शिमला: राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार वाटर सेस पर विद्युत उत्पादकों की राय लेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसके लिए एक कमेटी बनाने का फैसला लिया गया. यह कमेटी विद्युत उत्पादकों के साथ राज्य में विभिन्न ऊर्जा परियोजनाओं पर वाटर सेस लगाने के बारे में चर्चा करेगी. जल शक्ति विभाग, वित्त विभाग और विधि विभाग के प्रतिनिधि इस कमेटी में सदस्य होंगे. विद्युत उत्पादकों ने मुख्यमंत्री से मिलकर वाटर सेस को तर्क संगत बनाने का आग्रह किया था, इसके बाद सरकार ने कमेटी बनाने का फैसला लिया है. यह कमेटी 15 दिन में सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी.
कैबिनेट ने कांगड़ा जिले के ज्वालामुखी और फतेहपुर और हमीरपुर जिले के भोरंज में प्राथमिक स्तर तक राजीव गांधी राजकीय मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल खोलने के लिए निर्माण गतिविधियां शुरु करने की अनुमति दी है. प्रदेश में 13 स्थानों पर ऐसे स्कूलों का निर्माण शुरू करने के लिए कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी है. कैबिनेट ने जेल विभाग में जेल वार्डरों के 69 पद भरने का निर्णय लिया. कैबिनेट जेल विभाग के सोलन जिला स्थित नालागढ़ (किशनपुरा) उप-जेल में विभिन्न वर्गों के 20 पदों को भरने का निर्णय भी लिया. कैबिनेट ने किरतपुर-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बिलासपुर जिला के भघेड़, मंडी जिला के नेरचौक और कुल्लू जिला के भुंतर में हाईवे-सह-पर्यटक पुलिस थाने खोलने और इन थानों को क्रियाशील करने के लिए विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों को सृजित करने तथा भरने की अनुमति प्रदान की.
पंचायत प्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाने का भी लिया फैसला: कैबिनेट ने अशंकालिक पंचायत चौकीदारों के मासिक मानदेय को 6200 रुपये से बढ़ाकर 6700 रुपये करने का निर्णय भी लिया. इससे प्रदेश के 3226 पंचायत चौकीदार लाभान्वित होंगे,. यह निर्णय 1 अप्रैल 2023 से लागू माना जाएगा. इसके अतिरिक्त पंचायतीराज संस्थाओं के चयनित प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि करने का निर्णय भी लिया. सरकार ने इसकी बजट में घोषणा की थी. कैबिनेट वर्ष 2023-24 के लिए बार की समयावधि दोपहर 12 बजे से रात एक बजे तक निर्धारित करने को स्वीकृति दी, अभी तक यह रात को 12 बजे तक ही थी.
कैबिनेट ने रोजगार अवसर प्रदान करने के लिए प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में पेपर लेस रजिस्ट्रेशन सिस्टम आरंभ करने को भी मंजूरी प्रदान की है. कैबिनेट जिला शिमला के धामी कालेज विभिन्न श्रेणियों के आवश्यक पदों के सृजन और भरने सहित मेडिकल और नॉन मेडिकल कक्षाएं आरंभ करने के लिए स्वीकृति दी.
एसएमसी शिक्षकों की वन टाइम ट्रांसफर पर ली जाएगी राय: कैबिनेट ने एसएमसी शिक्षकों के वन टाइम ट्रांसफर के मुद्दे पर चर्चा की. इसको लेकर विधि विभाग से राय लेने का फैसला लिया और इसके बाद यह मामला अगली कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा. सरकार ने प्रदेश के शिक्षा विभाग के तहत पुरानी बीआरसी पालिसी को बंद करने का फैसला लिया. सरकार अब इसके लिए नई पॉलिसी लाएगी.
प्रदेश की वित्तीय हालात पर चर्चा: उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कैबिनेट बैठक की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कैबिनेट की बैठक में वित्त सचिव ने राज्य की मौजूदा वित्तीय हालात के बारे में बताया और कहा कि मौजूदा समय में करीब एक हजार करोड़ के घाटे में हिमाचल है. इसके लिए सरकार 800 करोड़ का लोन लेने जा रही है. उद्योग मंत्री ने कहा कि हिमाचल की वित्तीय हालत खराब है, इससे सरकार को काम करने में दिक्कत आ रही है. वहीं केंद्र सरकार ने हिमाचल की लोन लेने की लिमिट करीब 5000 करोड़ घटा दी है. यही नहीं केंद्र सरकार ने विदेशों के सहायता प्रोजेक्ट (एक्सर्टनल एडेड प्रोडक्ट्स) पर भी सीमा लगा दी है. हिमाचल सरकार ने इसको हटाने की मांग की है. मौजूदा समय में हिमाचल के करीब 8500 हजार करोड़ के प्रोजेक्ट केंद्र सरकार के पास पड़े हैं. हिमाचल ने मांग की कि पहले इन प्रोजेक्टों को मंजूरी दी जाए.
मुख्यमंत्री ने संसद की लोक लेखा समिति से की भेंट: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में संसद की लोक लेखा समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और समिति के अन्य सदस्यों से भेंट की. समिति के अध्यक्ष और सदस्य अध्ययन दौरे के लिए शिमला आए हैं.
मुख्यमंत्री ने समिति के सदस्यों को राज्य के विभिन्न विकासात्मक विषयों पर चर्चा की. अधीर रंजन चौधरी की धर्मपत्नी अतिशा चौधरी, सुखविंदर सिंह सुक्खू की धर्मपत्नी कमलेश ठाकुर और लोक लेखा समिति के सदस्य जगदम्बिका पाल, के. लक्ष्मण, घनश्याम तिवारी, राम कृपाल यादव और राहुल रमेश शेवाले, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर इस दौरान उपस्थित रहे.
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