शिमलाः गोवा के समुद्र तट पर दो नाबालिग लड़कियों के साथ कथित सामूहिक दुष्कर्म के मामले में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Goa Chief Minister Pramod Sawant) के बयान की देश भर में आलोचना हो रही है. जहां एक ओर विपक्ष उनके इस बयान को लेकर उन्हें घेर रहा है. तो वहीं दूसरी ओर आम लोगों में भी इस बयान को लेकर काफी रोष है.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (Himachal Pradesh University) में पढ़ने वाली छात्राओं में भी सीएम प्रमोद सावंत के इस बयान को लेकर भारी रोष है. छात्राओं को कहना है कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. छात्राओं ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के इस बयान की कड़े शब्दों में आलोचना की है.
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं का कहना है कि राज्य के शीर्ष पद पर बैठे व्यक्ति की ओर से इस तरह के बयान से अपराधियों को बढ़ावा मिलता है. छात्राओं ने मुख्यमंत्री के इस बयान को संकीर्ण मानसिकता वाले व्यक्तियों को बढ़ावा देने वाला बताया. छात्राओं का कहना है कि हम लोकतांत्रिक देश में रहती हैं, जहां पुरुषों और महिलाओं को एक समान अधिकार दिए गए हैं. ऐसे में महिलाओं के बाहर रहने पर ही सवाल क्यों खड़े किए जाते हैं.
उन्होंने कहा कि परिवार वालों को बेटी की जगह बेटे को भी संस्कार देने के बारे में सोचना चाहिए. इसके अलावा उन बेटियों की जगह पर अपराधी रात के समय बाहर क्या कर रहे थे, इस पर भी सवाल पूछे जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी है. इस तरह के बयान देकर मुख्यमंत्री रेप की घटना से अपनी सरकार का बचाव नहीं कर सकते.
गौरतलब है कि रविवार को गोवा की राजधानी से करीब 30 किलोमीटर दूर बेनॉलिम बीच पर 4 लोगों ने अपने आप को पुलिसकर्मी बता कर दो नाबालिग लड़कियों से कथित तौर पर बलात्कार किया. उन्होंने लड़कियों के साथ मौजूद लड़कों की पिटाई भी की. चारों आरोपियों में से एक सरकारी कर्मचारी भी है. मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
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