ETV Bharat / state

सरकारी जमीन पर अतिक्रमण, 30 पेड़ भी काटे, हाईकोर्ट ने प्रधान सचिव वन को नोटिस जारी कर मांगा जवाब

ठियोग के रहने वाले व्यक्ति रमेश ठाकुर की एक याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और पेड़ काटने के मामले में कड़ा संज्ञान लिया है. पढ़ें पूरी खबर...

Himachal Pradesh High Court.
Himachal Pradesh High Court.
author img

By

Published : Mar 10, 2023, 10:08 PM IST

शिमला: सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और पेड़ काटने के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने ठियोग के रहने वाले व्यक्ति रमेश ठाकुर की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई की. रमेश ठाकुर ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने की शिकायत को लेकर जनहित याचिका दाखिल की थी.

याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने वन विभाग के प्रधान सचिव व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर सभी प्रतिवादियों से जबाब दाखिल करने को कहा है.रमेश ठाकुर की तरफ से दाखिल की गई जनहित याचिका में दर्ज किए गए तथ्यों के अनुसार प्रतिवादी रोशन लाल, धनी राम और चेत राम ने ऊपरी शिमला के गांव शरमालटू में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया हुआ है.

यही नहीं, धनी राम और चेत राम ने सरकारी भूमि से 30 हरे पेड़ों को भी काट दिया है. सरकारी जमीन से काटे गए हरे पेड़ों की लकड़ी का इस्तेमाल जमीन के इर्द-गिर्द बाड़बंदी के लिए किया गया है. हैरानी की बात है कि सक्षम अदालत ने चेत राम के खिलाफ बेदखली आदेश भी पारित किए हुए हैं, लेकिन वन विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के कारण अभी भी वह अवैध कब्जा जमाए हुए है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि निजी प्रतिवादियों के पास बंदूक का लाइसेंस होने के कारण वो स्थानीय लोगों को डराते हैं. बंदूक के डर की वजह से कोई भी उनकी शिकायत नहीं कर पाता है. हाईकोर्ट को बताया गया कि प्रार्थी ने इस बारे में वन विभाग व पुलिस अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई.

हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में प्रार्थी ने सरकारी भूमि से अवैध कब्जे छुड़ाने को लेकर अदालत से उचित आदेश पारित करने की मांग की है. याचिका में प्रधान सचिव वन सहित विभाग के मुख्य अरण्यपाल, खंड वन अधिकारी, वनरक्षक शमराला, डीसी व एसपी शिमला सहित एसएचओ थाना ठियोग, रोशन लाल, धनी राम और चेत राम को प्रतिवादी बनाया है. मामले पर सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.

ये भी पढ़ें: मणिकर्ण में हुड़दंग पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, मुख्य सचिव व अन्य को नोटिस, 13 मार्च को होगी सुनवाई

शिमला: सरकारी जमीन पर अतिक्रमण और पेड़ काटने के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कड़ा संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट की कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सबीना व न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने ठियोग के रहने वाले व्यक्ति रमेश ठाकुर की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई की. रमेश ठाकुर ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने की शिकायत को लेकर जनहित याचिका दाखिल की थी.

याचिका की प्रारंभिक सुनवाई के बाद अदालत ने वन विभाग के प्रधान सचिव व अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह के भीतर सभी प्रतिवादियों से जबाब दाखिल करने को कहा है.रमेश ठाकुर की तरफ से दाखिल की गई जनहित याचिका में दर्ज किए गए तथ्यों के अनुसार प्रतिवादी रोशन लाल, धनी राम और चेत राम ने ऊपरी शिमला के गांव शरमालटू में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया हुआ है.

यही नहीं, धनी राम और चेत राम ने सरकारी भूमि से 30 हरे पेड़ों को भी काट दिया है. सरकारी जमीन से काटे गए हरे पेड़ों की लकड़ी का इस्तेमाल जमीन के इर्द-गिर्द बाड़बंदी के लिए किया गया है. हैरानी की बात है कि सक्षम अदालत ने चेत राम के खिलाफ बेदखली आदेश भी पारित किए हुए हैं, लेकिन वन विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत के कारण अभी भी वह अवैध कब्जा जमाए हुए है.

याचिका में आरोप लगाया गया है कि निजी प्रतिवादियों के पास बंदूक का लाइसेंस होने के कारण वो स्थानीय लोगों को डराते हैं. बंदूक के डर की वजह से कोई भी उनकी शिकायत नहीं कर पाता है. हाईकोर्ट को बताया गया कि प्रार्थी ने इस बारे में वन विभाग व पुलिस अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन उनके खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की गई.

हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में प्रार्थी ने सरकारी भूमि से अवैध कब्जे छुड़ाने को लेकर अदालत से उचित आदेश पारित करने की मांग की है. याचिका में प्रधान सचिव वन सहित विभाग के मुख्य अरण्यपाल, खंड वन अधिकारी, वनरक्षक शमराला, डीसी व एसपी शिमला सहित एसएचओ थाना ठियोग, रोशन लाल, धनी राम और चेत राम को प्रतिवादी बनाया है. मामले पर सुनवाई तीन सप्ताह बाद होगी.

ये भी पढ़ें: मणिकर्ण में हुड़दंग पर हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, मुख्य सचिव व अन्य को नोटिस, 13 मार्च को होगी सुनवाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.