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Himachal SMC teachers protest: मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद SMC शिक्षकों ने खत्म किया धरना, बीते कल से सचिवालय पर धरने पर बैठे थे शिक्षक

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने धरना दे रहे एसएमसी शिक्षकों के साथ बुधवार को बैठक कर वार्ता की. जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री सुक्खू ने आश्वासन दिया है कि सरकार उनकी मांगों को लेकर जल्द ही कोई फैसला लेगी. जिसके बाद एसएमसी शिक्षकों ने धरना खत्म कर दिया. पढ़ें पूरी खबर..(Himachal SMC teachers end their strike)

Himachal SMC teachers end their strike
हिमाचल एसएमसी शिक्षकों ने खत्म किया धरना
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 4, 2023, 10:46 PM IST

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत एसएमसी शिक्षकों की आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बैठक हुई. मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को आश्वासन दिया है कि सरकार उनकी मांगों को लेकर जल्द ही कोई फैसला लेगी. इसके बाद शिक्षकों ने अपना धरना खत्म कर दिया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इन शिक्षकों को बहुत कम वेतनमान मिल रहा है. उनकी सरकार ने इनके वेतनमान में 2000 रुपये की बढ़ोतरी की है , जबकि इससे पहले भाजपा सरकार ने 5 साल में मात्र 1500 रुपये बढ़ाए थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह देखेगी कि इनको लेकर किस तरह से फैसला लिया जा सकता है.

दरअसल, सीएम ने कहा कि सरकार ने एसएमसी शिक्षकों को लेकर एक कैबिनेट सब कमेटी भी गठित की है. शिक्षक इसके सामने अपनी बात रख सकते हैं. कमेटी रिपोर्ट दिसंबर तक देगी. बता दें, इससे पहले शिक्षक राज्य सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे रहे. शिक्षक बीते दिन से ही राज्य सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे थे. महिला शिक्षकों सहित अन्य एसएमसी शिक्षकों ने रात भर सचिवालय के बाहर धरना दिया. शिक्षकों का कहना था कि 12 साल तक सेवाएं देने के बाद भी सरकार उनको नियमित करने पर कोई फैसला नहीं ले रही. शिक्षकों ने सरकार से कहा कि वे या तो उनको जहर दे या उनको नियमित करने के बारे में फैसला ले.

बता दें, प्रदेश के स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षक कल बड़ी संख्या में शिमला में राज्य सचिवालय पहुंचे थे. शिक्षक कल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलना चाह रहे थे, लेकिन उनसे मिलने का समय नहीं दिया गया. इसके बाद शिक्षक वहीं धरने पर बैठ गए. हालांकि कल शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर एसएमसी शिक्षकों से बातचीत करने लिए बाहर आए और उन्होंने एसएमसी शिक्षकों को उनकी मांगों पर फैसला लेने का आश्वासन भी दिया, लेकिन शिक्षकों ने साफ कहा कि सरकार उनको नियमित करने के लिए नीति तैयार करे.

Himachal SMC teachers
एसएमसी शिक्षकों ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए किया चेक भेंट

शिक्षकों ने कहा कि वह अपने घरों से दूर सेवाएं दे रहे हैं और दूर दराज इलाकों में स्कूलों में खाली पड़े पदों पर सेवाएं दे रहे हैं. कई जगह शिक्षक अपने विषयों से अलावा अन्य विषयों को भी पढ़ा रहे हैं. एसएमसी शिक्षक पीटीए, पैट, पैरा और उर्दू-पंजाबी पीरियड आधार पर लगे शिक्षकों की तर्ज पर नियमित नीति की मांगी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने आज शिक्षकों को शाम का समय मिलने के लिए दिया.

शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से उनके लिए नीति बनाने की मांग की. इसके साथ ही शिक्षकों ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए भी 1,51111 रुपये का एक चेक भी भेंट किया. मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से कहा है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार कर रही है और जल्द ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में करीब 2408 एसएमसी शिक्षक दूरदराज के स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं. बीते 12 सालों से शिक्षक स्कूलों में तैनात है, इसी तरह 1,300 कंप्यूटर और हिमाचल के स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक वर्ष 2000 से निजी कंपनी के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं. ये शिक्षक सरकार से नियमितीकरण के लिए नीति तैयार करने की मांग कर रहे हैं.

'शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से उनके नियमितीकरण की मांग की है. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि सरकार इस बारे में जल्द ही कोई फैसला लेगी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का सकारात्मक रवैया रहा है. इसके बाद धरना खत्म कर दिया गया है.' :- सुनील शर्मा, एसएमसी शिक्षक संघ अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश

कंप्यूटर और एसएमसी शिक्षकों की मांग पर उनके के लिए नीति बनाने को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी गठित की गई है. जिसमें पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह सदस्य हैं. कमेटी दोनों वर्गों के शिक्षकों को नीति बनाने को लेकर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी. इसके आधार पर सरकार उनके बारे में फैसला लेगी.

