शिमला:अमूमन चूहे हर घर में होते हैं. चूहों की फौज कई बार कीमती चीजें कुतर जाती हैं. उनके आतंक से निजात पाने के लिए लोग एक प्रकार के चिपचिपे गोंद का प्रयोग करते हैं. उससे चूहे पकड़े जाते हैं, लेकिन अब हिमाचल प्रदेश में लोग ऐसा नहीं कर पाएंगे. कारण ये है कि राज्य में चिपचिपे गोंद के उत्पादन, उसकी बिक्री और प्रयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है.
एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की सिफारिश: दरअसल एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने इस बारे में सिफारिश की थी. बोर्ड चिपचिपे गोंद का इस्तेमाल करने को जानवरों के प्रति क्रूरता की श्रेणी में रखता है. ऐसे में चूहे पकड़ने के क्रूर तरीकों के इस्तेमाल पर रोक की सिफारिश की गई थी. सिफारिश के बाद हिमाचल सरकार के पशुपालन बोर्ड ने इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी. पशुओं के प्रति क्रूरता अधिनियम की धारा 4 के तहत ये प्रतिबंध लगाया गया है.
बोर्ड पर गोंद लगाकार मारा जाता: उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की तरफ से एनिमल वेलफेयर बोर्ड को बताया गया था कि चूहे पकड़ने के लिए चिपचिपे गोंद का इस्तेमाल कई राज्य के लोग करते हैं. उसमें एक बोर्ड होता है और उस पर गोंद लगाया जाता है. चूहे उसमें चिपक जाते हैं. एक बार इसमें फंस जाने के बाद चूहे का निकलना मुश्किल हो जाता और वो मर जाता है.
जुर्माने और सजा का होगा प्रावधान: यही नहीं, बोर्ड को जब बाहर फैंका जाता है तो उसमें कई पक्षी भी फंस जाते हैं. पक्षियों की चोंच भी फंस जाती है. इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने इसके इस्तेमाल पर बैन लगाने की सिफारिश की. उसके बाद हिमाचल सरकार ने गोंद वाले स्टिकी बोर्ड की बिक्री, इस्तेमाल आदि पर प्रतिबंध लगा दिया है. ये अब मार्केट में नहीं बिक सकेंगे. यही नहीं, इनकी बिक्री, इस्तेमाल आदि पर जुर्माना और सजा का भी प्रावधान किया जाएगा.