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HPU ने मनाई गोल्डन जुबली, राज्यपाल और शिक्षा मंत्री रहे उपस्थित

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Published : Jul 22, 2020, 7:41 PM IST

एचपीयू ने बुधवार को अपना 51 वां स्थापना दिवस मनाया. इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय और प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. इस अवसर पर राज्यपाल ने एचपीयू वीसी कार्यालय के समीप बने नए मल्टी फेकल्टी भवन का लोकार्पण भी किया.

hpu 51th foundation day celebration
फोटो

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने बुधवार को अपना 51 वां स्थापना दिवस और गोल्डन जुबली समारोह मनाया. यह पहली बार हुआ कि बिना छात्रों के एचपीयू का स्थापना दिवस मनाया गया हो. एचपीयू के इस स्थापना दिवस कार्यक्रम में कुलाधिपति राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.

इस दौरान राज्यपाल सहित शिक्षा मंत्री ने एचपीयू कैंपस में पौधारोपण किया और इसके साथ ही स्वच्छता अभियान के तहत परिसर में झाड़ू भी लगाया. इस अवसर पर राज्यपाल ने एचपीयू वीसी कार्यालय के समीप बने नए मल्टी फेकल्टी भवन का लोकार्पण भी किया. हैरान करने वाली बात यह थी कि एचपीयू कैंपस तो पूरी तरह से साफ था, लेकिन स्वच्छता अभियान के दौरान झाड़ू लगाने के लिए एचपीयू ने एक जगह पर अलग से ही कूड़ा एकत्र कर रखा था, जहां राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने झाड़ू लगाया.

वीडियो रिपोर्ट.

कोरोना वायरस के चलते एचपीयू की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कम लोगों को ही प्रवेश दिया गया था. कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के लिए भी प्रावधान किए गए थे, लेकिन यह प्रावधान समारोह के दौरान धरे के धरे ही रह गए.

स्थापना दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में एचपीयू के जर्नल्स के साथ ही पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तकों का विमोचन भी राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने एचपीयू के स्थापना के 50 साल पूरे करने और 51 वें स्थापना दिवस के समारोह को लेकर बधाई दी.

इस दौरान राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि इस विश्वविद्यालय से राजनीति के कई दिग्गज नेता दिए हैं, तो वहीं कई न्यायाधीश और अन्य अधिकारी भी दिए हैं. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को छात्र के चरित्र निर्माण के लिए कार्य करना चाहिए. मात्र डिग्री देना ही विश्वविद्यालय का मकसद नहीं है, बेहतर चरित्र का निर्माण करना असल मकसद है.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने एचपीयू को विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू साइन करने की सलाह दी. जिससे कि छात्रों को उन विश्वविद्यालयों में जा कर पढ़ने का अवसर मिले और वह बेहतर रोजगार भी प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को मात्र स्टडी सेंटर नहीं बनना चाहिए बल्कि रिसर्च सेंटर के रूप में कार्य करना चाहिए, ताकि रिसर्च को बढ़ावा मिल सके.

राज्यपाल ने प्रदेश में घोषित हुए परिणाम में लड़कियों के प्रदर्शन की भी सराहना की और कहा कि महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. जिसके लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री बधाई के पात्र है.

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एचपीयू के स्थापना दिवस की बधाई दी. उन्होंने कहा कि विवि भले ही 51वां स्थापना दिवस मना रहा हो, लेकिन अभी तक एचपीयू देश भर के 150 विश्वविद्यालयों में अपना स्थान नहीं बना पाया है. अब यही लक्ष्य एचपीयू को बनाना है कि वह टॉप 100 विश्वविद्यालयों में अपनी जगह बनाए. उन्होंने कहा कि रैंकिंग में सुधार के लिए एचपीयू को रिसर्च को बढ़ावा देना होगा.

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश ने आश्वस्त किया करते हुए कहा कि एचपीयू की स्वायत्ता को लेकर जो मांग उठ रही है, उस मामले को भी विधानसभा में ले जाया जाएगा. वहीं, एचपीयू के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा की एचपीयू का लक्ष्य है कि अगले साल होने वाली नैक की एक्रीडिटेशन में बेहतर रैंक मिले और इसके साथ ही नेशनल इंस्टीटीयूशनल रैंकिंग में भी एचपीयू टॉप 100 में अपनी जगह बना पाए.

प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि नैक की रैंकिंग में एचपीयू को बेहतर रैंक मिल सके, इसके लिए एचपीयू को अपने कैंपस के विस्तार करने की आवश्यकता है. जिसके लिए रीजनल सेंटर धर्मशाला की 105 बीघा जमीन के साथ ही घनाहटी में दी गई 245 बिघा जमीन को विवि के नाम करने की प्रकिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने सरकार से यह मांग की है.

हॉस्टल निर्माण के लिए मिले 30 करोड़

कुलपति प्रो. सिकंदर ने बताया कि एचपीयू को 4 हॉस्टल के निर्माण के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय मंत्री की ओर से 30 करोड़ जारी किए गए हैं. जिनसे एचपीयू में 4 हॉस्टल बनाए जाएंगे. जिसमें 200 के करीब छात्रों को रहने की सुविधा मिलेगी.

