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हिमाचल में सड़क हादसे: 2023 में 882 लोगों की मौत और 3542 घायल, दुर्घटना में 13% कमी - रोड सेफ्टी नियम

Himachal Road Accidents: हिमाचल प्रदेश में आए दिन सड़क दुर्घटनाओं के मामले सामने आते हैं. हालांकि साल 2022 के मुकाबले साल 2023 में प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं के मामलों में कमी दर्ज की गई है. प्रदेश में पिछले साल के मुकाबले 13 फीसदी कम सड़क हादसों के मामले सामने आए हैं.

Himachal Road Accidents
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 9, 2024, 11:12 AM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में साल 2023 में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से सड़क हादसों की घटनाएं सामने आती रही. हालंकि पुलिस प्रशासन के अथक प्रयासों के बाद कुछ हद तक साल 2023 में सड़क हादसों में विराम लगा और सड़क हादसों के दौरान होने वाली मौतों के आंकड़ों में भी कमी दर्ज की गई. साल 2022 के मुकाबले साल 2023 में सड़क हादसों में 13 फीसदी, मृत्यु दर में 14 और घायलों में 12 फीसदी की कमी रिकॉर्ड की गई है. साल 2023 में 2255 सड़क दुर्घटना के मामलों में 882 मौतें और 3542 लोग घायल हुए हैं.

हिमाचल में सड़क हादसों में कमी: वहीं, प्रदेश में सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए हिमाचल पुलिस ने साल 2022 के दौरान हुई सड़क दुर्घटना डेटाबेस का गहन विश्लेषण किया और उसके बाद नए आधुनिक उपकरणों की खरीद, यातायात की निगरानी एवं विनियमन, पहचान एवं सुधार दुर्घटना-संभावित ब्लैक स्पॉट खिंचाव, क्रैश बैरियर का निर्माण किया गया. एएसपी टीटीआर नरवीर सिंह राठौर ने इसके साथ ही रोड सेफ्टी नियमों के प्रति लोगों को सोशल मीडिया के जरिए जागरूक किया गया. इसके अलावा सड़क हादसों को कम करने के लिए 44 इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए से भी सड़कों पर सरपट दौड़ने वाली गाड़ियों पर नजर रखी गई और उनके चालान काटे गए.

रोड सेफ्टी के लिए ट्रैफिक पुलिस बनी हाईटेक: एएसपी टीटीआर नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि प्रदेश में सभी जिलों की पुलिस को एल्को सेंसर, लेजर स्पीड रडार, बॉडी वॉर्न कैमरे, मोबाइल हैंडसेट और एकीकृत जिला पुलिस को ई-चालानिंग के लिए हैंडहेल्ड टर्मिनल उपलब्ध कराए गए हैं. सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन के लिए आरएलए को भेजे गए हैं. 2 पायलट जिलों के लिए वर्तमान में पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा प्रवर्तन के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया उपकरणों की खरीद की गई है. शिमला और पुलिस जिला नूरपुर के लिए 6 इंटरसेप्टर गाड़ियां, 25 मोटरसाइकिल, 17 गश्ती गाड़ियां, 6 रिकवरी गाड़ियां, 120 एआई कैमरे इन जिलों के लिए खरीदे जा रहे हैं. इस परियोजना का अगले चरण में दो और जिलों कांगड़ा और मंडी, इसके बाद चार अन्य प्रभावित जिले कुल्लू, सिरमौर, सोलन और ऊना को कवर किया जाएगा.

सबसे ज्यादा सड़क हादसों वाला पहाड़ी राज्य: हिमाचल प्रदेश में कुछ सालों के दौरान सड़क हादसों को देखते हुए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के सर्वे में हिमाचल को अन्य पहाड़ी राज्यों की तुलना में सड़क हादसों में सबसे खतरनाक राज्य बताया गया है. हिमाचल में औसतन अन्य पहाड़ी राज्यों की तुलना सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं सामने आती हैं. हालांकि सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा किए प्रयासों के चलते 2023 में 13 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं कम हुई हैं, लेकिन हिमाचल में जिस तरह से आए दिन सड़क हादसों के मामले सामने आ रहे हैं, उसके सामने 13 फीसदी हादसों में कमी का आंकड़ा कम नजर आता है. हिमाचल प्रदेश पुलिस एएसपी टीटीआर नरवीर सिंह राठौर ने प्रदेश सड़क हादसों को लेकर ये डेटा जारी किया है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में डराते हैं सड़क हादसों के आंकड़े, पिछले 1 साल में 2400 रोड एक्सीडेंट, 966 लोगों ने गंवाई जान

