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इस बार 1 हजार करोड़ रुपये की बिजली बेचेगा हिमाचल, कई राज्यों में किल्लत होगी दूर - energy minister sukhram chaudhary news

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में कोरोनावायरस के कारण केवल 700 करोड़ रुपये की बिजली ही बेच पाए हैं, लेकिन इस वर्ष प्रदेश सरकार का लक्ष्य हमारा लक्ष्य 900 करोड़ से लेकर 1000 करोड़ रुपए तक की बिजली बेचना है. वहीं, हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि जब हमें जरूरत होती है तो सर्दियों के सीजन में हम पड़ोसी राज्यों से बिजली लेते हैं. इसके लिए एग्रीमेंट किया जाता है और जब उन्हें जरूरत होती है तो हम बिजली सप्लाई करते हैं.

Himachal will sell electricity worth Rs 1 thousand crore, हिमाचल बेचेगा 1 हजार करोड़ रुपये की बिजली
ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी
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Published : Jul 5, 2021, 7:31 PM IST

Updated : Jul 5, 2021, 8:49 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में करीब 24,000 मेगावाट बिजली का दोहन करने की क्षमता है, लेकिन फिलहाल वर्तमान में 10 हजार 800 मेगावाट का ही दोहन किया जा रहा है. वहीं, ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में कोरोनावायरस के कारण केवल 700 करोड़ रुपये की बिजली ही बेच पाए हैं, लेकिन इस वर्ष प्रदेश सरकार का लक्ष्य हमारा लक्ष्य 900 करोड़ से लेकर 1000 करोड़ रुपए तक की बिजली बेचना है.

हिमाचल में 2018-19 में ग्यारह सौ करोड़ रुपये की बिजली बेची थी. प्रदेश सरकार के पास फ्री पावर के रूप में बिजली बोर्ड हमारा लक्ष्य और एचपीसीसीएल के माध्यम से लगभग 3900 मेगावाट बिजली का दोहन करते हैं. उसमें फ्री पावर भी शामिल है. जिसमें से कुछ हिमाचल प्रदेश में खर्च की जाती है और कुछ अन्य प्रदेशों को दी जाती है.

वीडियो.

वहीं, हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी (Energy Minister Sukhram Chaudhary) ने कहा कि जब हमें जरूरत होती है तो सर्दियों के सीजन में हम पड़ोसी राज्यों से बिजली लेते हैं. इसके लिए एग्रीमेंट किया जाता है और जब उन्हें जरूरत होती है तो हम बिजली सप्लाई करते हैं.

ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल सर प्लस स्टेट

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल सर प्लस स्टेट है. इस बार भी सर्दियों के मौसम में पड़ोसी राज्यों से संपर्क किया जा रहा है और उनकी आवश्यकता अनुसार बिजली सप्लाई की जाएगी.

दरअसल इन दिनों पंजाब में बिजली संकट चला हुआ है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) पड़ोसी राज्य की मदद कर रहा है, जबकि सर्दियों के दिनों में हिमाचल को पंजाब से बिजली आती है. राज्य बिजली बोर्ड पंजाब के साथ दिल्ली और गोवा को भी बिजली बेच रहा है.

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी (Energy Minister Sukhram Chaudhary) ने कहा कि हिमाचल में अधिक ऊर्जा के दोहन के लिए प्रदेश सरकार छोटे प्रोजेक्ट को प्राइवेट क्षेत्र में लगाने के लिए बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल से पहले जिन प्रोजेक्ट का समझौता प्रदेश सरकार के साथ हो चुका है, लेकिन अभी उनका निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका है.

192 लोगों ने प्रोजेक्ट लगाने के लिए इच्छा जाहिर की है

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार उन्हें नए सिरे से वन टाइम एमिनिस्ट्री देकर प्रोजेक्ट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है. हिमाचल प्रदेश में कुल 224 प्रोजेक्ट इस दायरे में आ सकते थे. उनमें से 192 लोगों ने प्रोजेक्ट लगाने के लिए इच्छा जाहिर की है. उनकी औपचारिकताएं पूरी की जा रही है और जैसे ही डॉक्यूमेंट कार्य पूरा होगा प्रोजेक्ट निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस बार बरसात कम होने के कारण बिजली उत्पादन भी कम हुआ है यह सिलसिला प्रदेश में चला रहता है. वर्तमान में डेढ़ दर्जन बिजली प्रोजेक्टों से लक्ष्य से 2 मेगा यूनिट कम बिजली उत्पादन दर्ज किया गया है.

वर्तमान में डेढ़ दर्जन केकरी परियोजना हिमाचल प्रदेश में है जहां से बिजली का उत्पादन होता है, लेकिन जून महीने में हिमाचल के बिजली उत्पादन में कभी देखी गई है और सब स्टेशनों के पावर प्रोजेक्टों में 258.13 मेगा यूनिट का उत्पादन करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन 255.90 एमयू यूनिट का ही उत्पादन प्रदेश के बिजली प्रोजेक्ट टूसी बोर्ड को हुआ है.

एनओसी के नियमों को किया जाएगा सरल

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी (Energy Minister Sukhram Chaudhary) ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए एनओसी जो कि प्रोजेक्ट के क्षेत्र में लेनी जरूरी होती है उसको सरलीकरण किया जाएगा. प्रदेश सरकार की कोशिश है कि जो भी एनओसी के लिए अप्लाई करता है उसे तय समय सीमा में एनओसी मिल जाए.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इसके अलावा अन्य औपचारिकताओं के लिए भी समय निश्चित किया जाएगा, ताकि निवेशकों को अधिक इंतजार ना करना पड़े और प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश बिजली राज्य है और आने वाले समय में प्रदेश के लिए आय का बड़ा साधन हो सकता है. ऐसे में प्रदेश सरकार कोशिश कर रही है कि हिमाचल में अधिक से अधिक लघु सूक्ष्म और बड़े उद्योग लगाए जा सके.

