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राजधानी शिमला में क्रिसमस का जश्न शुरु, क्राइस्ट चर्च में ऐतिहासिक पाइप ऑर्गन की सुनाई दे रही धुन

जधानी शिमला के ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च को ब्रिटिश कालीन समय में बनाया गया था. इस चर्च में आज भी उस समय के इतिहास को संजोए हुए बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो आज देखने में सबसे अलग और सबको अचंभित करने वाली हैं.

historical pipe organ in heritage Christ Church shimla
मला के क्राइस्ट चर्च में ऐतिहासिक पाइप ऑर्गन की सुनाई दे रही धुन
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Published : Dec 22, 2019, 5:36 PM IST

Updated : Dec 22, 2019, 5:43 PM IST

शिमला: राजधानी शिमला के ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च को ब्रिटिश कालीन समय में बनाया गया था. इस चर्च में आज भी उस समय के इतिहास को संजोए हुए बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो आज देखने में सबसे अलग और सबको अचंभित करने वाली हैं. ब्रिटिश कालीन समय में जो अंग्रेजों ने शिमला के रिज मैदान पर इस चर्च का निर्माण किया तो इस चर्च में बहुत सी ऐसी चीजें शामिल की गई जिन्हें बाहर इंग्लैंड से यहां राजधानी शिमला लाया गया. इसमें ही चर्च में रखा गया ऐतिहासिक पाइप ऑर्गन शामिल है.

इस पाइप ऑर्गन को 28 सितंबर 1899 में इस ऐतिहासिक चर्च में लाया गया था और इसे स्थापित करने के पांच दिन बाद इसे चर्च में बजाया गया था. तब से लेकर इस पाइप ऑर्गन की धुन ऐतिहासिक क्राइस्टचर्च में सुनाई दे रही थी, लेकिन बीते कुछ सालों से यह पाइप ऑर्गन खराब हो गया था. इसके नोट्स, पैडल और कंसोल में दिक्कत आ गई थी, जिसके चलते इस पाइप ऑर्गन की धुन चर्च में नहीं सुनाई देती थी और ना ही यहां होने वाली प्रार्थना सभाओं में इस पाइप ऑर्गन को बजाया जाता था.

यहां तक कि क्रिसमस के खास दिन पर भी यह पाइप ऑर्गन यहां नहीं बज पा रहा था. ऐसे में चर्च प्रबंधन ने इसकी सुध ली और इस पाइप ऑर्गन की मरम्मत की गई. इसके बाद फिर से शिमला के क्राइस्ट चर्च में इसकी धुन सुनाई दे रही है. अभी दो महीने पहले ही इस पाइप ऑर्गन को ठीक किया गया है. अब क्रिसमस के जश्न के लिए यह पाइप ऑर्गन पूरी तरह से तैयार है. चर्च में क्रिसमस को लेकर कैंडल लाइट प्लेयर्स और प्रार्थना सभाओं में इस पाइप ऑर्गन को बजाया जा रहा है.

इस ऐतिहासिक पाइप ऑर्गन की खास बात यह है कि यह दुनिया का सबसे पुराना वाद्य यंत्र है और देखने में अन्य पियानों से भी यह बिल्कुल अलग है. जब इस पाइप ऑर्गन को यहां चर्च में लगाया गया था, तो उस समय इस पाइप ऑर्गन को बजाने के लिए दो लोगों की जरूरत होती थी. इसमें हवा प्रणाली, कंसोल कीबोर्ड कॉलर, एनक्लोजर व एक्सप्रेशन पेडल का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कि इस पाइप ऑर्गन में लगी पाइपों में हवा भरी जाती है और पाइप में हवा भेजने के लिए पंप का इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद हवा के दबाव को पैरों से नियंत्रित किया जाता है जिससे कि धुन इस पाइप ऑर्गन में बजती है.

अब इस पाइप ऑर्गन में इलेक्ट्रिक पंप का इस्तेमाल हवा भरने के लिए किया जाता है और एक ही व्यक्ति अब इस पियानों को बजाता है. इस पाइप ऑर्गन में 1 हजार छोटी बड़ी पाइपें लगी है जिससे कि मधुर संगीत निकलता है. अब जब शिमला के क्राइस्ट चर्च में क्रिसमस का जश्न चल रहा है तब इस पाइप ऑर्गन को वर्तमान में बेजल डीन बजाते है. दुनिया का यह सबसे पुराना वाद्य यंत्र है जो आज भी सही स्थिति में है और जिसकी धुन आज भी शिमला के ऐतिहासिक चर्च में गूंज रही है.