शिमला: हिमाचल प्रदेश में साल 2023 में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से सड़क हादसों की घटनाएं सामने आती रही. हालंकि पुलिस प्रशासन के अथक प्रयासों के बाद कुछ हद तक साल 2023 में सड़क हादसों में विराम लगा और सड़क हादसों के दौरान होने वाली मौतों के आंकड़ों में भी कमी दर्ज की गई. साल 2022 के मुकाबले साल 2023 में सड़क हादसों में 13 फीसदी, मृत्यु दर में 14 और घायलों में 12 फीसदी की कमी रिकॉर्ड की गई है. साल 2023 में 2255 सड़क दुर्घटना के मामलों में 882 मौतें और 3542 लोग घायल हुए हैं.

हिमाचल में सड़क हादसों में कमी: वहीं, प्रदेश में सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए हिमाचल पुलिस ने साल 2022 के दौरान हुई सड़क दुर्घटना डेटाबेस का गहन विश्लेषण किया और उसके बाद नए आधुनिक उपकरणों की खरीद, यातायात की निगरानी एवं विनियमन, पहचान एवं सुधार दुर्घटना-संभावित ब्लैक स्पॉट खिंचाव, क्रैश बैरियर का निर्माण किया गया. एएसपी टीटीआर नरवीर सिंह राठौर ने इसके साथ ही रोड सेफ्टी नियमों के प्रति लोगों को सोशल मीडिया के जरिए जागरूक किया गया. इसके अलावा सड़क हादसों को कम करने के लिए 44 इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए से भी सड़कों पर सरपट दौड़ने वाली गाड़ियों पर नजर रखी गई और उनके चालान काटे गए.

रोड सेफ्टी के लिए ट्रैफिक पुलिस बनी हाईटेक: एएसपी टीटीआर नरवीर सिंह राठौर ने बताया कि प्रदेश में सभी जिलों की पुलिस को एल्को सेंसर, लेजर स्पीड रडार, बॉडी वॉर्न कैमरे, मोबाइल हैंडसेट और एकीकृत जिला पुलिस को ई-चालानिंग के लिए हैंडहेल्ड टर्मिनल उपलब्ध कराए गए हैं. सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने वालों के ड्राइविंग लाइसेंस निलंबन के लिए आरएलए को भेजे गए हैं. 2 पायलट जिलों के लिए वर्तमान में पुलिस द्वारा सड़क सुरक्षा प्रवर्तन के लिए आपातकालीन प्रतिक्रिया उपकरणों की खरीद की गई है. शिमला और पुलिस जिला नूरपुर के लिए 6 इंटरसेप्टर गाड़ियां, 25 मोटरसाइकिल, 17 गश्ती गाड़ियां, 6 रिकवरी गाड़ियां, 120 एआई कैमरे इन जिलों के लिए खरीदे जा रहे हैं. इस परियोजना का अगले चरण में दो और जिलों कांगड़ा और मंडी, इसके बाद चार अन्य प्रभावित जिले कुल्लू, सिरमौर, सोलन और ऊना को कवर किया जाएगा.

सबसे ज्यादा सड़क हादसों वाला पहाड़ी राज्य: हिमाचल प्रदेश में कुछ सालों के दौरान सड़क हादसों को देखते हुए नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के सर्वे में हिमाचल को अन्य पहाड़ी राज्यों की तुलना में सड़क हादसों में सबसे खतरनाक राज्य बताया गया है. हिमाचल में औसतन अन्य पहाड़ी राज्यों की तुलना सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं सामने आती हैं. हालांकि सरकार और पुलिस प्रशासन द्वारा किए प्रयासों के चलते 2023 में 13 फीसदी सड़क दुर्घटनाएं कम हुई हैं, लेकिन हिमाचल में जिस तरह से आए दिन सड़क हादसों के मामले सामने आ रहे हैं, उसके सामने 13 फीसदी हादसों में कमी का आंकड़ा कम नजर आता है. हिमाचल प्रदेश पुलिस एएसपी टीटीआर नरवीर सिंह राठौर ने प्रदेश सड़क हादसों को लेकर ये डेटा जारी किया है.

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