ये भी पढ़ें: सचिवालय के बाहर रात भर धरने पर बैठे रहे SMC शिक्षक, CM ने दिया मिलने का समय, शिक्षकों ने कहा- आश्वासन नहीं नीति चाहिए, वरना जहर दे दे सरकार

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू

शिमला: प्रदेश के स्कूलों में कार्यरत एसएमसी शिक्षकों की आज मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ बैठक हुई. मुख्यमंत्री ने शिक्षकों को आश्वासन दिया है कि सरकार उनकी मांगों को लेकर जल्द ही कोई फैसला लेगी. इसके बाद शिक्षकों ने अपना धरना खत्म कर दिया. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इन शिक्षकों को बहुत कम वेतनमान मिल रहा है. उनकी सरकार ने इनके वेतनमान में 2000 रुपये की बढ़ोतरी की है , जबकि इससे पहले भाजपा सरकार ने 5 साल में मात्र 1500 रुपये बढ़ाए थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार यह देखेगी कि इनको लेकर किस तरह से फैसला लिया जा सकता है.

दरअसल, सीएम ने कहा कि सरकार ने एसएमसी शिक्षकों को लेकर एक कैबिनेट सब कमेटी भी गठित की है. शिक्षक इसके सामने अपनी बात रख सकते हैं. कमेटी रिपोर्ट दिसंबर तक देगी. बता दें, इससे पहले शिक्षक राज्य सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे रहे. शिक्षक बीते दिन से ही राज्य सचिवालय के बाहर धरने पर बैठे थे. महिला शिक्षकों सहित अन्य एसएमसी शिक्षकों ने रात भर सचिवालय के बाहर धरना दिया. शिक्षकों का कहना था कि 12 साल तक सेवाएं देने के बाद भी सरकार उनको नियमित करने पर कोई फैसला नहीं ले रही. शिक्षकों ने सरकार से कहा कि वे या तो उनको जहर दे या उनको नियमित करने के बारे में फैसला ले.

बता दें, प्रदेश के स्कूलों में तैनात एसएमसी शिक्षक कल बड़ी संख्या में शिमला में राज्य सचिवालय पहुंचे थे. शिक्षक कल मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलना चाह रहे थे, लेकिन उनसे मिलने का समय नहीं दिया गया. इसके बाद शिक्षक वहीं धरने पर बैठ गए. हालांकि कल शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर एसएमसी शिक्षकों से बातचीत करने लिए बाहर आए और उन्होंने एसएमसी शिक्षकों को उनकी मांगों पर फैसला लेने का आश्वासन भी दिया, लेकिन शिक्षकों ने साफ कहा कि सरकार उनको नियमित करने के लिए नीति तैयार करे.

Himachal SMC teachers
एसएमसी शिक्षकों ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए किया चेक भेंट

शिक्षकों ने कहा कि वह अपने घरों से दूर सेवाएं दे रहे हैं और दूर दराज इलाकों में स्कूलों में खाली पड़े पदों पर सेवाएं दे रहे हैं. कई जगह शिक्षक अपने विषयों से अलावा अन्य विषयों को भी पढ़ा रहे हैं. एसएमसी शिक्षक पीटीए, पैट, पैरा और उर्दू-पंजाबी पीरियड आधार पर लगे शिक्षकों की तर्ज पर नियमित नीति की मांगी. इसके बाद मुख्यमंत्री ने आज शिक्षकों को शाम का समय मिलने के लिए दिया.

शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से उनके लिए नीति बनाने की मांग की. इसके साथ ही शिक्षकों ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए भी 1,51111 रुपये का एक चेक भी भेंट किया. मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से कहा है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार कर रही है और जल्द ही इस बारे में फैसला लिया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में करीब 2408 एसएमसी शिक्षक दूरदराज के स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं. बीते 12 सालों से शिक्षक स्कूलों में तैनात है, इसी तरह 1,300 कंप्यूटर और हिमाचल के स्कूलों में कंप्यूटर शिक्षक वर्ष 2000 से निजी कंपनी के माध्यम से सेवाएं दे रहे हैं. ये शिक्षक सरकार से नियमितीकरण के लिए नीति तैयार करने की मांग कर रहे हैं.

'शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से उनके नियमितीकरण की मांग की है. मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है कि सरकार इस बारे में जल्द ही कोई फैसला लेगी. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का सकारात्मक रवैया रहा है. इसके बाद धरना खत्म कर दिया गया है.' :- सुनील शर्मा, एसएमसी शिक्षक संघ अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश

कंप्यूटर और एसएमसी शिक्षकों की मांग पर उनके के लिए नीति बनाने को लेकर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी गठित की गई है. जिसमें पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह सदस्य हैं. कमेटी दोनों वर्गों के शिक्षकों को नीति बनाने को लेकर रिपोर्ट तैयार कर सरकार को देगी. इसके आधार पर सरकार उनके बारे में फैसला लेगी.

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