वीडियो रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: प्रदेश में साफ हुआ मौसम, धूप खिलने से लोगों को मिली ठंड से राहत

शिमला: राजधानी शिमला के ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च को ब्रिटिश कालीन समय में बनाया गया था. इस चर्च में आज भी उस समय के इतिहास को संजोए हुए बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो आज देखने में सबसे अलग और सबको अचंभित करने वाली हैं. ब्रिटिश कालीन समय में जो अंग्रेजों ने शिमला के रिज मैदान पर इस चर्च का निर्माण किया तो इस चर्च में बहुत सी ऐसी चीजें शामिल की गई जिन्हें बाहर इंग्लैंड से यहां राजधानी शिमला लाया गया. इसमें ही चर्च में रखा गया ऐतिहासिक पाइप ऑर्गन शामिल है.

इस पाइप ऑर्गन को 28 सितंबर 1899 में इस ऐतिहासिक चर्च में लाया गया था और इसे स्थापित करने के पांच दिन बाद इसे चर्च में बजाया गया था. तब से लेकर इस पाइप ऑर्गन की धुन ऐतिहासिक क्राइस्टचर्च में सुनाई दे रही थी, लेकिन बीते कुछ सालों से यह पाइप ऑर्गन खराब हो गया था. इसके नोट्स, पैडल और कंसोल में दिक्कत आ गई थी, जिसके चलते इस पाइप ऑर्गन की धुन चर्च में नहीं सुनाई देती थी और ना ही यहां होने वाली प्रार्थना सभाओं में इस पाइप ऑर्गन को बजाया जाता था.

यहां तक कि क्रिसमस के खास दिन पर भी यह पाइप ऑर्गन यहां नहीं बज पा रहा था. ऐसे में चर्च प्रबंधन ने इसकी सुध ली और इस पाइप ऑर्गन की मरम्मत की गई. इसके बाद फिर से शिमला के क्राइस्ट चर्च में इसकी धुन सुनाई दे रही है. अभी दो महीने पहले ही इस पाइप ऑर्गन को ठीक किया गया है. अब क्रिसमस के जश्न के लिए यह पाइप ऑर्गन पूरी तरह से तैयार है. चर्च में क्रिसमस को लेकर कैंडल लाइट प्लेयर्स और प्रार्थना सभाओं में इस पाइप ऑर्गन को बजाया जा रहा है.

इस ऐतिहासिक पाइप ऑर्गन की खास बात यह है कि यह दुनिया का सबसे पुराना वाद्य यंत्र है और देखने में अन्य पियानों से भी यह बिल्कुल अलग है. जब इस पाइप ऑर्गन को यहां चर्च में लगाया गया था, तो उस समय इस पाइप ऑर्गन को बजाने के लिए दो लोगों की जरूरत होती थी. इसमें हवा प्रणाली, कंसोल कीबोर्ड कॉलर, एनक्लोजर व एक्सप्रेशन पेडल का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कि इस पाइप ऑर्गन में लगी पाइपों में हवा भरी जाती है और पाइप में हवा भेजने के लिए पंप का इस्तेमाल किया जाता है. इसके बाद हवा के दबाव को पैरों से नियंत्रित किया जाता है जिससे कि धुन इस पाइप ऑर्गन में बजती है.

अब इस पाइप ऑर्गन में इलेक्ट्रिक पंप का इस्तेमाल हवा भरने के लिए किया जाता है और एक ही व्यक्ति अब इस पियानों को बजाता है. इस पाइप ऑर्गन में 1 हजार छोटी बड़ी पाइपें लगी है जिससे कि मधुर संगीत निकलता है. अब जब शिमला के क्राइस्ट चर्च में क्रिसमस का जश्न चल रहा है तब इस पाइप ऑर्गन को वर्तमान में बेजल डीन बजाते है. दुनिया का यह सबसे पुराना वाद्य यंत्र है जो आज भी सही स्थिति में है और जिसकी धुन आज भी शिमला के ऐतिहासिक चर्च में गूंज रही है.