ये भी पढ़ें- BREAKING: HPBOSE ने घोषित किया 10वीं का रिजल्ट, 99.7 फीसदी रहा परिणाम

शिमला: हिमाचल प्रदेश में करीब 24,000 मेगावाट बिजली का दोहन करने की क्षमता है, लेकिन फिलहाल वर्तमान में 10 हजार 800 मेगावाट का ही दोहन किया जा रहा है. वहीं, ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष में कोरोनावायरस के कारण केवल 700 करोड़ रुपये की बिजली ही बेच पाए हैं, लेकिन इस वर्ष प्रदेश सरकार का लक्ष्य हमारा लक्ष्य 900 करोड़ से लेकर 1000 करोड़ रुपए तक की बिजली बेचना है.

हिमाचल में 2018-19 में ग्यारह सौ करोड़ रुपये की बिजली बेची थी. प्रदेश सरकार के पास फ्री पावर के रूप में बिजली बोर्ड हमारा लक्ष्य और एचपीसीसीएल के माध्यम से लगभग 3900 मेगावाट बिजली का दोहन करते हैं. उसमें फ्री पावर भी शामिल है. जिसमें से कुछ हिमाचल प्रदेश में खर्च की जाती है और कुछ अन्य प्रदेशों को दी जाती है.

वीडियो.

वहीं, हिमाचल प्रदेश के ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी (Energy Minister Sukhram Chaudhary) ने कहा कि जब हमें जरूरत होती है तो सर्दियों के सीजन में हम पड़ोसी राज्यों से बिजली लेते हैं. इसके लिए एग्रीमेंट किया जाता है और जब उन्हें जरूरत होती है तो हम बिजली सप्लाई करते हैं.

ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल सर प्लस स्टेट

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हिमाचल सर प्लस स्टेट है. इस बार भी सर्दियों के मौसम में पड़ोसी राज्यों से संपर्क किया जा रहा है और उनकी आवश्यकता अनुसार बिजली सप्लाई की जाएगी.

दरअसल इन दिनों पंजाब में बिजली संकट चला हुआ है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) पड़ोसी राज्य की मदद कर रहा है, जबकि सर्दियों के दिनों में हिमाचल को पंजाब से बिजली आती है. राज्य बिजली बोर्ड पंजाब के साथ दिल्ली और गोवा को भी बिजली बेच रहा है.

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी (Energy Minister Sukhram Chaudhary) ने कहा कि हिमाचल में अधिक ऊर्जा के दोहन के लिए प्रदेश सरकार छोटे प्रोजेक्ट को प्राइवेट क्षेत्र में लगाने के लिए बढ़ावा दे रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल से पहले जिन प्रोजेक्ट का समझौता प्रदेश सरकार के साथ हो चुका है, लेकिन अभी उनका निर्माण कार्य शुरू नहीं किया जा सका है.

192 लोगों ने प्रोजेक्ट लगाने के लिए इच्छा जाहिर की है

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार उन्हें नए सिरे से वन टाइम एमिनिस्ट्री देकर प्रोजेक्ट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया है. हिमाचल प्रदेश में कुल 224 प्रोजेक्ट इस दायरे में आ सकते थे. उनमें से 192 लोगों ने प्रोजेक्ट लगाने के लिए इच्छा जाहिर की है. उनकी औपचारिकताएं पूरी की जा रही है और जैसे ही डॉक्यूमेंट कार्य पूरा होगा प्रोजेक्ट निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस बार बरसात कम होने के कारण बिजली उत्पादन भी कम हुआ है यह सिलसिला प्रदेश में चला रहता है. वर्तमान में डेढ़ दर्जन बिजली प्रोजेक्टों से लक्ष्य से 2 मेगा यूनिट कम बिजली उत्पादन दर्ज किया गया है.

वर्तमान में डेढ़ दर्जन केकरी परियोजना हिमाचल प्रदेश में है जहां से बिजली का उत्पादन होता है, लेकिन जून महीने में हिमाचल के बिजली उत्पादन में कभी देखी गई है और सब स्टेशनों के पावर प्रोजेक्टों में 258.13 मेगा यूनिट का उत्पादन करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन 255.90 एमयू यूनिट का ही उत्पादन प्रदेश के बिजली प्रोजेक्ट टूसी बोर्ड को हुआ है.

एनओसी के नियमों को किया जाएगा सरल

ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी (Energy Minister Sukhram Chaudhary) ने कहा कि प्रदेश में ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने के लिए एनओसी जो कि प्रोजेक्ट के क्षेत्र में लेनी जरूरी होती है उसको सरलीकरण किया जाएगा. प्रदेश सरकार की कोशिश है कि जो भी एनओसी के लिए अप्लाई करता है उसे तय समय सीमा में एनओसी मिल जाए.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इसके अलावा अन्य औपचारिकताओं के लिए भी समय निश्चित किया जाएगा, ताकि निवेशकों को अधिक इंतजार ना करना पड़े और प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाया जा सके. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश बिजली राज्य है और आने वाले समय में प्रदेश के लिए आय का बड़ा साधन हो सकता है. ऐसे में प्रदेश सरकार कोशिश कर रही है कि हिमाचल में अधिक से अधिक लघु सूक्ष्म और बड़े उद्योग लगाए जा सके.

ये भी पढ़ें- BREAKING: HPBOSE ने घोषित किया 10वीं का रिजल्ट, 99.7 फीसदी रहा परिणाम

Last Updated : Jul 5, 2021, 8:49 PM IST
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