साथ ही संगठन पदाधिकारियों पर दर्ज मामले वापिस लिए जाएं. उन्होंने कहा एचआरटीसी की लगभग 1400 करोड़ की देनदारियां हैं. वहीं, पेंशनर्स की 600 करोड़ की देनदारियां हैं. उन्होंने कहा मजबूरन हमें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है. 21 दिसंबर को संगठन विधानसभा घेराव करेगा. अगर सरकार फिर भी नहीं मानी तो शिमला और मंडी में भी हल्ला बोला जाएगा.
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