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गलत HIV रिपोर्ट  से हुई महिला की मौत का मामला: सीएम जयराम ने दिए जांच के आदेश

गलत रिपोर्ट से कोमा में गई महिला की मौत के मामले को लेकर सीएम जयराम ने जांच के आदेश दिए. सीएम ने महिला के परिजनों को मुआवजा देने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है.

HIV रिपोर्ट मामला: सीएम जयराम ने दिए जांच के आदेश
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Published : Aug 28, 2019, 8:42 PM IST

शिमला: एचआईवी की गलत रिपोर्ट के बाद कोमा में गई महिला की मौत के मामले पर प्रदेश सरकार ने जांच बिठा दी है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य निदेशक मामले की जांच करेंगे व 15 दिनों के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे. इसके बाद अगली कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी. सीएम ने महिला के परिजनों को मुआवजा देने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है.

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मुख्यमंत्री ने इसे गंभीर मसला करार देते हुए कहा कि यह बेहद संवेदनशील मामला है. उन्होंने कहा कि वे पहले पूरे मामले की रिपोर्ट लेना चाहते हैं. उसके बाद अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई होगी और महिला के परिवार वालों को मुआवजा भी दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें: NH-21 का खस्ताहाल, पूर्व अधिकारी ने सरकार को हाईकोर्ट में घसीटने की दी चेतावनी

वहीं, ये मामला बुधवार को सदन में भी खुब गूंजा. रोहड़ू के विधायक मोहन लाल बरागटा ने सदन में इस मामले को प्वाइंट आफ आर्डर के तहत उठाया. बरागटा ने कहा कि निजी अस्पताल की लापरवाही से महिला की जान गई है. निजी अस्पताल ने गलत रिपोर्ट दी, जिसके चलते वह कोमा में चली गई और उसके बाद इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में उसकी मौत हो गई . बरागटा ने सरकार से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की भी मांग की है.

शिमला: एचआईवी की गलत रिपोर्ट के बाद कोमा में गई महिला की मौत के मामले पर प्रदेश सरकार ने जांच बिठा दी है. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि स्वास्थ्य निदेशक मामले की जांच करेंगे व 15 दिनों के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे. इसके बाद अगली कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी. सीएम ने महिला के परिजनों को मुआवजा देने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है.

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मुख्यमंत्री ने इसे गंभीर मसला करार देते हुए कहा कि यह बेहद संवेदनशील मामला है. उन्होंने कहा कि वे पहले पूरे मामले की रिपोर्ट लेना चाहते हैं. उसके बाद अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई होगी और महिला के परिवार वालों को मुआवजा भी दिया जाएगा.

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वहीं, ये मामला बुधवार को सदन में भी खुब गूंजा. रोहड़ू के विधायक मोहन लाल बरागटा ने सदन में इस मामले को प्वाइंट आफ आर्डर के तहत उठाया. बरागटा ने कहा कि निजी अस्पताल की लापरवाही से महिला की जान गई है. निजी अस्पताल ने गलत रिपोर्ट दी, जिसके चलते वह कोमा में चली गई और उसके बाद इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में उसकी मौत हो गई . बरागटा ने सरकार से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की भी मांग की है.

Intro:Body:शिमला। जिला के दुर्गम क्षेत्र डोडराक्वार की 22 साल की महिला को निजी अस्पताल की ओर एआइवी ग्रस्त बता देने से उसके कोमा में चले जाने व बाद में मौत हो जाने के मामले की जयराम सरकार ने जांच कराने का एलान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि निदेशक स्वासथ्य इस मसले की जांच करेंगे व 15 दिनों के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके बाद आगामी कार्यवाही की अमल में लाई जाएगी। रोहड़ू से कांग्रेस विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने सदन में आज इस मसले को प्वाइंट आफ आर्डर के तहत उठाया था।

विधायक मोहन लाल ब्राक्टा ने सदन में इस मसले को उठाते हुए कहा कि 22 साल की यह महिला डोडरा क्वार की थी। यह बीमार हुई तो इसे रोहड़ू के अस्पताल लाया गया लेकिन वहां पर गायनोकालाजिस्ट नहीं था तो उसका भाई निजी संजीवनी अस्पताल में ले गया। वहां पर उन्होंने उसके टेस्ट लिए व पर्ची पर लिख उसे एचआइवी बता दिया। इस अस्पताल से उसे यह कहकर की इसमें खून की कमीहै ,उसे राजधानी के कमला नेहष्‍ अस्पताल को रेफर कर दिया।

ब्राक्टा ने कहा कि इस महिला का भाई इसे कमला नेहरू अस्पताल ले आया और यहां पर इसका आपरेशन कर दिया जो कि सफल रहा। इस बीच इस महिला का पति भी अस्पताल पहुंच गया। डाक्टरों ने उसे एचआइवी टेसट कराने को कहा । इस पर उसने सवाल किया कि वह टेस्‍ट क्यों कराए। अस्पताल के डाक्टरों ने उसे संजीवनी अस्पताल की पर्ची दिखाइर्द व कहा कि उसकी पत्नी का इस पर्ची में एचआइवी ग्रसत पाया है। यह सुनने पर महिला सदमे में आ गई और कोमा में चली गई। इसे यहां से इंदिरा गांधी मेडिकल अस्पताल में दाखिल किया गया,जहां पर उसकी कोमा में ही मौत हो गई। ब्राक्टा ने कहा कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। उसके परिवार वालों को मुआवजा मिलना चाहिए और रोहड़ू अस्पताल में गायनी के डाक्टर का इंतजाम किया जाए।

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इसे गंभीर मसला करार देते हुए कहा कि यह बेहद संवेदनशील मसलाहै। उनके नोटिस में यह मामला आया व पहले वह इस पूरे मामले की रिपोर्ट लेना चाहते है। उसके बाद अस्पताल के खिलाफ भी कार्यवाही होगी और महिला के परिवार वालों को मुआवजा भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि निदेशक स्वास्थ्य इस मामले की जांच कर पंद्रह दिनों में रिपोर्ट सरकार को भेजेंगे।

Conclusion:
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