ये भी पढ़ें: कुल्लू में युवक ने राष्ट्रपति से मांगा मृत्यु दान, जातिगत आरक्षण से दुखी होकर की अपील

शिमला: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय ने बुधवार को अपना 51 वां स्थापना दिवस और गोल्डन जुबली समारोह मनाया. यह पहली बार हुआ कि बिना छात्रों के एचपीयू का स्थापना दिवस मनाया गया हो. एचपीयू के इस स्थापना दिवस कार्यक्रम में कुलाधिपति राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. वहीं, शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे.

इस दौरान राज्यपाल सहित शिक्षा मंत्री ने एचपीयू कैंपस में पौधारोपण किया और इसके साथ ही स्वच्छता अभियान के तहत परिसर में झाड़ू भी लगाया. इस अवसर पर राज्यपाल ने एचपीयू वीसी कार्यालय के समीप बने नए मल्टी फेकल्टी भवन का लोकार्पण भी किया. हैरान करने वाली बात यह थी कि एचपीयू कैंपस तो पूरी तरह से साफ था, लेकिन स्वच्छता अभियान के दौरान झाड़ू लगाने के लिए एचपीयू ने एक जगह पर अलग से ही कूड़ा एकत्र कर रखा था, जहां राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने झाड़ू लगाया.

वीडियो रिपोर्ट.

कोरोना वायरस के चलते एचपीयू की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम में कम लोगों को ही प्रवेश दिया गया था. कार्यक्रम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के लिए भी प्रावधान किए गए थे, लेकिन यह प्रावधान समारोह के दौरान धरे के धरे ही रह गए.

स्थापना दिवस पर आयोजित इस कार्यक्रम में एचपीयू के जर्नल्स के साथ ही पत्र-पत्रिकाओं और पुस्तकों का विमोचन भी राज्यपाल और शिक्षा मंत्री ने किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने एचपीयू के स्थापना के 50 साल पूरे करने और 51 वें स्थापना दिवस के समारोह को लेकर बधाई दी.

इस दौरान राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि इस विश्वविद्यालय से राजनीति के कई दिग्गज नेता दिए हैं, तो वहीं कई न्यायाधीश और अन्य अधिकारी भी दिए हैं. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकों को छात्र के चरित्र निर्माण के लिए कार्य करना चाहिए. मात्र डिग्री देना ही विश्वविद्यालय का मकसद नहीं है, बेहतर चरित्र का निर्माण करना असल मकसद है.

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने एचपीयू को विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू साइन करने की सलाह दी. जिससे कि छात्रों को उन विश्वविद्यालयों में जा कर पढ़ने का अवसर मिले और वह बेहतर रोजगार भी प्राप्त कर सकें. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को मात्र स्टडी सेंटर नहीं बनना चाहिए बल्कि रिसर्च सेंटर के रूप में कार्य करना चाहिए, ताकि रिसर्च को बढ़ावा मिल सके.

राज्यपाल ने प्रदेश में घोषित हुए परिणाम में लड़कियों के प्रदर्शन की भी सराहना की और कहा कि महिलाएं शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. जिसके लिए मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री बधाई के पात्र है.

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने एचपीयू के स्थापना दिवस की बधाई दी. उन्होंने कहा कि विवि भले ही 51वां स्थापना दिवस मना रहा हो, लेकिन अभी तक एचपीयू देश भर के 150 विश्वविद्यालयों में अपना स्थान नहीं बना पाया है. अब यही लक्ष्य एचपीयू को बनाना है कि वह टॉप 100 विश्वविद्यालयों में अपनी जगह बनाए. उन्होंने कहा कि रैंकिंग में सुधार के लिए एचपीयू को रिसर्च को बढ़ावा देना होगा.

इस अवसर पर शिक्षा मंत्री सुरेश ने आश्वस्त किया करते हुए कहा कि एचपीयू की स्वायत्ता को लेकर जो मांग उठ रही है, उस मामले को भी विधानसभा में ले जाया जाएगा. वहीं, एचपीयू के कुलपति प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा की एचपीयू का लक्ष्य है कि अगले साल होने वाली नैक की एक्रीडिटेशन में बेहतर रैंक मिले और इसके साथ ही नेशनल इंस्टीटीयूशनल रैंकिंग में भी एचपीयू टॉप 100 में अपनी जगह बना पाए.

प्रो. सिकंदर कुमार ने कहा कि नैक की रैंकिंग में एचपीयू को बेहतर रैंक मिल सके, इसके लिए एचपीयू को अपने कैंपस के विस्तार करने की आवश्यकता है. जिसके लिए रीजनल सेंटर धर्मशाला की 105 बीघा जमीन के साथ ही घनाहटी में दी गई 245 बिघा जमीन को विवि के नाम करने की प्रकिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाएगा. इसके लिए उन्होंने सरकार से यह मांग की है.

हॉस्टल निर्माण के लिए मिले 30 करोड़

कुलपति प्रो. सिकंदर ने बताया कि एचपीयू को 4 हॉस्टल के निर्माण के लिए केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय मंत्री की ओर से 30 करोड़ जारी किए गए हैं. जिनसे एचपीयू में 4 हॉस्टल बनाए जाएंगे. जिसमें 200 के करीब छात्रों को रहने की सुविधा मिलेगी.

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