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इस माह भी बिजली कर्मियों को OPS मिलने पर संशय, यूनियन ने जल्द कमेटी की बैठक बुलाने की मांग की

हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड इंप्लायज यूनियन ने सर्विस कमेटी की बैठक जल्द करवाकर बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन पर फैसला लेने की मांग की है. यूनियन के अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा का कहना है कि बोर्ड की सर्विस कमेटी की बैठक कर बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन जल्द लागू की जाए. बता दें कि हिमाचल में बिजली बोर्ड कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन अभी तक लागू नहीं की गई है. पढ़ें पूरी खबर.. (HPSEB Employee On OPS) (HP Electricity Board Employees Union)

HP Electricity Board Employees demanded to hold meeting of Service Committee
HP बिजली बोर्ड यूनियन ने की कमेटी की बैठक की मांग
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 18, 2023, 8:58 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक ओर जहां सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन लागू कर दी गई है, वहीं बिजली बोर्ड में अभी भी इसे लागू नहीं किया गया है. बता दें कि बिजली बोर्ड एक ऐसा सरकारी उपक्रम है, जहां ओपीएस लागू नहीं की जा रही, जबकि 2003 से पहले यहां भी ओल्ड पेंशन लागू थी, हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बिजली कर्मचरियों को ओल्ड पेंशन देने का आश्वासन दे रहे हैं. दरअसल, इसी माह से इन कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन देने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक बिजली बोर्ड की सर्विस कमेटी की बैठक तय नहीं हो पाई है, जिसमें ओल्ड पेंशन का फैसला लिया जाना है. जिसके कारण इस माह में भी बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन लागू होने पर संशय बना हुआ है. यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड इंप्लाइज यूनियन ने सर्विस कमेटी की बैठक जल्द करवाकर इसमें ओल्ड पेंशन पर फैसला लेने की मांग की है.

यूनियन के अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा और महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड की सर्विस कमेटी की बैठक कर बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन जल्द लागू की जाए. दोनों कर्मचारी नेताओं ने कहा है कि बिजली बोर्ड में वर्ष 1974 में सीसीएस पेंशन रुल्ज लागू किये गए थे और उसके बाद जितने भी संशोधन हुए, सभी सरकारी विभागों की तर्ज पर इसमें भी लागू किये गए. इसी आधार पर बिजली बोर्ड में 15 मई,2003 के बाद आये सभी कर्मचारियों को नई पेंशन में लाया गया. उन्होंने कहा कि किसी से संस्था में कोई कानून या रुल्ज अपनाए हो उन में किया गया संशोधन कानून दृष्टि से स्वतः ही उन संस्थाओं में लागू माना जाता है. बोर्ड में भी पुरानी पेंशन प्रदेश सरकार को पिछली तारीख से ही लागू करनी पड़ेगी. इसलिए इसमें की जा रही अनावश्यक देरी से कई प्रशाशनिक दिकते खड़ी हो जाएगी. ऐसे में सरकार को इसे गंभीरता से देखना चाहिए.

वहीं, हीरा लाल वर्मा ने कहा कि कर्मचारियों का एनपीेएस शेयर तो काटा जा रहा है लेकिन यह जमा नहीं किया जा रहा. इससे भी कई पेचीगियां कर्मचारियों के सामने आएंगी. उन्होंने कहा वर्ष 2003 से अब तक बोर्ड के 137 रिटायर्ड कर्मी पुरानी पेंशन से लाभांवित होंगे, जिस पर पेंशन देनदारियां 42 लाख रुपये प्रति माह है. वहीं, बिजली बोर्ड में कर्मचारियों का न्यू पेंशन शेयर 422 लाख कट रहा है. उन्होंने कहा कि यूनियन की ओर से पिछले तीन दिनों मे प्रदेश के सचिवालय में विभिन्न अधिकारियों से इस पर विस्तृत चर्चाकी गई और और ओपीएस में अनावश्यक देरी पर चिंता जताई और मांग की गई कि बिना किसी देरी के बोर्ड पुरानी पेंशन लागू की जाए.

ये भी पढ़ें: Himachal Scholarship Scam: हिमाचल में छात्रवृत्ति घोटाले पर ED की बड़ी कार्रवाई, 6.25 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त

शिमला: हिमाचल प्रदेश में एक ओर जहां सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन लागू कर दी गई है, वहीं बिजली बोर्ड में अभी भी इसे लागू नहीं किया गया है. बता दें कि बिजली बोर्ड एक ऐसा सरकारी उपक्रम है, जहां ओपीएस लागू नहीं की जा रही, जबकि 2003 से पहले यहां भी ओल्ड पेंशन लागू थी, हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बिजली कर्मचरियों को ओल्ड पेंशन देने का आश्वासन दे रहे हैं. दरअसल, इसी माह से इन कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन देने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक बिजली बोर्ड की सर्विस कमेटी की बैठक तय नहीं हो पाई है, जिसमें ओल्ड पेंशन का फैसला लिया जाना है. जिसके कारण इस माह में भी बिजली बोर्ड में ओल्ड पेंशन लागू होने पर संशय बना हुआ है. यही वजह है कि हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड इंप्लाइज यूनियन ने सर्विस कमेटी की बैठक जल्द करवाकर इसमें ओल्ड पेंशन पर फैसला लेने की मांग की है.

यूनियन के अध्यक्ष कामेश्वर दत्त शर्मा और महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा कि बोर्ड की सर्विस कमेटी की बैठक कर बिजली बोर्ड में पुरानी पेंशन जल्द लागू की जाए. दोनों कर्मचारी नेताओं ने कहा है कि बिजली बोर्ड में वर्ष 1974 में सीसीएस पेंशन रुल्ज लागू किये गए थे और उसके बाद जितने भी संशोधन हुए, सभी सरकारी विभागों की तर्ज पर इसमें भी लागू किये गए. इसी आधार पर बिजली बोर्ड में 15 मई,2003 के बाद आये सभी कर्मचारियों को नई पेंशन में लाया गया. उन्होंने कहा कि किसी से संस्था में कोई कानून या रुल्ज अपनाए हो उन में किया गया संशोधन कानून दृष्टि से स्वतः ही उन संस्थाओं में लागू माना जाता है. बोर्ड में भी पुरानी पेंशन प्रदेश सरकार को पिछली तारीख से ही लागू करनी पड़ेगी. इसलिए इसमें की जा रही अनावश्यक देरी से कई प्रशाशनिक दिकते खड़ी हो जाएगी. ऐसे में सरकार को इसे गंभीरता से देखना चाहिए.

वहीं, हीरा लाल वर्मा ने कहा कि कर्मचारियों का एनपीेएस शेयर तो काटा जा रहा है लेकिन यह जमा नहीं किया जा रहा. इससे भी कई पेचीगियां कर्मचारियों के सामने आएंगी. उन्होंने कहा वर्ष 2003 से अब तक बोर्ड के 137 रिटायर्ड कर्मी पुरानी पेंशन से लाभांवित होंगे, जिस पर पेंशन देनदारियां 42 लाख रुपये प्रति माह है. वहीं, बिजली बोर्ड में कर्मचारियों का न्यू पेंशन शेयर 422 लाख कट रहा है. उन्होंने कहा कि यूनियन की ओर से पिछले तीन दिनों मे प्रदेश के सचिवालय में विभिन्न अधिकारियों से इस पर विस्तृत चर्चाकी गई और और ओपीएस में अनावश्यक देरी पर चिंता जताई और मांग की गई कि बिना किसी देरी के बोर्ड पुरानी पेंशन लागू की जाए.

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