वीडियो रिपोर्ट

ये भी पढ़ें: प्रदेश में साफ हुआ मौसम, धूप खिलने से लोगों को मिली ठंड से राहत

Intro:नोट:पैकेज व्रैप से चैक करें।

राजधानी शिमला के ऐतिहासिक क्राइस्ट चर्च जिसे ब्रिटिश कालीन समय में बनाया गया था। इस चर्च में आज भी उस समय के इतिहास को संजोए हुए बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो आज देखने में सबसे अलग और सबको अचंभित करने वाली हैं। ब्रिटिश कालीन समय में जो अंग्रेजों ने शिमला के रिज मैदान पर इस चर्च का निर्माण किया तो इस चर्च में बहुत सी ऐसी चीजें शामिल की गई जिन्हें बाहर इंग्लैंड से यहां राजधानी शिमला लाया गया। इसमें ही शामिल है चर्च में रखा गया ऐतिहासिक पाइप ऑर्गन। 28 सितंबर 1899 में इस पाइप ऑर्गन को यह ऐतिहासिक चर्च में लाया गया था और इसे स्थापित करने के पांच दिन बाद इसे चर्च में बजाया गया था।


Body:तब से लेकर इस पाइप ऑर्गन की धुन ऐतिहासिक क्राइस्टचर्च में सुनाई दे रही थी, लेकिन बीते कुछ सालों से यह पाइप ऑर्गन खराब हो गया था और इसके नोट्स,पैडल ओर कंसोल में दिक्कत आ गई थी, जिसके चलते इस पाइप ऑर्गन की धुन चर्च में नहीं सुनाई देती थी और ना ही यहां होने वाली प्रार्थना सभाओं में इस पाइप ऑर्गन दको बजाया जाता था। यहां तक कि क्रिसमस के खास दिन पर भी यह पाइप ऑर्गन यहां नहीं बन पा रहा था,जिससे की एक सूनापन चर्च में छा गया था। ऐसे में चर्च प्रबंधन ने इसकी सुध ली और इस पाइप ऑर्गन की मरम्मत की गई जिसके बाद फिर से शिमला के क्राइस्ट चर्च में इसकी धुन सुनाई दे रही है। अभी दो माह पहले ही इस पाइप ऑर्गन ठीक किया गया है और अब क्रिसमस के जश्न के लिए यह पाइप ऑर्गन पूरी तरह से तैयार है चर्च में जो क्रिसमस को लेकर कैंडल लाइट प्लेयर्स और प्रार्थना सभाएं हो रही है उसमें इस पाइप ऑर्गन को बजाया जा रहा है।


Conclusion:इस ऐतिहासिक पाइप ऑर्गन की खास बात यह है कि यह दुनिया का सबसे पुराना वाद्य यंत्र है और देखने में अन्य पियानो से भी यह बिल्कुल अलग है। जब इस पाइप ऑर्गन को यहां चर्च में लगाया गया था तो उस समय इस पाइप ऑर्गन को बजाने के लिए 2 लोगों की जरूरत होती थी। इसमें हवा प्रणाली, स्टॉप, कंसोल कीबोर्ड कॉलर,एनक्लोजर व एक्सप्रेशन पेडल का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कि इस पाइप ऑर्गन में लगी पाइपों में हवा भरी जाती है और पाइप ने हवा भेजने के लिए पंप का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बाद हवा के दबाव को पैरों से नियंत्रित किया जाता है जिससे कि धुन इस पाइप ऑर्गन में बजती है। अब इस पाइप ऑर्गन में इलेक्ट्रिक पंप का इस्तेमाल हवा भरने के लिए किया जाता है और एक ही व्यक्ति अब इस पियानों को बजाता है। इस पाइप ऑर्गन में 1 हजार छोटी बड़ी पाइपें लगी है जिससे कि मधुर संगीत निकलता है। अब जब शिमला के क्राइस्ट चर्च में क्रिसमस का जश्न चल रहा है तब इस पाइप ऑर्गन को वर्तमान में बेजल डीन बजाते है। दुनिया का यह सबसे पुराना वाद्य यंत्र है जो आज भी सही स्थिति में है और जिसकी धुन आज भी शिमला के ऐतिहासिक चर्च में गूंज रही है।
Last Updated : Dec 22, 2019, 5:43 PM IST
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